लाइलाज नहीं है ल्‍यूकोरिया, बचाव और सावधानियां भी दिला सकती हैं रोग से छुटकारा

स्त्रियों को आमतौर पर जिन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ल्यूकोरिया भी उनमें से एक है। क्यों होता है ऐसा जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
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लाइलाज नहीं है ल्‍यूकोरिया, बचाव और सावधानियां भी दिला सकती हैं रोग से छुटकारा


जागरूकता के अभाव में ल्यूकोरिया को लेकर स्त्रियों के बीच कई तरह की भ्रामक धारणाएं प्रचलित हैं। दरअसल वजाइना में ल्युब्रिकेशन बनाए रखने के लिए सफेद रंग के चिपचिपे पदार्थ का हलका सिक्रीशन होता है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक है। पीरियड्स या सहवास से पहले होने वाला इसका सिक्रीशन दर्द से बचाव मे मददगार होता है। यह वजाइनल ड्राईनेस से बचाने में मददगार होता है। कई बार शरीर के इस हिस्से में बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन की वजह से स्त्रियों को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं तो उसी अवस्था को ल्यूकोरिया कहा जाता है। मेनोपॉज़ के बाद स्त्रियों में यह सिक्रीशन लगभग बंद हो जाता है। ऐसे में ड्राईनेस की वजह से उन्हें रैशेज या दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

 

क्या है वजह

  • पर्सनल हाइजीन की कमी
  • कुपोषण और रक्ताल्पता
  • कमज़ोर इम्यून सिस्टम
  • एंटीबायोटिक्स का अधिक मात्रा में सेवन
  • यूटीआई, फंगल या यीस्ट इंफेक्शन की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।

जांच एवं उपचार

स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा वजाइना और सर्विक्स एरिया की जांच की जाती है। संक्रमण होने पर कुछ खास तरह के वजाइनल टैब्लेट्स दिए जाते हैं, जिन्हें प्रभावित हिस्से के भीतर रखना होता है। अगर इससे लाभ न हो तो इसके साथ कुछ एंटीबायोटिक दवाएं खाने की भी सलाह दी जाती है। उपचार के बाद आमतौर पर यह समस्या दस-पंद्रह दिनों में दूर हो जाती है।

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कैसे करें बचाव

  • निजी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  • हमेशा सूती अंडर गारमेंट्स पहनें और उन्हें दिन में दो बार बदलें।
  • बारिश के मौसम में विशेष सजगता बरतें क्योंकि गीले अंडरगारमेंट की वजह से बहुत जल्दी फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।
  • यूरिन डिस्चार्ज के बाद प्राइवेट पार्ट को पानी से साफ करना न भूलें पर ध्यान रहे कि इसके लिए साबुन आदि का इस्तेमाल न करें क्योंकि शरीर के इस हिस्से में संक्रमण से लडऩे वाले कुछ तत्व मौज़ूद होते हैं, जो अधिक सफाई की वजह से नष्ट हो जाते हैं। 
  • अगर इन्फेक्शन हो तो सहवास से दूर रहें।  
  • अगर प्रग्नेंसी के दौरान या डिलिवरी के बाद ऐसी समस्या हो तो बिना देर किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह ले क्योंकि ऐसी स्थिति में यह संक्रमण अधिक नुकसानदेह साबित हो सकता है।
  • घर के टॉयलेट की सफाई का पूरा ध्यान रखें और पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से पहले भी फ्लश चलना न भूलें।
  • शरीर में आयरन का लेवल और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जि़यों और विटमिन सी युक्त फलों और सब्जि़यों, जैसे-संतरा, नींबू, अनार, सेब, केला, खजूर, चुकंदर और पालक को प्रमुखता से शामिल करें। इससे इम्यून सिस्टम मज़बूत बनेगा और संक्रमण की समस्या नहीं होगी।  
  • अगर कोई लक्षण नज़र आए तो बिना देर किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

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प्रमुख लक्षण

  • अधिक मात्रा में और लंबे समय तक व्हाइट डिस्चार्ज
  • खुजली, जलन और दर्द
  • बार-बार यूरिन डिस्चार्ज करना
  • आमतौर पर यह डिस्चार्ज सफेद और गंधहीन होता है पर संक्रमण होने पर इसकी रंगत में बदलाव के साथ बदबू भी आने लगती है।
  • पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द
  • गंभीर स्थिति में चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छाना और जी मिचलाना 

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