What Is Splash Pregnancy In Hindi: क्या कभी आपने सुना है कि कोई महिला बिना शारीरिक संबंध स्थापित किए प्रेग्नेंट हो गई है? आपको लग सकता है कि अब तो ऐसे कई मेडिकल प्रोसीजर आग गए हैं, जिनमें महिलाएं बिना इंटरकोर्स किए भी प्रेग्नेंट हो सकती हैं, जैसे आईवीएफ या सरोगेसी। आपको बता दें कि हम यहां इस तरह की प्रेग्नेंसी की बात नहीं कर रहे हैं। हम एक ऐसी प्रेग्नेंसी की बात कर रहे हैं, जिसमें महिला बिना संभोग क्रिया के गर्भवती हो सकती है। इसी को हम स्प्लैश प्रेग्नेंसी के नाम से जानते हैं। सवाल है, ऐसी स्थिति क्यों आती है? आखिर इस स्थिति का मुख्य कारण क्या हो सकता है? आइए, वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
स्प्लैश प्रेग्नेंसी क्या है?
स्प्लैश प्रेग्नेंसी सामान्य प्रेग्नेंसी ही होती है। लेकिन, यह प्रेग्नेंसी तब होती है जब संभोग किए बिना वीर्य योनि या वल्वर एरिया में पहुंच जाता है। इस दौरान अगर महिला काफी ज्यादा फर्टाइल होती या वह ओवुलेशन पीरियड से गुजर रह होगी, तो इस कंडीशन में गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है। अंग्रेजी में इसे वर्जिन प्रेग्नेंसी के नाम से भी जाना जाता है।
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स्प्लैश प्रेग्नेंसी का कारण
सामान्यतौ पर यही अवधारणा है कि संभोग के दौरान जब वीर्य महिला की योनि में प्रवेश कर जाते हैं, तभी वह कंसीव कर सकती है। गर्भधारण करने की संभावना पीरियड्स के पहले या पीरियड्स के बाद अधिक होती है। यही कारण है कि जो महिलाएं कंसीव करने की चाह रखती हैं, डॉक्टर उन्हें ओवुलेशन पीरियड्स में शारीरिक संबंध स्थापित करने की सलाह देते हैं। बहरहाल, स्प्लैश प्रेग्नेंसी की बात करें, तो इसका मुख्य कारण है कि ओर सीमन का डिवाइडिंग टिश्यू के जरिए होते हुए एग्स की ओर फर्टालाइज होने के लिए जाना। ध्यान रखें कि महिलाओं के शरीर में मौजूद एग्स स्पर्म को हमेशा एक खास किस्म का इंडिकेशन देते हैं, जिनको समझते हुए वीर्य उन्हीं की दिशा की ओर बहते हुए चलते हैं। इसका मतलब है कि अगर वीर्य योनि में प्रवेश करने के बजाय आसपास के क्षेत्र में मौजूद हो, तो भी उसके एग्स की ओर फ्लोट करने की संभावना बनी रहती है। इससे महिला में गर्भधारण करने की संभावना होती है। i
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स्प्लैश प्रेग्नेंसी के लक्षण
स्प्लैश प्रेग्नेंसी एक तरह से अनजाने में कंसीव करने को कह सकते हैं। लेकिन, अगर कोई महिला इस तरह कंसीव कर लेती है, तो उन्हें इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लक्षण बिल्कुल सामान्य प्रेग्नेंसी जैसे ही होते हैं। इसलिए, अगर आपको बेबी के लिए तैयार नहीं हैं, तो बेहतर है कि इस संबंध में एक्सपर्ट से पूछें। स्प्लैश प्रेग्नेंसी के लक्षण-
- पीरियड्स मिस होना। सामान्य प्रेग्नेंसी की ही तरह स्प्लैश प्रेग्नेंसी होने पर महिला के पीरियड्स मिस हो सकते हैं। ध्यान रखें कि यह सबसे पहला लक्षण होता है, जिससे प्रेग्नेंसी की संभावना व्यक्त की जा सकती है।
- ब्रेस्ट में टेंडरनेस महसूस होना। स्प्लैश प्रेग्नेंसी हो या सामान्य प्रेग्नेंसी। दोनों ही कंडीशन में महिला को ब्रेस्ट टेंडरनेस महसूस हो सकती है। हालांकि, ऐसा पीरियड्स और ओवुलेशन के समय भी हो सकता है।
- बार-बार पेशाब आना। जब महिलाओं को बार-बार पेशाब आने लगे, तो इसे भी प्रेग्नेंसी के संकेत समझा जाता है। एसे इसलिए, क्योंकि कंसीव करने के बाद अक्सर पेट के निचले हिस्से में दबाव बनने लगता है। ऐसे में ब्लैडर पर भी प्रेशर बनता है, जिससे बार-बार पेशा बआने की समस्या बढ़ जाती है।
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