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Shopping Addiction: शॉपिंग एडिक्शन क्या है? 35 वर्षीय अनन्या की केस स्टडी से समझें बीमारी को

What Is Shopping Addiction In Hindi: शॉपिंग एडिक्शन होने पर व्यक्ति की रोजमर्रा की जिंदगी और प्रोफेशनल लाइफ इफेक्टेड होने लगती है।
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Shopping Addiction: शॉपिंग एडिक्शन क्या है? 35 वर्षीय अनन्या की केस स्टडी से समझें बीमारी को

What Is Shopping Addiction In Hindi: 35 वर्षीय अनन्या को किसी भी आम आदमी की तरह शॉपिंग करना पसंद था। लेकिन, पिछले कुछ सालों उसकी शॉपिंग की आदत में बदलाव होने लगे थे। वह किसी भी बहाने से शॉपिंग करने जाना चाहती थी। यहां तक कि घर में शॉपिंग को लेकर झूठ बोलने लगी थी और शॉपिंग की वजह से हो रहे खर्च को अक्सर छिपाने की कोशिश करती थी। असल परेशानी तब बढ़ी, जब उसने अपने परिवार से शॉपिंग के कारण बात-बात में झूठ बोलना शुरू कर दिया। शॉपिंग की वजह से उसकी रेगुलर लाइफ, रिश्ते और करियर प्रभावित होने लगा। शॉपिंग की वजह से वह अपनी कई जिम्मेदारियों को भी निभा नहीं पा रही थी। जब वह अपनी परेशानियों से डील नहीं कर पा रही थी, तब वह एक्सपर्ट से मिली। वहां उसे पता चला कि उसे शॉपिंग एडिक्शन है।

यह केस स्टडी हमारे साथ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने शेयर की है। वह अनन्या का ट्रीटमेंट कर रही थीं। ट्रीटमेंट के दौरान उन्हें रियलाइज हुआ कि अनन्या Shopping Addiction से ग्रस्त है।

ओनलीमायहेल्थ ऐसे मानसिक विकारों और रोगों की बेहतर तरीके से समझने के लिए ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के जरिए हम आपको अलग-अलग तरह के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में बता रहे हैं। इसके तहत आपको बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के संबंध में विस्तार से जान सकेंगे। आज इस सीरीज में आपको अनन्या की केस स्टडी की मदद से ‘Shopping Addiction’ के बारे में बताने जा रहे हैं।

What Is Shopping Addiction In Hindi:

शॉपिंग एडिक्शन क्या है?- What Is Shopping Addiction In Hindi

शॉपिंग एडिक्शन जिसे कंपलसिव बाइंग डिसऑर्डर (Compulsive Buying Disorder) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह का बिहेवियरल एडिक्शन है, जिसे व्यक्ति चाहकर भी कंट्रोल नहीं कर पाता है। शॉपिंग का एडिक्शन होने पर लोग अक्सर फानेंशियल, इमोशनल और सोशल स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं। शॉपिंग एडिक्शन एक ऐसी लत है, जो व्यक्ति को हर समय शॉपिंग को लेकर बिजी रखती है, जिस पर अनावश्यक रूप से बहुत ज्यादा समय और पैसा खर्च होता है। इसका नतीजा जानते हुए भी व्यक्ति खुद को इस लत से दूर नहीं रख पाता है।

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शॉपिंग एडिक्शन का लक्षण- Symptoms Of Shopping Addiction In Hindi

Symptoms Of Shopping Addiction In Hindi

  • शॉपिंग एडिक्शन का शिकार व्यक्ति किसी भी हाल में खुद को शॉपिंग से दूर नहीं कर पाता है।
  • शॉपिंग एडिक्शन की वजह से उसका ज्यादा खर्च बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति कई बार कर्ज में डूब जाता है।
  • शॉपिंग एडिक्शन का मरीज अक्सर चीजों की खरीदारी के बारे में सोचता रहता है।
  • शॉपिंग एडिक्शन का शिकार व्यक्ति अक्सर अपनी खरीदी हुई चीजें दूसरों से छिपाकर रखने की कोशिश करता है या फिर अपनी खरीदारी के बारे में किसी को बताता नहीं है।
  • बहुत ज्यादा शॉपिंग करने की वजह से व्यक्ति बहुत ज्यादा अपराधबोध, स्ट्रेस या डिप्रेशन से घिर जाता है।
  • शॉपिंग एडिक्शन की वजह से मरीज अपने रेगुलर कामकाज, सोशल जिम्मेदारियों और परिवार की जिम्मेदारियों से दूर भागने लगता है।

शॉपिंग एडिक्शन का कारण- Causes Of Shopping Addiction In Hindi

Causes Of Shopping Addiction In Hindi

  • साइकोलॉजिकल फैक्टरः कई बार व्यक्ति में लो-सेल्फएस्टीम होने, एंग्जायटी या डिप्रेशन से डील करने के लिए शॉपिंग की शुरुआत करता है। यह आदत एक समय बाद लत में बदल जाती है।
  • सामाजिक प्रभावः कई बार व्यक्ति खुद को समाज के सामने ज्यादा प्रभावशाली साबित करना चाहता है, तो वह अपने लिए कुछ नए मानक यानी पैरामीटर सेट कर लेता है। नतीजतन, व्यक्ति शॉपिंग एडिक्शन का शिकार हो जाता है।
  • जेनेटिक कारकः अगर घर में पहले किसी को इस तरह की परेशानी रही है, तो भावी पीढ़ी में भी किसी को शॉपिंग एडिक्शन हो सकता है।
  • माहौल का प्रभावः कई बार तनाव या लाइफ में बोरियत को दूर करने के लिए लोग शॉपिंग करते हैं। बार-बार अपनी इसी आदत को दोहराने की वजह से यह एक समय बाद एडिक्शन का रूप ले लेती है।
  • न्यूरोबायोलॉजिकल फैक्टरः ब्रेन केमिकस्ट्री भी इस तरह की परेशानी में अहम रोल निभाती है।

शॉपिंग एडिक्शन का ट्रीटमेंट- Treatment Of Shopping Addiction In Hindi

Treatment Of Shopping Addiction In Hindi

  • शॉपिंग एडिक्शन का ट्रीटमेंट थेरेपी की मदद से किया जा सकता है। इसमें मरीज की इमोशनल जरूरतों को समझने की कोशिश की जाती है, जो उन्हें शॉपिंग के लिए प्रेरित करती है।
  • कुछ मामलों में मरीज की स्थिति को महज काउंसलिंग या थेरेपी की मदद से रोका नहीं जा सकता है। ऐसी कंडीशन में दवा की मदद ली जाती है। इसमें एंटीडिप्रेसेंट या मूड स्टेबलाइजर्स जैसी मेडिसिन परामर्श के तौर पर दी जाती हैं।
  • एक्सपर्ट्स कई बार मरीजों को उन लोगों से जुड़ने की सलाह देते हैं, जो उन्हीं की तरह शॉपिंग एडिक्शन का शिकार हैं।
  • कई बार शॉपिंग एडिक्शन से लड़ने के लिए फाइनेंस एक्सपर्ट की मदद भी ली जाती है। उनकी मदद से बजट को मैनेज करना सीखा जाता है और कर्ज से कैसे छुटकारा मिले, इस पर काम किया जाता है।
  • शॉपिंग एडिक्शन से छुटकारा पाना है, तो लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत जरूरी माना जाता है। लाइफस्टाइल में बदलावा कर उन चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जो शॉपिंग के लिए उक्साती हैं।

शॉपिंग एडिक्शन से जूझ रहे व्यक्ति की कैसे मदद करें- How To Help Someone With Shopping Addiction In Hindi

अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति ऐसा है, जो शॉपिंग एडिक्शन का शिकार है, तो उसकी मदद करने के लिए आप निम्न तरीके आजमा सकते हैं-

  • व्यक्ति विशेष की भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उनसे ऐसी बातें न करें, जो उन्हें हर्ट करती हैं।
  • एक्सपर्ट्स की मदद जरूर लें। इससे लक्षणां को कम करने और भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
  • जब भी आपकी जरूरत हो, आप मरीज के साथ रहें। जब भी वह बाहर घूमने जाएं, आप भी साथ जाएं।
  • जरूरतमंद व्यक्ति को उन चीजों से दूर रखें, जो उन्हें खरीदारी के लिए मोटीवेट करती है।
  • मरीज के साथ धैर्य से पेश आएं और उन्हें हेल्दी एक्टिविटी को मोटिवेट करेन को कहें।

अनन्या की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा कोई है, जिसे शॉपिंग एडिक्शन है, तो आप इसे अनदेखी न करें। मरीज को तुरंत एक्सपर्ट के पास ले जाएं। इस लेख में हमने ‘शॉपिंग एडिक्शन’ से जुड़ी जरूरी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com में Shopping Addcition से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।

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