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साइकॉटिक डिप्रेशन क्या है और क्यों होता है? 45 वर्षीय आशुतोष की केस स्टडी से समझें इस बीमारी को

What Is Psychotic Depression In Hindi: साइकॉटिक डिप्रेशन होने पर मरीज बहुत ज्यादा गिल्ट में रहता है,  जो उसे डीप डिप्रेशन की ओर धकेल देती है।
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साइकॉटिक डिप्रेशन क्या है और क्यों होता है? 45 वर्षीय आशुतोष की केस स्टडी से समझें इस बीमारी को

What Is Psychotic Depression Explained In Hindi: 46 वर्षीय आशुतोष अग्रवाल करीब 3 महीनों से इंटेंस गिल्ट और सैडनसे में थे। वह बहुत ज्यादा उदास रहते थे और उन्हें किसी से बातचीत करना पसंद नहीं था। कई बार, तो उन्हें अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती थीं और दिखाई देती थीं। अपनी स्थिति को वह कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे, अपने इमोशंस संभालना मुश्किल हो गया था, उसे अच्छी तरह नींद नहीं आती थी और उसे कुछ खाने का भी मन नहीं करता था। असल में, आशुतोष की कहानी बहुत ही जटिल हो चुकी थी। उसे लगता था कि दुनिया में जितनी बुरी घटनाएं घट रही हैं, वह उसके लिए जिम्मेदार है। उसने ऐसी आवाजें सुनी थीं, जो यह दावा करती थीं कि आशुतोष के कारण दुनिया में तबाही हो रही है। इसी वजह से वह अक्सर गहरे अवसाद में रहने लगा था। नतीजतन, उसकी पर्सनल लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित होती जा रही थी। ट्रीटमेंट के दौरान पता चला कि आशुताष साइकॉटिक डिप्रेशन का शिकार है, जो कि डिप्रेशन का ही एक गंभीर रूप है। इस तरह की मानसिक स्थिति होने पर मरीज को साइकोसिस के साथ हैल्यूसिनेशन और डिल्यूजन भी होने लगता है।

यह केस स्टडी हमारे साथ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने शेयर की है, जिन्होंने आशुतोष का ट्रीटमेंट किया। आशुतोष के साथ बातचीत करके और ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर प्रेरणा को पता चला कि वह साइकॉटिक डिप्रेशन का मरीज है।

ओनलीमायहेल्थ ऐसे मानसिक विकारों और रोगों की बेहतर तरीके से समझने के लिए ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के जरिए हम विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में अपने पाठकों को बता रहे हैं। इस सीरीज में हम आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के संबंध में जरूरी जानकारी दे विस्तार से बताते हैं। आज इस सीरीज में हम आपको आशुतोष की केस स्टडी की मदद से ‘साइकॉटिक डिप्रेशन’ के बारे में बताएंगे।

साइकॉटिक डिप्रेशन क्या है?- What Is Psychotic Depression In Hindi

What Is Psychotic Depression In Hindi

साइकॉटिक डिप्रेशन को डीप डिप्रेशन भी कहा जा सकता है। यह डिप्रेशन का एक गंभीर रूप् है। इस स्थिति में, मरीज उदासीनता से घिर जाता है, उसका स्लीपिंग पैटर्न और खानपान की आदतों में बदलाव होने लगता है। उसे भ्रम और मतिभ्रम होने लगता है, जैसे उसे ऐसी आवाजें सुनाई देती हैं, जो वास्तव में है ही नहीं। इसी तरह, ऐसे लोग भी दिखाई देते हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसके अलवा, साइकॉटिक डिप्रेशन के मरीज बहुत ज्यादा गिल्ट में रहते हैं।

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साइकॉटिक डिप्रेशन के लक्षण- Symptoms Of Psychotic Depression In Hindi

Symptoms Of Psychotic Depression In Hindi

आशुतोष अग्रवाल को साइकॉटिक डिप्रेशन होने पर तरह-तरह की आवजें सुनाई देती थीं, जो उसे देश-दुनिया में हो रही बुरी घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराती थीं। इसके अलवा, उसे अच्छी तरह नींद नहीं आती और खानपान की आदतें भी बदल गई थी। धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होने ल गता था। इसके अन्य लक्षणों की बात करें, तो-

  • लगातार उदासीनता से घिरे रहना या मूड खराब रहना
  • किसी भी तरह के काम में मजा न आना
  • भूख न लगना और वजन में तेजी से गिरावट आना
  • नींद में गड़बड़ी (अनिद्रा या अत्यधिक नींद आना)
  • थकान या ऊर्जा की कमी महसूस करना
  • बिना वजह अपराधबोध से घिरे रहना
  • ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होना
  • किसी भी तरह के निर्णय न ले पाना
  • बार-बार आत्महत्या का विचार आना

साइकॉटिक डिप्रेशन का कारण- Causes Of Psychotic Depression In Hindi

आशुतोष अग्रवाल को साइकॉटिक डिप्रेशन क्यों था? यह कहना मुश्किल है। लेकिन, करीब 3 महीने में साइकॉटिक डिप्रेशन से जूझते हुए आशुतोष की हालत बहुत खरबा हो चुकी थी। उसे हेल्यूसिनेशन और डिल्यूजन होने लगे थे। इसकी एक वजह यह समझी जा सकती है कि वह लंबे समय तक डिप्रेशन में थे, जो कि बाद में साइकॉटिक डिप्रेशन में बदल गया। खैर, विशेषज्ञों की मानें, तो साइकॉटिक डिप्रेशन के सटीक कारणों के बारे में नहीं पता चला है। इसके बावजूद, निम्न कारण इस प्रकार हैं-

जेनेटिक्सः डिप्रेशन या किसी भी तरह का मेंटल डिसऑर्डर होने का रिस्क तब बढ़ जाता है, जब घर में पहले से किसी को वह डिसऑर्डर हो।

केमिकल इंबैलेंसः न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन, मूड को बैलेंस रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें गड़बड़ी होने पर साइकॉटिक डिप्रेशन हो सकता है।

दुर्घटनाः अगर किसी ने बचपन में कोई बुरी दुर्घटना देखी हो या किसी के साथ मोलेस्टेशन हुआ हो, तो वह इस तरह की परेशानी का शिकार हो सकता है या फिर डिप्रेशन ट्रिगर हो सकता है।

हार्मोनल बदलावः हार्मोन में असंतुलन, विशेष रूप से महिलाओं में, होने पर भी डिप्रेशन हो सकता है।

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साइकॉटिक डिप्रेशन का ट्रीटमेंट- Treatment Of Psychotic Depression In Hindi

आशुतोष अग्रवाल के ट्रीटमेंट के दौरान डॉ. कोहली ने काफी सावधानी बरती थी। असल में, आशुतोष गहरे डिप्रेशन में जा चुका था और उन बातों को लेकर गिल्ट में था, जो उसने की ही नहीं थी। इस स्थिति में उसे सही दवाईयों की मदद से और साइकोथेरेपी की मदद से सही ट्रीटमेंट किया गया। इसके अलावा, उसे उसके फैमिली का भी पूरा सपोर्ट मिला। ध्यान रखें कि फैमिली सपोर्ट किसी तरह की मेंटल इलनेस से उबरने के लिए बहुत जरूरी है। साइकॉटिक डिप्रेशन के अन्य ट्रीटमेंट के तरीके इस प्रकार हैं-

मेडिसिनः साइकॉटिक डिप्रेशन से राहत पाने के लिए एक्सपर्ट की मदद से मरीज को दवाईयां दी जाती हैं। एक्सपर्ट्स लक्षणों को बैलेंस करने के लिए एंटीसाइकॉटिक दवाएं भी निर्धारित कर सकते हैं।

साइकोथेरेपीः साइकॉटिक डिप्रेशन का ट्रीटमेंट के लिए, मरीज को टॉक थेरेपी दी जाती है। इससे मरीज को काफी मदद मिलती है।

अपनों का सपोर्टः साइकॉटिक डिप्रेशन का इलाज करने के लिए बहुत जरूरी है कि मरीज को अपनों का सपोर्ट मिले।

इसके अलावा, अगर मरीज की सिचुएशन बहुत खराब हो जाए, तो कई बार उसे हॉस्पीटल में एडमिट करना पड़ता है।

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साइकॉटिक डिप्रेशन के मरीज की मदद कैसे करें- How To Help Someone With Psychotic Depression In Hindi

What Is Psychotic Depression Explained In Hindi

साइकॉटिक डिप्रेशन के मरीज की मदद करने के लिए जरूरी है कि आपको कुछ चीजें पता होना चाहिए-

एक्सपर्ट की मदद के लिए मोटिवेट करेंः साइकॉटिक डिप्रेशन के मरीजों को आप घर में ट्रीटमेंट नहीं कर सकते हैं। इसलिए, उन्हें एक्सपर्ट के पास ले जाएं और प्रोफेशनल मदद लें।

इमोशनल सपोर्ट देंः साइकॉटिक डिप्रेशन के मरीजों की मदद करना आसान नहीं है। इसलिए, अपना धैर्य बनाए रखें। इसके अलावा, मरीज को इमोशनल सपोर्ट जरूर दें।

सेफ्टी का ध्यान रखेंः यदि व्यक्ति गंभीर लक्षणों का अनुभव कर रहा है या खुद को नुकसान पहुंचाने या आत्महत्या के बारे में सोच रहा है, तो आप उसकी सेफ्टी का ध्यान रखें। हर समय में इमर्जेंसी के लिए तैयार रहें।

रोजमर्रा के काम में मदद करेंः साइकॉटिक डिप्रेशन के मरीजों के लिए रोजमर्रा के काम करना आसान नहीं है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी मदद करें। लेकिन, आप स्वयं उनके सारे काम न करें। कुछ-कुछ काम उन्हें खुद करने दें।

खुद को एजुकेट करेंः साइकॉटिक डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक रोग है। आप इस रोग के मरीज की तब तक मदद नहीं कर सकते हैं, जब तक आपको स्वयं इसके बारे में जानकारी नहीं होगी। इसलिए, इस संबंध में खुद को एजुकेट जरूर करें।

आशुतोष अग्रवाल की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा कोई है, जिसे साइकॉटिक डिप्रेशन है, तो आप सावधान हो जाएं। उसे लेकर तुरंत एक्सपर्ट के पास जाएं। इस लेख में हम ‘साइकॉटिक डिप्रेशन' से जुडी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com में 'Psychotic Depression' से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।

image credit: freepik

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