Hyperpigmentation Causes: पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन त्वचा की एक स्थिति है। इसमें त्वचा पर सूजन आने या चोट लगने के बाद काले धब्बे पड़ने लगते हैं। दरअसल, ऐसे में त्वचा को रंग देने वाला कंपाउंड मेलेनिन ज्यादा प्रड्यूज होने लगता है। इसके कारण त्वचा का रंग सामान्य से गहरा लगने लगता है। ऐसे में त्वचा पर गहरे रंग के धब्बे बन जाते हैं जो कई हफ्तों, महीनों और सालों तक भी ऐसे ही बने रहते हैं। यह समस्या हर स्किन टाइप और कॉम्प्लेक्शन वाले व्यक्ति हो सकती है। लेकिन डार्क कॉम्प्लेक्शन वाले लोगों को यह समस्या ज्यादा होती है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात कि सीके बिरला हॉस्पिटल (गुरुग्राम) से कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी डॉ. रूबेन भसीन पासी से।
पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण- Causes of Post Inflammatory Hyperpigmentation
पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन होने के कई कारण हो सकते हैं, जिन पर गौर करना जरूरी है।
- मुंहासे, चोट, एक्जिमा, सोरायसिस और एलर्जी जैसी त्वचा संबंधी स्थितियों के कारण त्वचा में सूजन आ सकती है। यह समस्या हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकती हैं।
- कुछ मामलों में केमिकल एक्सपोजर, लेजर ट्रीटमेंट, और माइक्रोडर्माब्रेशन जैसे स्किन ट्रीटमेंट के दौरान हुई गलतियां भी पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकती हैं।
- अगर आप धूप में ज्यादा जाते हैं, तो ऐसे में यूवी रेज के संपर्क में आने से हाइपरपिग्मेंटेशन हो सकती है। क्योंकि ऐसे में त्वचा में मेलेनिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकता है।
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पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन को ठीक कैसे करें- How To Deal With Post-Inflammatory Hyperpigmentation
पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर ये ट्रीटमेंट ले सकते हैं-
क्विनॉल- Quinol
डॉक्टर की सलाह पर क्विनॉल इस्तेमाल कर सकते हैं। यह त्वचा से काले धब्बों को कम करने वाला एजेंट होता है। यह मेलेनिन का प्रोडक्शन कम करता है और इससे त्वचा से पिग्मेंटेशन भी खत्म होता है।
विटामिन वाली कोई क्रीम- Vitamin Content Cream
इसके अलावा आप विटामिन ए, विटामिन सी, एज़ेलिक एसिड वाली कोई क्रीम या जेल इस्तेमाल कर सकते हैं। ये चीजें सेल टर्नओवर बढ़ाने और समय के साथ हाइपरपिग्मेंटेशन कम करने में मदद कर सकती हैं।
केमिकल पीलिंग- Chemical Peeling
केमिकल पीलिंग हाइपरपिग्मेंटेशन कम करने के लिए अच्छा विकल्प हो सकती हैं। इसमें ग्लाइकोलिक एसिड और सैलिसिलिक एसिड जैसे कंपाउंड होते हैं, जिनके इस्तेमाल से त्वचा से पीलिंग होती है। इससे त्वचा को एक्सफोलिएट करने और काले धब्बों को कम करने में भी मदद मिलती है।
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लेजर थेरेपी- Laser Therapy
लेजर थेरेपी से इस हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने में मदद मिलती है। क्योंकि इसमें त्वचा की गहराई तक कंपाउंड पहुंचाया जाता है। इससे त्वचा में मेलेनिन कम होता है और डार्क सेल्स का प्रोडक्शन कम होता है। इसके अलावा आप फ्रैक्शनल लेजर रिसर्फेसिंग अपना सकते हैं। यह त्वचा में नए सेल्स बढ़ाने में भी मदद करता है।
सन प्रोटेक्शन- Sun Protection
पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन को बढ़ने से रोकने के लिए अच्छे एसपीएफ वाली सनस्क्रीन जरूर इस्तेमाल करें। इससे त्वचा में मेलेनिन सेल्स कंट्रोल होती हैं और त्वचा की रंगत सामान्य रहती है।
अगर आपको शरीर के किसी भी हिस्से में हाइपरपिग्मेंटेशन है, तो इसे अवॉइड न करें। डॉक्टर से जल्द से जल्द सलाह लें, जिससे समस्या को कंट्रोल भी किया जा सके। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।