शरीर पर हाइपर पिग्मेंटेशन (गहरे काले धब्बे) के क्या कारण हो सकते हैं? जानें इसे कम करने के उपाय

हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण आपकी सुंदरता खराब हो सकती है। इसके लिए आप कई तरह के घरेलू उपचार का सहारा भी ले सकते हैं।
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शरीर पर हाइपर पिग्मेंटेशन (गहरे काले धब्बे) के क्या कारण हो सकते हैं? जानें इसे कम करने के उपाय

हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण आपकी त्वचा में गहरे काले धब्बे हो जाते है। यह आपकी स्किन की सुंदरता खराब कर सकते हैं। दरअसल हाइपरपिग्मेंटेशन तब होता है जब त्वचा अधिक मेलेनिन का उत्पादन करती है। इससे त्वचा के धब्बे या पैच आसपास के क्षेत्रों की तुलना में गहरे दिखाई दे सकते हैं। हाइपरपिग्मेंटेशन त्वचा की एक सामान्य स्थिति है। यह सभी प्रकार की त्वचा को प्रभावित कर सकता है। हाइपरपिग्मेंटेशन के अन्य रूपों में  मेलास्मा और सन स्पॉट शामिल हैं, इस स्थिति में आपकी त्वचा का वह हिस्सा प्रभावित होता है, जो सूर्य के सीधे संपर्क में आता है। इससे चेहरे, हाथ और पेरों में काले धब्बे हो सकते हैं। हाइपरपिग्मेंटेशन चोट या त्वचा की सूजन के कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि कटना, जलन, मुंहासे या ल्यूपस। ये शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं। हालांकि त्वचा में मेलेनिन का अधिक उत्पादन हानिरहित होता है लेकिन यह किसी अन्य परेशानी के संकेत हो सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण (Hyperpigmentation on Body Causes)

1. सन एक्सपोजर के कारण

त्वचा को लंबे समय तक धूप के संपर्क से बचाने के लिए शरीर अधिक मेलेनिन का उत्पादन करता है। इससे त्वचा पर काले धब्बे या सन स्पॉट कहा जाता है।

2. त्वचा की सूजन

लोगों की त्वचा में सूजन होने के बाद त्वचा का वे हिस्सा काले पड़ सकते हैं। इसमें मुँहासे, एक्जिमा, ल्यूपस, या त्वचा की चोट शामिल है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन विकसित होने की संभावना अधिक होती है। 

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Image Credit- Freepik

3. मेलास्मा

मेलास्मा की समस्या तब होती है, जब लोग हार्मोनल परिवर्तन का अनुभव करते हैं तो त्वचा में गहरे धब्बे बन सकते हैं। इस प्रकार की समस्या गर्भावस्था के दौरान आम है।

4. नशीली दवाओं का रिएक्शन

हाइपरपिग्मेंटेशन की दिक्कत नशीली दवाओं के रिएक्शन के कारण हो सकता है। कुछ दवाएं, जैसे मलेरिया रोधी दवाएं और ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकती हैं। इन मामलों में आपकी त्वचा के धब्बे भूरे हो सकते हैं।

5. हेल्थ कंडीशन

हाइपरपिग्मेंटेशन के अधिक गंभीर कारणों में एडिसन रोग और हेमोक्रोमैटोसिस शामिल हैं। एडिसन रोग अधिवृक्क ग्रंथियों को प्रभावित करता है। यह त्वचा, होंठ, कोहनी, घुटनों, पैर की उंगलियों और गाल वाले हिस्सों पर होने की आशंका होती है। इससे आपको थकान, कमजोरी, उल्टी, दस्त और चक्कर भी आ सकते हैं। इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

6. हेमोक्रोमैटोसिस 

यह एक जेनेटिक स्वास्थ्य स्थिति होती है, जिसके कारण शरीर में अधिक आयरन का उत्पादन होता है। इससे त्वचा का रंग गहरा या टैन्ड हो जाता है। इसके अन्य लक्षणों की बात करें, तो इसमें थकान, पेट दर्द, जोड़ों का दर्द और वजन घटाने जैसी दिक्कतें आ सकती है। 

इसे भी पढ़ें- क्यों होता है पिगमेंटेशन (मेलाज्मा)? Pooja Makhija से जानें 5 आम कारण और बचाव के टिप्स

हाइपरपिग्मेंटेशन से कैसे छुटकारा पाएं

हालांकि हाइपरपिग्मेंटेशन हानिरहित होते है लेकिन कुछ लोग इससे छुटकारा पाना चाहते हैं। इसके लिए लोग कई उपचार और घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं। 

1. धूप के संपर्क में आने से बचें

हाइपरपिग्मेंटेशन के काले धब्बों से बचने के लिए त्वचा को धूप के संपर्क में कम आने दें । हाइपरपिग्मेंटेशन को अधिक गहरा होने से रोकने के लिए 30 या उससे अधिक के एसपीएफ़ वाले सनस्क्रीन का उपयोग करें। 

2. त्वचा पर चोट का निशान 

चोट के बाद हाइपरपिग्मेंटेशन को बनने से रोकने के लिए आपको धब्बे, पपड़ी और मुंहासों नहीं होने देना चाहिए। हाइपरपिग्मेंटेशन को दूर करने के लिए आप कई तरह की क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे एजेलिक एसिड, कोर्टिकोस्टेरोइड, कोजिक अम्ल, रेटिनोइड्स और विटामिन सी युक्त क्रीम काफी फायदेमंद हो सकता है। 

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3. कॉस्मेटिक प्रक्रियाएं

हाइपरपिग्मेंटेशन की उपस्थिति को कम करने के लिए कुछ कॉस्मेटिक प्रक्रियाएं त्वचा के काले धब्बों को कम कर सकती है। इसके लिए आप लेजर थेरेपी और केमिकल्स के इस्तेमाल की मदद से इसे कम कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ताकि कोई इस प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो। 

हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए  घरेलू उपचार

कुछ घरेलू उपचार की मदद से आप हाइपरपिग्मेंटेशन वाले क्षेत्र को हल्का कर सकता है लेकिन इसका इस्तेमाल प्रभावित हिस्से में करने से पहले आपको पैच टेस्ट जरूर कर लेना चाहिए। अगर इसके इस्तेमाल से आपकी त्वचा में जलन या एलर्जी हो, तो तुरंत इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए। 

1. एलोवेरा

एलोवेरा में मौजूद एक यौगिक एलोसीन हाइपरपिग्मेंटेशन को हल्का कर सकता है। एलोसीन त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को रोकने का काम करता है। एलोवेरा कैप्सूल लेने से गर्भवती महिलाओं में मेलास्मा से राहत मिल सकती है। आप एलोवेरा जेल का इस्तेमाल रोज कर सकते हैं। इससे त्वचा में जलन और एलर्जी होने की संभावना कम रहती है। 

2. लीकोरिस

लीकोरिस के अर्क हाइपरपिग्मेंटेशन को हल्का कर सकते हैं। लीकोरिस में ग्लैब्रिडिन नामक एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट तत्व पाए जाते हैं, जिससे हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने में मदद मिल सकती है। आप हाइपरपिग्मेंटेशन वाले क्षेत्रों पर ग्लैब्रिडिन युक्त क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।

3. ग्रीन टी

ग्रीन टी में टीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ग्रीन टी के अर्क से आप मेलास्मा के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं और सनबर्न को कम कर सकते हैं। इससे हाइपरपिग्मेंटेशन में भी सुधार हो सकता है।

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