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Parasomnia In Hindi: क्या है पैरासोमनिया? जानें इसके लक्षण और इलाज

What Is Parasomnia Know Its Symptoms And Treatment In Hindi: पैरासोमनिया गंभीर बीमारियों में से एक है। इस तरह की बीमारी व्यक्ति की पूरी जिंदगी को उथल-पुथल कर सकती है। यहां हम आपको इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से बताएंगे-
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Parasomnia In Hindi: क्या है पैरासोमनिया? जानें इसके लक्षण और इलाज

What Is Parasomnia In Hindi: पैरासोमनिया एक नींद संबंधी विकार है। इस बीमारी के तहत नींद के दौरान व्यक्ति असामान्य व्यवहार कर सकता है। जैसे नींद में चलना, बातें करना या बुरे सपने देखना। यहां तक कि पैरासोमनिया होने पर व्यक्ति को नींद में डर लगने के जटिल अनुभव और स्लीप पैरालिसिस भी होते हैं। पैरासोमनिया लोगों को अचरज करने वाली समस्या है। ऐसा क्यों? पैरासोमनिया के कारण की बात करें, तो इसके लिए अलग-अलग कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे जेनेटिक्स, कोई मेडिकल कंडीशन, लंबे समय तक चल रही कोई दवा आदि। इसके अलावा, लंबे समय से चल रहा एंग्जाइटी और स्ट्रेस भी इसका कारण बन सकता है। इस तरह की बीमारी से कैसे बचा जा सकता है? इसके क्या लक्षण हैं और इसका ट्रीटमेंट क्या हो सकता है? इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।

पैरासोमनिया के लक्षण- Parasomnia Symptoms In Hindi

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नींद में चलना

पैरासोमनिया होने पर मरीज को नींद में चलने की समस्या हो सकती है। दिक्कत बात यह है कि जब व्यक्ति नींद से उठता है तो उन्हें यह अहसास नहीं होता है कि उन्होंने नींद में क्या किया है? हां, कभी-कभी इसकी याद बहुत धुंधली हो जाती है।

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नींद में बातें करना

कुछ लोगों को आपने नींद में बातें करते सुना होगा। यह भी पैरासोमनिया का एक लक्षण ही है। हालांकि, नींद में बातें करने वाले पूरी-पूरी बातचीत नहीं करते हैं। इसके बजाय, नींद में दो-चार शब्द फुसफुसाते हैं और कई बार तेज आवाजें भी निकालने लगते हैं।

डरावने सपने

कुछ लोगों को पैरासोमनिया होने पर रात को नींद में डरावने सपने आते हैं। यह डरावने होते हैं कि उनका शरीर पसीने से भीग जाता है और चेहरे पर तनाव की रेखाएं नजर आने लगती हैं। कई बार यह डर इतना इंटेंस होता है कि व्यक्ति नींद से जगह ही नहीं पाता है।

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सोने से डरना

कई बार कुछ लोगों को सोने के बाद इतना डर लगने लगता है कि उनकी सांसें फूलने लगती हैं, दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं। कभी-कभी ये एपिसोड्स इतने फ्रिक्वेंट यानी बार-बार होते हैं, जिससे व्यक्ति सोने से डरने लगता है।

नींद से उठने के बाद कंफ्यूजन

कुछ लोगों को ऐसा पैरासोमनिया होता है, जो नींद में क्या कुछ करने लगते हैं, उन्हें नहीं पता होता। इस स्थिति में उन्हें नींद से उठने के बाद कंफ्यूजन और अन्य होने लगता है। उन्हें लगता है कि उनके साथ कुछ हुआ पर क्या उन्हें नहीं पता। इस वजह से वह काफी कंफ्यूज रहते हैं और चीजों से रिलेट नहीं कर पाते हैं।

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पैरासोमनिया का इलाज

पैरासोमनिया मरीज को क्यों हो रहा है, उसी पर इसका इलाज निर्भर करता है। फिर भी कुछ जरूरी चीजों को आप अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं, जैसे-

  1. अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। नींद में हाइजीन का ध्यान रखें, जैसे बेडशीट साफ हो, रोजाना एक ही समय पर सोने आएं।
  2. अपने स्ट्रेस को मैनेज करें, ताकि नींद में सपने, नींद में बातें करना और नींद में चलने का जोखिम कम हो सके।
  3. एक्सपर्ट की मदद से स्ट्रेस और एंग्जाइटी को मैनेज करने के लिए कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी करवाएं।
  4. एक्सपर्ट से अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट लें और वे जो जरूरी दवाएं दें, उन्हें समय पर लें।
All Image Credit: Freepik

FAQ

  • पैरासोमनिया का क्या उपचार है?

    पैरासोमनिया की रिकवरी के लिए एक्सपर्ट दवा देते हैं और कॉग्नीटिव थेरेपी की जाती है। इसके अलावा, तनाव और एंग्जाइटी को भी मैनेज करने की कोशिश की जाती है।
  • आप पैरासोमनिया कैसे ठीक करते हैं?

    पैरासोमनिया क्यों हो रहा है, इसके कारण और लक्षणों पर ही इसका इलाज तय किया जाता है।
  • पैरासोमनिया किस उम्र में सबसे आम है?

    नॉन-आरईएम पैरासोमनिया 5 से 25 वर्ष की आयु के लोगों में अधिक देखी जाती है।

 

 

 

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