Oral Submucous Fibrosis in Hindi: ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस (Oral Submucous Fibrosis - OSMF) मुंह में होने वाली गंभीर बीमारी है। ऐसे लोग जो तंबाकू, गुटका, पान मसाला आदि का सेवन करते हैं, उनमें इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ओएसएमएफ की बीमारी में शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इलाज लेने से मरीज को जल्दी ठीक किया जा सकता है। लंबे समय तक इस बीमारी के बने रहने पर ओरल कैंसर या मुंह के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस (OSMF) के बारे में विस्तार से।
ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के कारण- What Causes Oral Submucous Fibrosis in Hindi
ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस में मुख्य रूप से मुंह में जलन व दर्द होना, स्वाद की पहचान करने की क्षमता कम होना, मुंह के अंदर के ऊतक सफेद हो जाना और म्यूकस में आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस में कुछ प्रकार के मुंह से जुड़े कैंसर होने के जोखिम भी बढ़ जाते हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस की बीमारी मुख्य रूप से तंबाकू, पान, गुटका और पान मसाला खाने वाले लोगों में होती है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को सही समय पर पहचान कर उचित कदम उठाने से आप इस गंभीर समस्या का शिकार होने से बच सकते हैं।"
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ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- तंबाकू का सेवन
- पान मसाला और गुटखा खान
- स्मोकिंग के कारण
- जीवाणु और अन्य संक्रमण की चपेट में आने से
- ओरल कैंसर के कारण
ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के लक्षण- Oral Submucous Fibrosis Symptoms in Hindi
इस बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखने में बेहद सामान्य होते हैं। इसकी वजह से ही अक्सर लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ने लगती है, इसके लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं। ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस के मुख्य लक्षण इस तरह से हैं-
- मुंह सूखने की समस्या या जिरोस्टोमिया
- मुंह में छाले होना
- जीभ में चुभन सा महसूस होना
- बोलते समय नाक से आवाज आना
- तालु नरम हो जाना
- कानों में दर्द और बहरापन
- मुंह में सूजन और दर्द
- खाने में दिक्कत होना
ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस का इलाज और बचाव- Oral Submucous Fibrosis Treatment And Prevention in Hindi
इस बीमारी में डॉक्टर मरीज की स्थिति और बीमारी के स्टेज के आधार पर इलाज करते हैं। शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता चलने पर मरीज को कुछ दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है। कुछ मरीजों जब बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है, तो उन्हें सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है। OSMF का इलाज सही समय पर होने से बीमारी को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। इलाज में देरी मरीज क लिए जानलेवा भी हो सकती है।
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ओएसएमएफ से बकने के लिए तंबाकू, पान मसाला, गुटखा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा धूम्रपान कम करने से भी इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। हेल्दी और पौष्टिक डाइट का सेवन और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने से इस गंभीर बीमारी की चपेट में आने से बच सकते हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज कराना चाहिए।
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