Imposter Syndrome in Hindi: आपने अपने जीवन में कई ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा, जो दूसरे से अधिक सक्षम होते हुए भी खुद को हमेशा कमजोर समझने लगते हैं या जिनका आत्मविश्वास हमेशा कम रहता है। दरअसल यह स्थिति इम्पोस्टर सिंड्रोम की वजह से भी हो सकती है। इम्पोस्टर सिंड्रोम एक गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या है, जिसके बारे में जानकारी की कमी के कारण लोग इसे समझ नहीं पाते हैं। इस स्थिति में इंसान अपनी रियलिटी के विपरीत होता है और हर मौके पर खुद को ही डाउट करने लगता है। कई बार इम्पोस्टर सिंड्रोम की समस्या के कारण इंसान खुद का आत्मविश्वास खो बैठता है, जिसकी वजह से उसे लाइफ, करियर और समाज में कई तरह की परेशानियां होती हैं। आइए जानते हैं इम्पोस्टर सिंड्रोम क्या है और यह स्थिति कैसे शुरू होती है?
इम्पोस्टर सिंड्रोम क्या है?- What is Imposter Syndrome?
इम्पोस्टर सिंड्रोम दरअसल एक ऐसी मनोवैज्ञानिक समस्या है, जिसकी वजह से पीड़ित इंसान हमेशा खुद की क्षमताओं पर संदेह करने लगता है और अपने आप को दूसरे से कमजोर समझने लगता है। यह समस्या ऐसे लोगों में बहुत ज्यादा देखने को मिलती है, जिन्होनें अपने जीवन में सफलता की ऊंचाइयां छुईं हैं और उसके बावजूद खुद पर शक करते हैं। ऐसे लोग जो अपने जीवन और करियर में बहुत अच्छा कर चुके होते हैं या करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन उनका कॉन्फिडेंस अन्य लोगों की तुलना में कम होता है। ऐसे लोग हमेशा खुद को ही सवालों के घेरे में ही रखते हैं। इम्पोस्टर सिंड्रोम का पता शुरुआत में ऐसी महिलाओं को देखकर लगा था, जो अपने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही खुद को दूसरे लोगों की तुलना में कमजोर और कम क्षमता वाली समझती थीं। इस सिंड्रोम की वजह से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा ऐसा लगता है कि वह शिक्षा, करियर और जीवन में अन्य लोगों की तुलना में काफी कम सफल हो पाएंगे।
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इम्पोस्टर सिंड्रोम के कारण- What Causes Imposter Syndrome in Hindi
इम्पोस्टर सिंड्रोम की समस्या ज्यादातर लोगों में उनकी पारिवारिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण होती है। ऐसे लोग जो टॉक्सिक माहौल में पीला-बढ़ें हैं या जो हमेशा अन्य लोगों से ज्यादा सफल या सक्षम होने के बारे में ही सोचते हैं, उनमें इम्पोस्टर सिंड्रोम ज्यादाता देखने को मिलता है। सफलता का दबाव या हमेशा दूसरे लोगों से आगे रहने की होड़ रखने वाले लोगों में भी यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। इम्पोस्टर सिंड्रोम के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं-
- हमेशा आगे बढ़ने या सफल होने का दबाव
- जीवन की किसी बड़ी घटना या नुकसान के कारण
- टॉक्सिक माहौल में पालन-पोषण
- मानसिक समस्याओं के कारण
- लोगों से आगे बढ़ने की होड़
- हमेशा आगे रहने की अति महत्वाकांक्षा
- भेदभाव का शिकार होना
इम्पोस्टर सिंड्रोम के लक्षण- Imposter Syndrome Symptoms in Hindi
इम्पोस्टर सिंड्रोम की समस्या से पीड़ित व्यक्ति हमेशा खुद को कमजोर आंकता है और दूसरे लोगों की तुलना में खुद को कम समझने लगता है। अन्य लोगों की तुलना में शिक्षा, करियर और जीवन में ज्यादा सफल होने के बावजूद ऐसा व्यक्ति हमेशा खुद को कमजोर समझता है और उसका कॉन्फिडेंस भी कमजोर होता है। इसकी वजह से व्यक्ति हमेशा भ्रम में रहता है और खुद पर ही शक करने लगता है। इम्पोस्टर सिंड्रोम का लंबे समय तक शिकार होने पर ऐसा व्यक्ति तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्या का शिकार हो सकता है। इम्पोस्टर सिंड्रोम से ग्रसित व्यक्तियों में ये लक्षण देखे जाते हैं-
- आत्मविश्वास कमजोर होना
- हमेशा दूसरे से खुद को कम आंकना
- हमेशा मन में असफल होने का दर बना रहना
- खुद पर संदेह करना
- खुद की क्षमता को कम आंकना
- डिप्रेशन या स्ट्रेस का शिकार होना
इम्पोस्टर सिंड्रोम से बचाव के टिप्स- Imposter Syndrome Prevention Tips
इम्पोस्टर सिंड्रोम की समस्या के लक्षण दिखने पर आपको सबसे पहले किसी एक्सपर्ट मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इस समस्या से बचने के लिए आप योग और मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं। नियमित रूप से योग और मेडिटेशन का अभ्यास करने से आपका मन शांत रहता है और मानसिक परेशानियों से उबरने में मदद मिलती है। इसके अलावा अगर आपको ऐसा लगता है कि आप इम्पोस्टर सिंड्रोम के शिकार हैं, तो अपने लोगों से परेशानियों को शेयर करें।
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