क्या होती है कपिंग थेरेपी? जानें माइग्रेन, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के इलाज में कैसे है प्रभावी

कपिंग थेरेपी में त्वचा पर वैक्यूम कप के जरिए शरीर से खून बाहर निकालकर, बीमारी को दूर किया जाता है। कई बीमारियों के इलाज में कपिंग थेरेपी प्रभावी है।
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क्या होती है कपिंग थेरेपी? जानें माइग्रेन, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के इलाज में कैसे है प्रभावी

आजकल की बदलती लाइफस्टाइल, गलत खानपान और बढ़ते तनाव के कारण लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। आज के समय में बुजुर्ग ही नहीं, युवा वर्ग के लोग भी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में, कपिंग थेरेपी के जरिए कई रोगों का इलाज किया जा रहा है। यह हजारों वर्ष पुरानी यूनानी चिकित्सा पद्धति है। कपिंग थेरेपी में त्वचा पर वैक्यूम कप के जरिए शरीर से खून बाहर निकालकर, बीमारी को दूर किया जाता है। कपिंग थेरेपी को अरबी में हिजामा और भारत में रक्त मोक्षण के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं, कपिंग थेरेपी क्या होती है और इसके फायदे क्या हैं (What is cupping therapy and its benefits)

क्या होती है कपिंग थेरेपी (What Is Cupping Therapy)

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी अंगों में रक्त का संचार होना बहुत जरूरी है। कपिंग थेरेपी शरीर के सभी हिस्सों में रक्त का संचार करती है और खून में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इससे शरीर में नए खून का निर्माण होता है और कई बीमारियां दूर होती हैं। कपिंग थेरेपी में शरीर के जिस हिस्से पर बीमारी की पहचान होती है, वहां शीशे के छोटे-छोटे कप लगाकर वैक्यूम पैदा किया जाता है। इससे कप शरीर से चिपक जाता है। अब इसके लिए मशीन का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसके 3 से 5 मिनट बाद दूषित खून जमा हो जाता है। जमा हुए गंदे खून को बाहर निकाल दिया जाता है।

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कई तरह से की जाती है कपिंग थेरेपी (Types Of Cupping Therapy)

कपिंग थेरेपी करने के कई तरीके हैं। यह मुख्य तौर पर दो तरह की होती है, ड्राई कपिंग और वेट कपिंग। इसमें से वेट कपिंग थेरेपी लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय है। 

ड्राई कपिंग (Dry Cupping)

इस प्रक्रिया में गर्म कप को प्रभावित हिस्से पर रखा जाता है, जिससे कप के अंदर वैक्यूम पैदा हो जाता है। इससे शरीर का गंदा खून कप में इकट्ठा हो जाता है। बवासीर, सायटिका अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द और हर्निया के इलाज के लिए ड्राई कपिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

Cupping-Therapy

वेट कपिंग (Wet Cupping)

इस प्रक्रिया में ड्राई कपिंग की तरह स्किन में खिंचाव पैदा किया जाता है, लेकिन स्किन की सूजन और लाल धब्बों को लाने के लिए तीन मिनट पर कप को हटा दिया जाता है। शरीर से दूषित खून निकालने के लिए छोटा चीरा लगाया जाता है। माइग्रेन, घुटनों के दर्द और अस्थमा के इलाज के लिए वेट कपिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

किन बीमारियों में है प्रभावी है कपिंग थेरेपी 

कपिंग थेरेपी के जरिए माइग्रेन, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल, पैरों में सूजन, सायटिका, त्वचा से जुड़ी बीमारियां, ह्रदय रोग, पेट के रोग, लकवा, हार्मोनल विकार, अस्थमा, डायबिटीज, मोटापा, थायरॉइड, चेहरे के मुंहासे और दाग धब्बे जैसी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। 

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इस बात का रखें खास ख्याल

आजकल कपिंग थेरेपी का चलन लोगों के बीच काफी बढ़ रहा है। कई बॉडी बिल्डर और सेलिब्रिटीज भी इसे फॉलो करते हैं। हालांकि, कपिंग थेरेपी हमेशा प्रोफेशनल एक्सपर्ट द्वारा ही करवानी चाहिए। अगर आप किसी अनप्रोफेशनल से थेरेपी करवाते हैं, तो इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही कपिंग थेरेपी करवाएं।

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