एच टी ओ तकनीक से करें गठिया का इलाज

एच टी ओ विधि मेडिकल साइंस की एक नयी तकनीक है, जिसके माध्यम से घुटना पीडि़त व्यक्ति की चिकित्सा की जाती है।
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एच टी ओ तकनीक से करें गठिया का इलाज


एच टी ओ विधि मेडिकल साइंस की एक नयी तकनीक है, जिसके माध्यम से घुटना पीडि़त व्यक्ति  की चिकित्सा की जाती है। यानी गठिया में या फिर घुटने की समस्या़ से जूझने वाले रोगियों के लिए ये नयी तकनीक कारगर है। इस नयी तकनीक के जरिए घुटना प्रत्यारोपण से आसानी से बचा जा सकता है। आइए जानें एचटीओ तकनीक के बारे में।कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें घुटना प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है लेकिन एचटीओ विधि के जरिये घुटना प्रत्यारोपण की स्थितियों से बचा जा सकता है।

HTO in Hindi

क्या है एचटीओ तकनीक

घुटना पीडि़तों के लिए एचटीओ तकनीक उन स्थितियों में कारगर होती है जब पीडि़त के घुटने टेढ़े हो चुके होते हैं, घुटने के अंदर बहुत दर्द होता हो, सीढि़यों पर चढ़ने-उतरने में रैलिंग के सहारे की जरूरत होती है, जूते-चप्पल एडि़यों के पास से बहुत जल्दी घिस जाते हो, फर्श पर उठने-बैठने में दिक्कत हो, बहुत ज्यादा दूर तक चलने में अक्षम होना, सुबह-सुबह घुटनों में दर्द की शिकायत रहती हो।आज घुटने की गठिया के नये सफल इलाज उपलब्ध हैं। एक ओर जहां ऑस्टियो आर्थराइटिस के लिए घुटना प्रत्यारोपण एकमात्र इलाज है, वहीं अब एचटीओ यानी हाई टिबियल ऑस्टियोटॅमी विधी ने घुटना प्रत्यारोपण से रोगियों के लिए इलाज के नये विकल्प खोले हैं है।
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एचटीओ तकनीक के फायदे

एचटीओ आज के समय में घुटने से परेशान होने वाले मरीजों के लिए सशक्त व सफल इलाज है। एचटीओ के इलाज की भी कई विधियां है जिनमें ओपन विधि कम उम्र के गठिया रोगियों के लिए और क्लोज विधि अधिक उम्र के रोगियों के लिए अधिक उपयोगी है।वर्तमान में एचटीओ की क्लोज विधि में जहां यह सस्ता इलाज है और आप दो सप्ताह में ठीक हो सकते है, प्लास्टर सुरक्षित रहता है और स्टेपल को इंप्लांमट किया जाता है वहीं इसकी ओपन विधि में खर्चा अधिक होता है और इसके ठीक होने में 4 सप्ताह लगते हैं इसमें प्लेट्स इंप्‍लांट की जाती है और प्लास्टर की इसमें जरूरत नहीं होती लेकिन यह विधि कम उम्र के लोगों के लिए अधिक कारगर है।


एचटीओ विधि जहां एक ओर घुटने को सुरक्षित रखने में कामयाब है वही यह विधि घुटना पीडि़तों को जल्दी आराम भी देती है।

 

Image Source-Getty

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