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बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण के हो सकते हैं ये 5 कारण, पेरेंट्स रहें सावधान

What Causes Lung Infection In Children In Hindi: बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि। जानें इनके बारे में विस्तार से-
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बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण के हो सकते हैं ये 5 कारण, पेरेंट्स रहें सावधान


What Causes Lung Infection In Children In Hindi: बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है। इसलिए, बदलते मौसम में उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। इसके बावजूद, यह देखने में आता है कि बच्चों को लंग्स से जुड़ी समस्या हो जाती है। आपको बता दें कि लंग इंफेक्शन बच्चों में काफी कॉमन है। इसका एक कारण है कि लंग इंफेक्शन बहुत आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स बहुत ज्यादा सावधानी बरतें। सवाल है, बच्चों में लंग इंफेक्शन होने के क्या-क्या कारण हैं? ध्यान रखें कि इसके पीछे कोई एक नहीं, बल्कि कई कारण जिम्मेदार हैं। इस बारे में हमने मुंबई स्थित जिनोवा शाल्बी हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. तन्वी भट्ट से बात की। आइए, जानते हैं-

बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण के कारण- What Causes Lung Infection In Children In Hindi

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1. ब्रोंकियोलाइटिस

यह भी एक तरह का कॉमन लंग इंफेक्शन है, जो कि बच्चों में देखा जाता है। खासकर, शिशुओं और छोटे बच्चों में। इसकी वजह से लंग्स में मौजूद एयरवेज में सूजन हो जाती है, जिससे अतिरिक्त बलगम बनने लगता है। इस स्थिति में बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। आपको बता दें कि यह बीमारी आमतौर वायरस की वजह से होती है। ब्रोंकियोलाइटिस होने पर शुरुआती समय में बिल्कुल सर्दी-जुकाम के लक्षण महसूस होते हैं। लेकिन, सही उपचार न किए जाने पर इसकी कंडीशन बिगड़ती चली जाती है।

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2. अस्थमा

अस्थमा एक क्रॉनिक डिजीज है। हाल के सालों में दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में जिस तरह प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, उससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बच्चों को भी अस्थमा ट्रिगर हो रहा है। यह भी लंग्स इंफेक्शन का एक मुख्य कारण बनकर उभर रहा है। यह रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ा एक इंफेक्शन है। अस्थमा होने पर एयरवेज काफी संकीर्ण हो जाती हैं, जिससे बच्चों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

3. रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस

यह अपने आप में एक तरह का लंग इंफेक्शन है। आमतौर पर यह बीमारी दो साल की उम्र से छोटे बच्चों को होती है। असल में, 2 साल से कम उम्र के बच्चे काफी ज्यादा सेंसिटिव होते हैं और बदलते मौसम में आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि अगर सांस लेने में बच्चे को तकलीफ है, सीने घरघर की आवाज आ रही है, तो यह सही संकेत नहीं हैं। इसके साथ-साथ बच्चे को खांसी हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास उसे ले जाएं।

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4. ब्रोंकाइटिस

ब्रोंकाइटिस, यह भी लंग्स इंफेक्शन की एक मुख्य वजह है। आमतौर ब्रोंकाइटिस होने पर यह रेस्पिरेटरी सिस्टम के निचले हिस्से को अधिक प्रभावित करती है। इसकी वजह से बच्चे को खांसी, बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण दिखते हैं। वैसे तो यह समस्या एक सप्ताह बाद ठीक होने लगती है। लेकिन, अगर बच्चे को सही ट्रीटमेंट न मिले, तो सप्ताह भर बाद स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसके लक्षण नजर आने पर पैरेंट्स को तुरंत अपने बच्चों को लेकर अस्पताल जाना चाहिए।

5. निमोनिया

निमोनिया एक तरह का गंभीर लंग इंफेक्शन है। आमतौर पर यह छोटे बच्चों को होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वयस्कों को यह बीमारी नहीं होती है। विशेषज्ञों की मानें, तो जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है या जिसे लंग्स से जुड़ी कोई समस्या है, उन्हें निमोनिया का खतरा अधिक रहता है। निमोनिया होने पर बच्चे को खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, ठंड लगना और कमजोरी महसूस होने लगती है। यहां तक कि बच्चे को अच्छी नींद भी नहीं आ पाती है। ऐसी स्थिति में जरूरी है पैरेंट्स तुरंत अपने बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाएं और उसक प्रॉपर इलाज कराएं।

All Image Credit: Freepik

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