
कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज दिल और रक्त वाहिकाओं के विकारों के कारण होती हैं। इनमें कोरोनरी हृदय रोग (दिल के दौरे), केर्ब्रोवेस्कुलर रोग (स्ट्रोक), बढ़ा हुआ रक्तचाप (हाइपरटेंशन), परिधीय धमनी रोग, आमवाती हृदय रोग, जन्मजात हृदय रोग तथा दिल का फेल होना शामिल हैं।
दिल हमारे शरीर का सबसे वफादार अंग माना जाता है। अगर किसी वजह से इसके काम करने की क्षमता प्रभावित हो जाए, तो इसका हमारे शरीर पर बड़ा गहरा असर पड़ता है। यहां तक कि यह प्राणघातक भी हो सकता है। हृदय रोग के प्रमुख कारण, तम्बाकू का सेवन, शारीरिक निष्क्रियता (अनियमित, भागदौड़ भरी जिंदगी), अनियमित भोजन और शराब का अधिक सेवन शामिल हैं।
कैसे काम करता है हमारा शरीर
रक्त प्रवाह ठीक तो सब ठीक
यहां यह बात ध्यान रखने वाली है कि हमारे दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने में रक्तप्रवाह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिकांश लोग हृदय सम्बन्धी बीमारियों से अनभिज्ञ होते हैं। हार्ट अटैक की समस्या मुख्यत: हृदय की मांसपेशियों में खून की सप्लाई सही तरीके से न होने के कारण उत्पन्न होती है। हृदय में उपस्थित कोरोनरी धमनियों में खून की सप्लाई सही प्रकार से न होने पर भी हृदय सम्बंधी बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है।
क्यों होता है दिल पर असर
ज्यादा मात्रा में फास्टफूड या अन्य वसा भरे खाद्य पदार्थों के सेवने से कोरोनेरी धमनियों की आयु कम हो जाती है। इसके साथ ही धूम्रपान और मदिरापान से भी हृदय स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। रक्त थक्के धमनियों को ब्लॉक कर देते हैं। जिससे हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों तक खून की सप्लाई बेहद धीमी होने लगती है और एक समय ऐसा आता है जब हृदय काम करना बंद कर देता है।
कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज के लक्षण
- सीने में दर्द (एनजाइना)।
- सांस की तकलीफ।
- दर्द, सुन्नता, कमजोरी और अपके पैर या हाथ में शीतलता (आपके शरीर के इन भागों में रक्त वाहिकाओं को संकुचित होने पर)।
महिलाओं को होता है अधिक खतरा
ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के हृदय रोगी होने की आशंका ज्यादा रहती है। हृदय रोग से भले ही महिलाएं कम पीड़ित होती हों, लेकिन इनकी मृत्यु दर पुरुषों से ज्यादा है। ऐसा होने की एक बड़ी वजह यह है कि महिलायें अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान नहीं रखतीं। वे परिवार और कामकाज में इतना उलझी रहती हैं कि उन्हें अपनी सेहत का ध्यान ही नहीं रहता। अमरीका के सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एण्ड प्रिवेंशन के अनुसार हर वर्ष लगभग सात लाख पंद्रह हजार अमरीकीयों को हार्ट अटेक होता है। तथा करीब छः लाख लोग लोग वहां हृदय संबंधी बिमारियों के कारण मौत का शिकार होते हैं।
क्या होता है स्वस्थ कार्डियोवेस्कुलर
एक स्वस्थ कार्डियोवेस्कुलर का कार्य होता है शरीर के हर हिस्से में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई पहुंचाना। धूम्रपान और एल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन करने से कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम की क्रिया प्रणाली बुरी तरह प्रभावित होती है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब इस सिस्टम में स्ट्रोक या क्लॉट एकत्रित हो जाते हैं। और कई बार ये जानलेवा भी होते हैं।
व्यायाम रखता है फिट
इस समस्या से बचने का एक आसान तरीका है व्यायाम। व्यायाम के जरिये न सिर्फ हृदय रोग बल्कि कई अन्य रोगों से भी बचा जा सकता है। व्यायाम के जरिये डायबिटीज, तरह-तरह के कैंसर और कई तरह की मानसिक बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। व्यायाम करने का भी एक तरीका है। व्यायाम वही सफल माना जाता है जिसे करने से शरीर से काफी पसीना निकले यानी यह व्यायाम कम और कठिन शारीरिक श्रम अधिक होना चाहिए। यदि आप आज से ही इस तरीके को आजमाना शुरू करेंगे तो इतना तय मान लें कि अगले वर्ष तक आप और भी जवान लगने लगेंगे।
जब भी आप एक्सरसाइज करते हैं खून का प्रवाह तेज हो जाती है। यह मांसपेशियों में जल्दी-जल्दी प्रवेश करने लगता है और उनमें मौजूद साइटोकिन्स को अपने साथ लेकर हृदय तक पहुंचता है। इस तरह से यह प्रोटीन शरीर के हर हिस्से में पहुंच जाता है। हर जोड़, हड्डी और यहां तक कि दिमाग में भी यह प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में उपस्थिति दर्ज कराती है। इस प्रोटीन से शरीर के किसी भी हिस्से में खून के थक्के नहीं जम पाते हैं जो हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण होते हैं। इसलिए अगर आप अपने दिल से जरा भी स्नेह रखते हैं तो रोज व्यायाम करें। इससे आप अस्सी की उम्र में छलांग लगा सकेंगे, सत्तर की उम्र में क्रिकेट खेल सकेंगे और पचास की उम्र में बच्चों के साथ दौड़ सकेंगे।
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