What Are The stages Of Asthma In Hindi: कुछ लोगों को सांस लेने में परेशानी, सांस लेने में तकलीफ, सांस का फूलन और सीने जकड़न के लक्षण महसूस होते हैं। यह सभी लक्षण अस्थमा की ओर संकेत करते हैं। अस्थमा फेफड़ों की लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है। इस समस्या में श्वसन नली में सूजन और संकुचन हो सकता है। ऐसे में मरीज को सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। अस्थमा के अटैक में लोगों को सांस फूलने लगती है। ऐसे में उन्हें तुरंत पंप से दवा लेने की आवश्यकता होती है। यह रोग किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसके लक्षणों की गंभीरता अस्थमा के चरणों के आधार पर दिखाई दे सकती है। इस लेख में आगे जानते हैं कि अस्थमा रोग की कितने चरण होते हैं।
अस्थमा के कितने चरण होते हैं? - What Are The stages Of Asthmas In Hindi
घर में धूल मिट्टी, प्रदूषण और ज्यादा कोहरा होने पर भी अस्थमा या दमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इन लक्षणों से बचने के लिए रोगी को हमेशा अस्थमा की दवाई का पंप अपने साथ रखना पड़ता है। आर.एन टैगोर अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर सुजान बर्धन से जानते हैं कि अस्थमा रोग के कितने चरण होते हैं।
इंटरमिटेंट अस्थमा - Intermittent Asthma In Hindi
अस्थमा का यह पहला चरण होता है। इसमें बेहद लक्षण दिखाई देते हैं। इस दौरान व्यक्ति को लक्षण सप्ताह में दो दिन या उससे कम महसूस हो सकते हैं। ऐसे में मरीज को रात में बार-बार जागना नहीं पड़ता है। इस स्टेज में फेफड़ों की क्षमता 80 प्रतिशत तक या उससे अधिक हो सकती है। इस दौरान व्यक्ति को इनहेलर का उपयोग कम करना पड़ता है।
माइल्ड अस्थमा - Mild Persistent Asthma In Hindi
इसमें स्टेज में व्यक्ति को अस्थमा के लक्षण लगातार कम गंभीर रूप से बने रह सकते हैं। इस चरण में अस्थमा का अटैक या लक्षण सप्ताह में दो या उससे अधिक दिनों तक बना रह सकता है। इस समस्या में रोगी को सप्ताह में दो या उससे कम बार इनहेलर का उपयोग की आवश्यक हो सकती है।
मॉडरेट अस्थमा - Moderate Persistent Asthma In Hindi
यह अस्थमा की दूसरी सबसे गंभीर स्थिति होती है। इसमें व्यक्ति को अस्थमा के लक्षण लगातार महसूस हो सकते हैं। इसके साथ ही, लक्षणों की वजह से व्यक्ति को रात में जागना पड़ सकता है। इसके अलावा, लक्षणों की वजह से व्यक्ति की रोजाना जीवनशैली भी प्रभावित होती है। इस स्टेज में व्यक्ति के फेफड़ों की क्षमता 60 से 80 फीसदी तक पहुंच सकती है। ऐसे में व्यक्ति को रोजाना इनहेलर की आवश्यक होती है।
गंभीर अस्थमा - Severe Persistent Asthma In Hindi
यह स्टेज अस्थमा की सबसे गंभीर होती है। इसमें रोगी को बार-बार अस्थमा के अटैक आ सकते हैं। साथ ही, रोगी को रात में खांसी की वजह से बार-बार जागना पड़ सकता है। इस स्टेज में व्यक्ति के फेफड़ों की क्षमता 60 फीसदी या उससे कम हो सकती है। इसके अलावा, रोगी को नियमित रूप से इनहेलर की जरूरत होती है।
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What Are The stages Of Asthma In Hindi: अस्थमा की अलग-अलग स्टेज के लिए डॉक्टर अलग-अलग इलाज को चुन सकते हैं। इसमें रोगी के फेफडों की स्थिति के आधार पर कुछ टेस्ट किए जाते हैं। इन टेस्ट के रिजल्ट के आधार डॉक्टर दवाएं व एक्सरसाइज का चुनाव करते हैं। साथ ही, रोगी के शरीर के प्रतिक्रिया के अनुसार इलाज में बदलाव किए जा सकते हैं।