
सर्दियों के मौसम में लोगों के चेहरे पर पिगमेंटेशन और चित्तीदार दाग (Freckles) की परेशानी बढ़ जाती है।
आपकी चेहरे पर दिखने वाले सभी बदलाव आपके लाइफ स्टाइल और ग्रूमिंग रूटीन से ही जुड़ी होते हैं। फ्रेकल्स (Freckles) भी त्वचा से जुड़ा एक बदलाव ही है, जिसमें चेहरे पर चित्तीदार दाग पड़ जाते हैं। आमतौर पर फ्रेकल्स (Freckles) के कारण लोगों को चेहरे पर कोई परेशानी तो नहीं होती पर ये आपकी खूबसूरती खराब कर सकती है। फ्रेकल्स हर किसी के चेहरे पर अलग-अलग रंगों में नजर आते हैं और बढ़ती हुई उम्र के साथ भी इनमें बदलाव आने लगता है। पर फ्रेकल्स को लेकर सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि आखिरकार ये चित्तीदार दाग हमारे चेहरे पर क्यों होते हैं? इसी बारे में जानने के लिए हमने स्किन केयर एक्सपर्ट प्रियदर्शनी से भी बात की, जो कि श्री राम हॉस्पिटल, पंचकुला में कार्यरत हैं।
फ्रेकल्स क्या है-what are freckles?
फ्रेकल्स फ्लैट और भूरे रंग के गोलाकार धब्बे होते हैं जो आमतौर पर छोटे-छोटे आकारों में नजर आते हैं। ये धब्बे धूप के संपर्क में बार-बार आने के बाद और विकसित होने लगते हैं। कई बार ये 1 या 2 वर्ष की आयु के बच्चों के में दिखाई देते हैं और फिर बड़े होने पर अचानक से ये उभर आते हैं। स्किन केयर एक्सपर्ट प्रियदर्शनी कहती हैं कि फ्रेकल्स आपकी त्वचा के नीचे दिखने वाले अतिरिक्त पैच हैं, जो बचपन के बाद 20 की उम्र में भी उभर सकते हैं।
अधिकांश फ्रेकल्स के रंग एक जैसे होते हैं पर कई बार ये चेहरे पर लाल, पीले, हल्के भूरे या काले रंग के नजर आ सकते हैं। लेकिन वे मूल रूप से आसपास की त्वचा की तुलना में थोड़ा गहरे रंग के होते हैं। ये सर्दियों के महीनों में चेहरे पर धूप पड़ने से फ्रेकल्स ज्यादा नजर आने लगते हैं। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में मेलेनिन नामक डार्क पिगमेंट की मात्रा बढ़ जाती है। ये मेलानोसाइट्स नामक वर्णक-उत्पादक कोशिकाओं को भी बढ़ा देते हैं, जिसका मतलब ये है कि ये चेहरे के रंगों में बदलाव करता है और पिंगमेंटेशन को बढ़ावा देता है।
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फ्रेकल्स क्यों होते हैं- What is the cause of having freckles?
आपकी त्वचा में मेलानोसाइट्स नामक कोशिकाएं होती हैं जो मेलेनिन का उत्पादन करती हैं। मेलानिन आपकी त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों (यूवी रेज) से बचाने में मदद करता है। सन एक्सपोजर मेलानोसाइट्स को बढ़ावा देता है, जिससे मेलेनिन का उत्पादन बढ़ता है, जिसकी वजह से चेहरे पर चित्ती पड़ जाती है और फ्रेकल्स हो जाते हैं। इसके अलावा
- -टैनिंग के कारण भी फ्रेकल्स होते हैं।
- -सनबर्न भी कई बार फ्रेकल्स का कारण बनते हैं।
- -लेजर थेरेपी के बाद भी कई लोगों को फ्रेकल्स की परेशानी हो जाती है।
क्या फ्रेकल्स के लिए हमें डॉक्टर की जरूरत है?
फ्रेकल्स होना वैसे तो इतनी चिंताजनक बात नहीं है लेकिन ये स्किन कैंसर के लक्षणों से भी मेल खा सकते हैं। अत्यधिक सन एक्सपोजर फ्रेकल्रस (freckles)और मेलोनोमा (melanomas), दोनों के लिए एक जोखिम कारक है। पर जब आपको फ्रेकल्स के आकार और रंग में परिवर्तन दिखे, तो आपको अपने चिकित्सक या त्वचा विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।
फ्रेकल्स को दूर करने के उपाय-how can i get rid of freckles in hindi
1-हल्दी पाउडर का इस्तेमाल
एक पेस्ट बनाने के लिए पानी के साथ हल्दी पाउडर मिलाएं। फिर इसे पेस्ट को फ्रेकल्स पर लगाएं और 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। हल्दी को चेहरे की कई परेशानियों का रामबाण इलाज माना जाता है। कर्क्यूमिन, हल्दी का प्राथमिक घटक है, जो कि मेलेनोजेनेसिसको रोकता है। इसका मतलब यह है कि यह त्वचा में मेलेनिन के अत्यधिक जमाव को कम कर सकता है जो कि फ्रेकल्स का कारण बनते हैं। आप चाहें, तो हल्दी में शदह मिला कर भी चेहरे पर लगा सकते हैं।
2.नींबू और चीनी का स्क्रब
चीनी में आधा नींबू डुबोएं और इसे प्रभावित त्वचा पर धीरे से स्क्रब करें। ऐसा 20 मिनट तक करते रहें और फिर अपने मुंह को ठंडे पानी से धो लें। नींबू विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है। विटामिन सी फोटोप्रोटेक्टिव और एंटी-पिगमेंटरी गुणों के लिए जाना जात है जो कि त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने में मदद करता है। यह आपकी त्वचा पर पिंगमेंटेशन को कम करता है और मेलेनिन के उत्पादन में भी कमी लाता है। पर अगर आपकी स्किन बहुत सेंसिटिव है और या आपको नींबू से कोई इंफेक्शन है, तो इसका इस्तेमाल बिलकुल भी न करें।
3.आंवला पाउडर का इस्तेमाल
आंवला फ्रेकल्स को ठीक करने में आपकी काफी मदद कर सकता है। आपको करना ये है कि आंवला पाउडर में पानी मिलाकर एक पेस्ट बना लें। इसे प्रभावित क्षेत्र पर फेस पैक के रूप में लगाएं और इसे धोने से पहले लगभग 15 मिनट तक सूखने दें। आंवला एक नेचुरल ब्लड प्यूरीफाइयर है। इसके जूस या फल का सेवन त्वचा को भीतर से दमकने में मदद करता है। अगर आपके पास मुंहासे, पिंपल्स, ब्लेमिश, झाई से पीड़ित हैं, तो ये इन्हें हल्का कर सकता है।
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4.एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल को चेहरे पर जहां-जहां चित्ती है, वहां पर लगाएं और 2-3 मिनट तक मसाज करें। फिर 15 मिनट के लिए छोड़ दें और चेहरा धो लें। एलोवेरा जेल का उपयोग त्वचा में मेटलोथायोनिन के उत्पादन को ट्रिगर करता है, जो यूवी-प्रेरित क्षति को रोकता है। यह टायरोसिनेस गतिविधि को भी रोक सकता है और यह त्वचा में मेलेनिन के जमाव को कम कर सकता है, जिससे फ्रेकल्स कम होने लगते हैं।
5. शदह और सेब का सिरका
शहद और सेब साइडर सिरका को एक साथ मिलाएं। इसे अपने चित्तीदार पैच पर लगाएं। अब 15-20 मिनट के लिए इसे छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।शहद में फेनोलिक और फ्लेवोनोइड यौगिक होते हैं जो टायरोसिनेस गतिविधि को बाधित करने में मदद कर सकते हैं। यह आपकी त्वचा में मेलेनिन के अतिरिक्त उत्पादन को नियंत्रित करता है, जो बदले में फ्रेकल्स को कम कर सकता है। साथ ही सेब का सिरका भी पिंगमेंटेशन को हल्का करने के लिए जाना जाता है।
इन सबके अलावा फ्रेकल्स के लिए अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी में ये सुझाव है कि चेहरे को सूर्य की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हमें 30 या उससे अधिक का एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाना ही चाहिए। बाहर जाने से कम से कम 15 मिनट पहले इसे त्वचा पर सनस्क्रीन लगाएं। उसके बाद हर दो घंटे में सनस्क्रीन जरूर लगाएं। इसके अलावा आपके एक्सपर्ट ने पहले से ही कोई दवा या क्रीम लिखा है, तो उसे भी चेहरे पर जरूर लगाएं। पर ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि धूप में कम निकलें और चेहरे को इन तमाम नुकसानों से बचाए रखें।
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