Medically Reviewed by Dr Shobha Gupta

Amniotic fluid कितना होना चाहिए? डॉक्टर ने बताया इसका बढ़ना और घटना कैसे डिलीवरी को प्रभावित करता है

नॉर्मल डिलीवरी के लिए पेट में कितना पानी होना चाहिए और अगर ये ज्यादा है या फिर कम हो गया है तो डिलीवरी के समय क्या समस्याएं हो सकती हैं? जानते हैं इस बारे में डॉक्टर की राय।
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Amniotic fluid कितना होना चाहिए? डॉक्टर ने बताया इसका बढ़ना और घटना कैसे डिलीवरी को प्रभावित करता है

एमनियोटिक फ्लूइड (Amniotic fluid), प्रेग्नेंसी में शिशु के चारों ओर पाया जाने वाला एक पारदर्शी, पानी जैसा तरल पदार्थ है होता है। ये पेट में बच्चे की सुरक्षा के लिए होता है और इंफेक्शन और तापमान के उतार-चढ़ाव से बचाता है। इतना ही नहीं ये कुशन की तरह काम करता है औप पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है और इस दौरान बच्चे के विकास में मदद करता है। डिलीवरी के समय बच्चा इसी पानी की थैली से बाहर निकलता है। प्रेग्नेंसी में इस पानी का संतुलित होना बेहद जरूरी है। अगर ये पानी कम हो जाए तब भी दिक्कत होती है और ज्यादा होने पर दिक्कत हो सकती है। हालांकि, सवाल ये आता है कि Amniotic fluid कितना होना चाहिए? इसका ज्यादा या कम होना कैसे बच्चे की डिलीवरी को प्रभावित कर सकता है? जानते हैं इस बारे में Dr. Shobha Gupta, renowned IVF Specialist and the Medical Director of Mother's Lap IVF Centre, New Delhi से।


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Amniotic fluid कितना होना चाहिए?

Dr. Shobha Gupta बताती हैं कि गर्भनाल का द्रव शिशु की हलचल, फेफड़ों के विकास और गर्भावस्था के दौरान उसकी सुरक्षा के लिए जरूर है। इसे एमनियोटिक फ्लूइड इंडेक्स (Amniotic Fluid Index-AFI) से मापा जाता है। सामान्य एएफआई 8 से 18 सेंटीमीटर के बीच होता है। सहज सामान्य योनि प्रसव के लिए, 8 से 15 सेंटीमीटर के बीच का एएफआई आदर्श माना (What amount of amniotic fluid is normal) जाता है।

amniotic fluid

एमनियोटिक फ्लूइड कम होता है तो क्या करें-If the amniotic fluid is low?

डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं कि एमनियोटिक फ्लूइड कम होता है तो प्रसव के दौरान शिशु को कम कुशनिंग और गर्भनाल के दबाव के कारण तनाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे कभी-कभी समय से पहले प्रसव की जरूरत हो सकती है। एमनियोटिक फ्लूइड की कमी, जिसे ओलिगोहाइड्रामनिओस (oligohydramnios) भी कहा जाता है जो कि एक गंभीर स्थिति है जिसमें बच्चे को हिलने-डुलने दिक्कत होती। इसका पता अल्ट्रासाउंड के जरिए किया जाता है और यह झिल्ली फटने, प्लेसेंटा संबंधी समस्याओं, डिहाइड्रेशन या भ्रूण के किडनी और ब्लैडर संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इस वजह से बच्चे का जन्म समय से पहले होने का खतरा होता है।

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एमनियोटिक फ्लूइड ज्यादा होता है तो क्या करें-If the amniotic fluid is high?

एमनियोटिक फ्लूइड ज्यादा होता है तो डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं कि गर्भाशय ज्यादा खिंच सकता है, जिससे समय से पहले प्रसव या शिशु की असामान्य स्थिति का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जब एमनियोटिक फ्लूइड ज्यादा होता है तो बच्चा घूमता रहता है और एक पॉजिशन में कभी नहीं रह पाता। इस तरह से बच्चा समय पर घूमकर वजाइनल रास्ते पर नहीं आता जिससे नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पाती।

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समय पर निगरानी और उचित देखभाल से, हल्के द्रव असंतुलन वाली कई महिलाएं भी सुरक्षित प्रसव कर पाती हैं। हालांकि, जरूरी ये है कि एमनियोटिक फ्लूइड को बैलेंस रखें और कभी भी इस तरह की समस्या से बचें। साथ ही कोशिश करें कि एमनियोटिक फ्लूइड को लेकर डॉक्टर से सफाई से बात करें और जानें कि इसे कैसे बैलेंस करके रख सकते हैं।

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FAQ

  • एमनियोटिक द्रव कम होने पर डॉक्टर क्या करेंगे?

    एमनियोटिक फ्लूइड कम होने पर पर डॉक्टर तरल पदार्थ चढ़ा सकता है। अगर प्रसव के दौरान आपके गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूइड कम है तो सी सेक्शन के साथ गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से कैथेटर डालकर उसमें खारा घोल डाला जाता है जिसे एमनियोइन्फ्यूजन कहा जाता है। 
  • क्या बेड रेस्ट से एमनियोटिक फ्लूइड बढ़ सकता है?

    बेड रेस्ट से एमनियोटिक फ्लूइड सीधे तौर पर नहीं बढ़ सकता है लेकिन कई बार ज्यादा शारीरिक गतिविधियों को करना इसे कम कर देता है और इस स्थिति में बेड रेस्ट बेहतर होता है। हालांकि, अगर पानी पहले से कम होने लगता है तो जटिलताओं से बचने के लिए डॉक्टर समय से पहले डिलीवरी करवा देते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव कितनी तेजी से बढ़ता है?

    गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक फ्लूइड 34 से 36 सप्ताह के बीच सबसे अधिक होता है और 40 सप्ताह तक धीरे-धीरे कम हो जाता है इसलिए आपको डॉक्टर के संपर्क में रहते हुए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 26, 2025 18:17 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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