क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है जिसमें शिशु के पैरों की हड्डियां असामान्य रूप से मुड़ी होती हैं, जिसके कारण पैर अंदर की ओर मुड़े दिखाई देते हैं। यह विकृति अक्सर दोनों पैरों में होती है, लेकिन कभी-कभी केवल एक पैर में भी हो सकती है। क्लबफुट का इलाज जल्दी शुरू करने से इसके प्रभावी परिणाम मिल सकते हैं। अगर समय पर इलाज शुरू न किया जाए, तो पैर की बनावट और ज्यादा बिगड़ सकती है, जिससे बच्चे को चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है। माता-पिता को क्लबफुट के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इस लेख में आकाश हेल्थ केयर के डायरेक्टर, सीनियर कंसल्टेंट, आर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के हेड और प्रमुख डॉ.आशीष चौधरी (Dr. Aashish Chaudhry,Director & Head, Department of Orthopaedics & Joint Replacement, Aakash Healthcare) से जानिए, क्लबफुट का इलाज करने की सही उम्र क्या है?
क्लबफुट का इलाज कराने की सही उम्र क्या है? - When Is Clubfoot Best Treated
डॉ. आशीष चौधरी, के अनुसार, क्लबफुट का इलाज जन्म के बाद जितनी जल्दी किया जाए, उतना अधिक लाभकारी होता है। नवजात शिशुओं में क्लबफुट का इलाज जन्म के तुरंत बाद शुरू करना सबसे प्रभावी होता है। यह समस्या अधिकतर जन्म के समय ही होती है और यदि इसका इलाज जल्द किया जाए, तो इसका उपचार सरल और सफल हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार, क्लबफुट का इलाज 1 से 2 महीने की उम्र में शुरू करना बेस्ट होता है। इस समय शिशु के हड्डी और मांसपेशियां लचीली होती हैं और क्लबफुट का उपचार बिना किसी जटिलता के किया जा सकता है। अगर इलाज में देरी होती है और यह समस्या बढ़ने लगती है, तो इलाज जटिल हो सकता है और ऑपरेशन की आवश्यकता भी हो सकती है।
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क्लबफुट का इलाज क्यों जल्दी शुरू करें?
- शिशु के जन्म के समय हड्डियां और मांसपेशियां लचीली होती हैं, इसीलिए इलाज को जल्दी शुरू करने पर इसका असर अधिक होता है। इस समय उपचार की प्रक्रिया कम जटिल होती है और हड्डियों को सही दिशा में मोड़ा जा सकता है।
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- अगर क्लबफुट का इलाज देर से किया जाए तो इससे शिशु के पैरों की असामान्य स्थिति स्थायी हो सकती है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, हड्डियां कठोर हो जाती हैं और मांसपेशियां भी अपनी स्थिति में स्थिर हो जाती हैं, जिससे इलाज अधिक कठिन हो सकता है। समय पर इलाज करने से शिशु के पैरों को सामान्य स्थिति में लाया जा सकता है और भविष्य में किसी प्रकार की विकृति से बचा जा सकता है।
- अगर क्लबफुट का इलाज जल्दी किया जाता है तो शिशु के चलने की क्षमता बेहतर हो सकती है और वह सामान्य रूप से दौड़ने, कूदने और अन्य फिजिकल एक्टिविटी में भाग ले सकता है। इसके अलावा, मानसिक रूप से भी बच्चे को इस विकृति से जूझने की जरूरत नहीं होगी, जिससे उसका आत्मविश्वास भी बना रहेगा।
निष्कर्ष
क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है, जिसका इलाज समय रहते किया जा सकता है। नवजात शिशुओं में क्लबफुट का इलाज जल्दी शुरू करना सबसे प्रभावी तरीका है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय हड्डियां लचीली होती हैं और इलाज सरल होता है। अगर इलाज में देरी की जाती है तो समस्या और गंभीर हो सकती है और सर्जरी की जरूरत हो सकती है। इसलिए, शिशु के जन्म के कुछ सप्ताह के भीतर क्लबफुट का इलाज शुरू करना सबसे अच्छा है, ताकि वह सामान्य रूप से चल सके और जीवनभर कोई समस्या न हो।
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