वजन बढ़ता देख अक्सर लोग ग्रीन टी पीने की शुरूआत कर देते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ग्रीन टी के अलावा इन दिनों एक और टी है जो वजन कम करने के लिए काफी मददगार है। आपको बता दें कि व्हाइट टी भी ग्रीन टी की तरह आयुर्वेदिक चाय का एक विकल्प है, जिसे आप रोजाना पी सकते हैं। यह वजन घटाने और वजन को नियंत्रित रखने में आपकी हेल्प करेगा। तो चलिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बता रहें हैं कि किस प्रकार से व्हाइट टी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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व्हाइट टी के प्रमुख फायदे
- इस हर्बल टी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और यह कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। इसमें कम कैफीन होता है। इसमें फिनोल की मात्रा अधिक होती है जो इलस्टिन और कोलेजन को मजबूत करता है और आपको झुर्रियों से बचाता है। इसकी सुगंध भी काफी अच्छी होती है।
- कम प्रोसेसिंग के कारण इसमें ब्लैक और ग्रीन टी की तुलना में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट्स का बेहतर स्रोत है जो बॉडी से टॉक्सिन निकालने में सहायक है। इसमें मौजूद यौगिक फैट बर्न करने में मदद करते हैं।
- व्हाइट टी में एंटी एजिंग गुण होते है जो आपकी त्वचा को हमेशा जवां बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा आपको हमेशा झुर्रियों से दूर रखती है।
- व्हाइट टी में पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते है जो सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद होते है। जानकारों का कहना हे कि व्हाइट टी शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही बनाने और हार्ट को हेल्दी रखने में कारगार है।
- सफेद चाय आपके मुंह के स्वास्थ्य को भी सही रखती है। इसमें मौजूद पॉलीफिनोल, फ्लेवेनॉइड और टैनिन बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। साथ यह दांतों के लिए भी लाभकारी होती है और दांतो की कैविटी से रक्षा करती है।
व्हाइट टी बनाने का तरीका
एक चम्मच सफ़ेद पत्ते, आधा चम्मच अदरक पाउडर और कुछ नींबू रस को एक गिलास पानी में मिक्स कर लें। अगर आप अच्छा परिणाम चाहते हैं, इस चाय को रोजाना कम से कम 15 दिनों तक पिएं।
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ग्रीन टी के भी हैं फायदे
ग्रीन टी, काली चाय वाली पत्तियों से बनी होती है लेकिन इसमें काली चाय से कम प्रक्रियाएं होती हैं। चाय को बनाते समय पत्तियों को तोड़ा जाता है और फिर आक्सिडाइज कर सुखाया जाता है। आक्सिडेशन से अक्सर चाय के कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व निकल जाते हैं। ग्रीन टी उन्हीं पत्तियों से बनी होती है और उन्हें तोड़कर गर्म किया जाता है या भाप दिया जाता है जिससे कि वह सूख जाये। ऐसे में आक्सिडेशन नहीं होता जिससे कि यह एण्टी आक्सिडेंट जैसा बर्ताव करती हैं और इसलिए ऐसी चाय को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
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