लोग फिट रहने और वजन कम करने के लिए दवाएं तक लेने से नहीं चूकते और वे यह भूल जाते हैं कि ये दवाएं घातक साइड इफेक्ट दे सकती हैं। यानी मोटापा कम करने वाली दवाओं के सेवन से अतिरिक्त प्रभाव भी होते हैं जिनसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप भी वजन कम करने वाली दवाएं लेते हैं तो सावधान हो जाएं।
वजन कम करने के लिए दवाओं के सेवन से बेहतर होगा कि आप अन्य फंडे अपनायें, जैसे आप कम वसा वाली खुराक ले सकते हैं, बिना रिफाइन किया हुआ आटा इस्तेमाल । आइए जानें, मोटापा कम करने वाली दवाईयां लेने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
- मोटापा कम करने वाली दवाओं के प्रयोग से आँतों में वसा नहीं जमती और वसा मल के साथ निकल जाती है, यानी आपको उतनी ऊर्जा नहीं मिलती जो कि आमतौर पर किसी चीज को खाने से मिलती है और फलस्वरूप आप दुबले होने लगते हैं।
- इन दवाओं के सेवन से लीवर को नुकसान होता है। दरअसल, गुर्दों को नुकसान पंहुचने का कारण आँतों में ऑक्सेलिक अम्ल का अधिक जमाव होना है, जिससे गुर्दें खराब हो सकते है।
- शोधों में भी साबित हो चुका है कि मोटापा कम करने वाली दवाएं पैंक्रियाज (अग्न्याशय) को भी नुकसान पहुँचाती है।
- इन दवाओं से सिर्फ गुर्दों को नुकसान ही नहीं पहुंचता बल्कि गुर्दों में पथरी की शिकायत होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
- यह दवाएं आपका मोटापा तो शायद कम न कर पाए, लेकिन आपको उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के साथ ही याददाश्त में कमी यानी आपकी स्मरण शक्ति को कमजोर करने जैसी गंभीर बीमारियों को अवश्य बढ़ा देती है।
- आमतौर पर लोग मोटापा कम करने वाली दवाओं के विज्ञापन देखकर प्रभावित होते हैं , लेकिन दवा कंपनियों द्वारा दिए जा रहे प्रलोभन भविष्य में आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
- यदि आप वजन घटाने के लिए किसी दवा का सेवन करना भी चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ या डाक्टर के परामर्श बिना मोटापा घटाने वाली दवाओं का सेवन न करें।
- वजन कम करने वाली दवाओं से निद्रा, अवसाद, तनाव रहना, शरीरिक कमजोरी जैसी बीमारियों से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ सकता है।
- डाक्टर्स की मानें तो मोटापा कम करने का सरल व सस्ता उपाय है नियमित सैर करना। यानी आप नियमित रूप से सैर करके अपने वजन को आसानी से कम कर सकते हैं। या फिर आप बैलेंस डाइट लेकर भी वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
- इतना ही नहीं युवा वजन घटाने के लिए वेट लूज इंजेक्शंस और कैप्सूल्स तक का इस्तेमाल करते हैं। वेट लूज करने वाली ड्रग्स में क्रोमियम का इस्तेमाल किया जाता है, जो मधुमेह रोगियों को दिया जाता है।
- आमतौर पर 20 मिनट तक वर्कआउट करने के बाद शरीर की वसा जलनी शुरू होती है, क्योंकि इससे पहले कार्बोहाइड्रेट बर्न होता है। लेकिन ये ड्रग्स आठ से दस मिनट के अंदर ही वसा को जलाना शुरू कर देते हैं।
- इसके अलावा वजन घटाने वाले कई सप्लीमेंट्स, इंजेक्शंस, दवाओं और ड्रग्स से शरीर में पानी की कमी हो जाती हैं, जिनसे वजन कम होता है। हालांकि ये दवाइयां अपना असर जल्दी दिखाती हैं, लेकिन शरीर में पानी की कमी होने के कारण डीहाइड्रेशन हो जाता है, जिससे मौत भी हो सकती है।
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घातक है मोटापा कम करने वाली दवा
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