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मोटापे के कारण हुआ था ब्रेकअप, 59 क‍िलो वजन घटाकर अर्जुन ने वापस पाई खोई फिटनेस

Weight Loss Transformation: अर्जुन का ब्रेकअप इसल‍िए हुआ क्‍योंक‍ि वजन ज्‍यादा था। लेक‍िन आज वो खुद एक फ‍िटनेस कोच हैं। जानते हैं उनकी वेट लॉस जर्नी।
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मोटापे के कारण हुआ था ब्रेकअप, 59 क‍िलो वजन घटाकर अर्जुन ने वापस पाई खोई फिटनेस

''13 से 14 साल की उम्र में मेरे शरीर पर फैट चढ़ना शुरु हुआ था। बारवीं कक्षा में मेरा वजन 104 हो गया था। मेल बूब्‍स को लेकर मेरा मजाक बनाया जाता था। स्‍कूल में दोस्‍त मुझे च‍िढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। मम्‍मी-पापा को कुछ भी बताने की ह‍िम्‍मत नहीं थी। कई रातें मैंने रोकर गुजारी हैं। इससे पढ़ाई के साथ-साथ मेरी मेंटल हेल्‍थ पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। ऐसा कहा जाता है क‍ि स्‍कूल के द‍िन सबसे अच्‍छे होते हैं लेक‍िन मैं कभी उन द‍िनों में लौटकर नहीं जाना चाहता।'' ये कहना है 23 वर्षीय अर्जुन शाह का ज‍िन्‍हें वजन के चलते बचपन से ट्रोल‍िंग का श‍िकार होना पड़ा था। ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज ‘फैट टु फिट’ में आज हम जानते हैं अर्जुन की पूरी कहानी। 

arjun shah weight loss

वजन को लेकर लोग मजाक बनाते थे 

अर्जुन ने बताया, ''क‍िसी के ल‍िए भी ऐसे पल अच्‍छे नहीं होते जब लोग आपका साथ देने के बजाय मजाक बनाकर चले जाते हैं। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही था। लोग मुझे कहते थे क‍ि मेरी गर्दन ही नहीं है, क्‍योंक‍ि मेरी गर्दन पर फैट ज्‍यादा था। इसी तरह चेस्‍ट पर फैट के कारण भी लोग मुझ पर भद्दे कमेंट करते थे। वो समय मेरे ल‍िए बहुत मुश्‍क‍िल था। क‍िसी को कुछ कह नहीं पाता था, बस खुद को देखकर रोना आता था। लोग इस बात से अंजान थे क‍ि उनके शब्‍द मुझे क‍ितना चुभते थे। लोग मेरे पेट को छूते थे और मजाक बनाते थे क‍ि मैं क‍िसी लड़की की तरह द‍िखता हूं।''     

चेस्‍ट फैट छुपाने की कोश‍िश की 

अर्जुन ने बताया, ''मेरे दादाजी मुझे हलवाई का बच्‍चा कहते थे। कहते थे तुम क‍िसी मोटे हलवाई की तरह द‍िखते हो। एक द‍िन मेरे स्‍कूल में पीटी क्‍लॉस थी और उस द‍िन सफेद कपड़े पहनने होते थे। ऐसे कपड़ों में चेस्‍ट फैट आसानी से द‍िख सकता था। इससे बचने के ल‍िए मैंने क्रैप बैन्‍डेज को कसकर अपनी छाती से बांध ल‍िया था ताक‍ि मैं फैट छुपा सकूं। फ‍िर कई बार मैंने अन्‍य बच्‍चों के साथ फुटबॉल खेलने की कोश‍िश भी की पर सभी दोस्‍त मेरा मजाक बनाते थे। बच्‍चों को हमेशा गेम्‍स का पीर‍ियड अच्‍छा लगता है लेक‍िन मुझे मेरे वजन के कारण पीटी या गेम्‍स पीर‍ियड अच्‍छा नहीं लगता था।''           

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गर्लफ्रेंड ने बढ़ते वजन के कारण छोड़ा 

अर्जुन ने बताया, ''स्‍कूल के द‍िनों में वजन के कारण मैं हमेशा परेशान रहता था। इसी दौरान मेरी गर्लफ्रेंड बनीं। लेक‍िन खुश‍ियां मेरे साथ ज्‍यादा द‍िनों तक नहीं ट‍िकीं। जैसे ही हम कॉलेज में गए, मेरी गर्लफ्रेंड को ये एहसास होने लगा क‍ि मैं मोटा हूं, और बॉयफ्रेंड बनने लायक नहीं हूं। लड़के शर्ट में अच्‍छे लगते हैं, लेक‍िन मेरे कंधे भारी थे, मैं अपनी पसंद के कपड़े भी नहीं पहन पाता था। तब मैं ढीली टी-शर्ट पहनता था ताक‍ि मेरे हाथ और चेस्‍ट भारी न लगे। मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे चीट क‍िया, उसका कारण उसके मुताब‍िक मेरा लुक था।'' 

पहले द‍िन स‍िर्फ 17 म‍िनट कसरत क‍िया  

अर्जुन ने बताया, ''सालों तक खुद को ट्रोल होते देखना अच्‍छा अनुभव नहीं था। फ‍िर मैंने खुद को बदलने की ढानी। मैंने एक कदम आगे बढ़ाते हुए ज‍िम जाना शुरु क‍िया। पहले द‍िन मैं पहली बार ज‍ब ट्रेडम‍िल पर चढ़ा, तो करीब डेढ़ म‍िनट बाद ऐसा लगा जैसे मैं बेहोश हो जाऊंगा। फ‍िर कोर एक्‍सरसाइज की। पहले द‍िन मैं केवल 17 म‍िनट कसरत कर पाया। 2 साल तक मैंने ज‍िम जाना जारी रखा लेक‍िन अच्‍छा र‍िजल्‍ट नहीं म‍िला। कभी 8 क‍िलो कम होता था, तो कभी 6 क‍िलो बढ़ जाता था।'' 

केवल ज‍िम जाकर वजन कम नहीं होगा 

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अर्जुन ने बताया, ''मेरे 2 साल वेट लॉस के गलत तरीकों में बर्बाद हुए। लोगों को लगता है क‍ि आप ज‍िम जाकर पतले हो सकते हैं। लेक‍िन ऐसा नहीं है। शुरुआत में मुझे भी ऐसा लगा था पर वो वजन घटाने का गलत तरीका था। मैंने कोच की मदद ली और कई बदलाव रूटीन में शाम‍िल क‍िए जैसे मैं सुबह उठकर एक कप ब्‍लैक कॉफी पीने लगा। उसके बाद मैं छत पर जाकर 30 म‍िनट स्‍क‍िप‍िंग करता था। फ‍िर मैं करीब 7 हजार स्‍टेप्‍स चलता था। फ‍िर घर आहर रेस‍िसटेंट ट्रेन‍िंग करता था, ज‍िसके ल‍िए मैं 5 से 10 क‍िलो के डंबल्‍स का इस्‍तेमाल करता था। करीब डेढ़ घंटे रेस‍िसटेंस ट्रेन‍िंग को देता था। फ‍िर 15 म‍िनट एब्‍स भी करता था। फ‍िर करीब 12 बजे मैं पहला मील खाता था।'' 

मैंने फैंसी खाना नहीं खाया 

अर्जुन ने बताया, ''लोग ब्रोकली, च‍िकन या फैंसी खाना पसंद करते हैं। लेक‍िन मैं घर का बना सादा खाना ही खाया। सोयाबीन का आटा बनाकर मैं उसकी 3 रोटी पनीर की सब्‍जी के साथ खाता था। फ‍िर शाम को कॉर्ड‍ियो करने के बाद रात को खाना खाता था। रात के खाने में सोयाबीन रोटी और पनीर भुर्जी होता था। कॉर्ड‍ियो के बाद मैं प्रोटीन शेक का सेवन करता था। 

शुरुआत के 3 महीनों में मेरा वजन 104 से 84 हुआ। फ‍िर दूसरे फेज में 85 से 65 वजन हुआ। दूसरे फेज़ के दौरान एब्‍स बहुत अच्‍छे नहीं थे। फ‍िर मैंने उस पर ध्‍यान द‍िया। तीसरे फेज़ में मेरा वजन 65 से 59 हो गया था। वजन घटाने के बाद पहले से ज्‍यादा ऊर्जा महसूस होती है और कॉन्‍फ‍िडेंस के साथ मैं अपनी बात कह पाता हूं। अब मैं खुद एक फ‍िटनेस कोच हूं। वजन कम करने का अच्‍छा असर मेरे शरीर ही नहीं बल्‍क‍ि द‍िमाग पर भी हुआ है।''  

अर्जुन की मानें, तो एक्‍सरसाइज और डाइट के सहारे आप भी आसानी से वेट लॉस कर सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।             

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