किशोरों के लिए वजन कम करने के आहार

भाग-दौड़ भरी जीवनशैली और बिगड़े खान-पान के चलते किशोरों में मोटापे की समस्या आम है। इस लेख को पढ़ कर जाने, कौंन से वे आहार जो किशारों का अधिक वजन कम करने मे सहायक है।
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किशोरों के लिए वजन कम करने के आहार


भाग-दौड़ भरी जीवनशैली और बिगड़े खान-पान के चलते किशोरों में मोटापे की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। मोटापा कम करने के लिए किशारों को आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस लेख को पढ़ें और जानें कि किशारों के लिए वजन कम करने के आहार कौन से हैं।

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क्यों होता है किशोरों में मोटापा

आज की नई पीढी के आहार में काफी बदलाव आया है। नाश्ते और खाने में किशोर पिज्जा,बर्गर,कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम, पास्ता आदि जंकफूड ले रहे हैं। जिस कारण से किशोरों में मोटापे का संकट बढता जा रहा है। जो एक चिंता का विषय है। किशोरों में मोटापा आज पूरे विश्व में बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते विश्व स्वास्थ्य संस्था ने इस मोटापे को ग्लोबेसिटी नाम दिया है। बच्चों के मोटापे में एचडीएल कॉलेस्ट्रोल की कमी तथा एलडीएल कॉलेस्ट्रोल की बढोत्तरी होती हो जाती है। जिसके कारण बडे होने पर ह्रदयरोग ,उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह होने की आशंका बढती है। मोटापा दमा जैसी बीमारी का कारण भी बन सकता है। लडकियों में मोटापा प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। कुछ शोधों में बताया गया कि मोटी महिलाओं में गर्भपात की संख्या अधिक होती है। किशोरों में मोटापे का कारण वंशानुगत भी हो सकता है। इसका दूसरा कारण वसायुक्त आहार तथा हर समय अल्टा-सीधा खान है। बच्चों का बढता हुआ शरीर यदि जंग फूड पर आधारित है तो उसे ज्यादा भूख लगती है जो वजन बढाती है। यदि मां–बाप नौकरी पेशा हों तो भी कई बार बच्चे को पूर्ण रूप से पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

 

प्रति दिन आठ घंटे से कम सोने और इसके कारण खाने-पीने की आदतों में होने वाले बदलाव से भी किशोरों में मोटापा तेजी से बढ़ता है। एक अध्ययन के अनुसार प्रतिदिन आठ घंटे से कम सोने और अधिक वसा वाले वस्तुओं के सेवन से लड़कियों में मोटापा उनकी उम्र की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ता है, जो प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक देर तक सोते हैं। आठ घंटे से कम सोने से किशोरों के खाने-पीने की आदतों में खुद ही बदलाव आ जाता है और मोटापा बढ़ने लगता है। सोने के घंटे में वृद्धि होने से अधिक खाने की आदत कम होती है, बल्कि उनमें कैलोरी की खपत भी बढ़ जाती है।

 

दरअसल किशोरों में मोटापा विटामिन डी की कमी से भी बढ़ता है। अगर बच्चों को शुरुआत से विटामिन डी दिया जाए तो बहुत हद तक इस परेशानी पर काबू पाया जा सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि विटामिन डी शरीर में तब पनपता है, जब त्वचा सूरज के सीधे संपर्क में आती है। इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि आप कुछ समय धूप में जरूर बिताएं। साथ ही खान-पान में कुछ खास चीजें शामिल करने से भी बच्चों के शरीर को विटामिन डी मिलता है। जैसे डेयरी प्रोडक्ट, अंडे, मछली। दलिया या दाल खाने से भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में मिलता है।


किशारों के लिए वजन कम करने के आहार


अंडा
अंडा नाश्ते के रूप में किया जाने वाला सबसे उत्तम आहार है। इसको खाने से आपका वजन कम हो सकता है। अंडा शरीर से कैलोरी को कम करने में सहायक होता है और यह फैट को बर्न करके एनर्जी प्रदान करता है। इसको खाने से पेट भी काफी लंबे समय तक भरा रहता है। साथ ही अंडे में बहुत प्रचुर मात्र में प्रोटीन होता है, जिससे शरीर को विटामिन डी मिलता है और कैल्शियम की कमी भी पूरी होती है।



ओटमील
कई शोधों के अनुसार जो बच्चे ओटमील खाते है वे स्कूल में बेहतर तरीके से पढ़ाई करते है और उनका कान्सन्ट्रेशन भी अच्छा होता है। फाइबर युक्त ग्रेन्स जैसे साबुत अनाज और दलिया धीरे-धीरे पचते हैं, साथ ही मटैबलिज़म को भी मजबूत बनाते हैं।



सलाद
आपके सुबह व शाम के भोजन में सलाद जरूर होना चाहिए। यदि आप कम कैलोरी और हाई फाइबर वाला फूड लेना चाहते हैं तो सलाद आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। सलाद के रूप में प्रयोग होने वाली कच्ची सब्जियों व फलों में एंटी ऑक्सीडेंट, नेचुरल एंजाइम्स और फाइबर्स होते हैं जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ भोजन के पाचन में भी सहायता करते हैं। इससे आपका वजन भी नियंत्रित रहता है।

 

दालें
छिलके वाली दालों का सेवन करें। इनमें प्रोटीन भरपूर मात्रा होता है। प्रोटीन के साथ दालों में फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी आदि भी होते हैं। इनका रोजाना सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रहती है, जिससे आपका वजन नियंत्रित होता है।



फल
फलों में सबसे अधिक गुणकारी खट्टे फल होते हैं। पीले व नारंगी रंग के फलों में बीटा केरोटिन व एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। खट्टे फल विटामिन सी, कैल्शियम, मिनरल, फाइबर्स आदि का प्रमुख स्रोत होते हैं जो शरीर के विकास के लिए उपयोगी होते हैं। नींबू में मौजूद पेक्टिन शरीर में जमा वसा को गलाता है और पाचन प्रक्रिया को भी धीमा करता है जिससे खाने के बाद भी लगने वाली भूख शांत होती है। साथ ही फलों में विटामिन, आयरन और अन्य पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। बच्चों को अधिक से अधिक फलों का जूस और मौसमी फलों का सेवन करवाना चाहिए। बच्चों को अंगूर, सेब, संतरे जैसे फलों का सलाद बनाकर भी खिलाया जा सकता है।


खट्टे फलों का सेवन डाइबीटिज, कैंसर, एनीमिया, मोतियाबिंद, अस्थमा, किडनी में पथरी आदि रोगों में लाभदायक होता है। इन फलों को निरंतर सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्घि होती है। जिन आहार में विटामिन-सी पाए जाते हैं वे फैट को जल्द बर्न कर शरीर को शेप में लाने में मदद करते हैं। नींबू, अंगूर, बेर और संतरे ये सब बहुत सहायक होते हैं। विटामिन-सी वाले आहार जैसे गाजर, पत्ता गोभी, ब्रोकली, सेब और तरबूज आदि शरीर से पानी और वसा सोखने में बहुत सहायक होते हैं।



बादाम
बादाम के अंदर अच्छा कोलैस्ट्रॉल और अच्छा वसा पाया जाता है जो शरीर के लिए बिल्कुल भी खराब नहीं होता। इसमें रेशा होता है जो शरीर से वसा को जला कर उसे स्वस्थ्य और एक्टिव बनाता है। अगर आपके पास बादाम हैं तो आपकी तोंद नहीं निकलेगी। शाम को नाश्ते के तौर पर आपको कुल 12-25 बादाम खाने चाहिएं, जिससे आपकी भूख कंट्रोल में रहेगी। बादाम में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो की दिमाग के विकास के लिए बहुत अच्छे होते हैं। खासतौर पर यह किशओरों के दिमाग के लिए बहुत ही फायदेमंद रहते हैं। बादाम में मैग्निशियम, कॉपर और रिबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो की शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। बादाम दिमाग के साथ - साथ शरीर को भी फिट रखता है।



सब्जियां
हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पत्ता गोभी, साग, गाजर और पालक शरीर से तुरंत वसा को बर्न करते हैं। ये सब अगर आप दही और साबुत अनाज के साथ मिला कर खाएंगे तो आप हैल्दी और फिट रहेंगे। ऐसे में टमाटर भी लाभदायक होता है। आपको वजन कम करना है तो अभी से ही अपने भोजन में टमाटरों का उपयोग करना शुरू कर दें। पालक खाएं, इसमें आयरन, कैल्शियम, और फोलिक एसिड, के साथ विटामिन ए और सी जो हड्डियों और दिमाग के लिए बहुत अच्छा होता है पाया जाता हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो खाने को आसानी से पचाता है और शूगर के स्तर को संतुलित करता है। मोटापा दूर करने के लिए चीनी की जगह शहद का ही प्रयोग करें।

अंकुरित अनाज
अनाज को अंकुरित करने से अनाज में पोषक तत्वों की मात्रा दुगुनी हो जाती है। चना, मूंग, सोयाबीन, मटर आदि को अंकुरित करके खाया जा सकता है। सर्दियों के मौसम में नाश्ते में अंकुरित अनाज को शामिल करना स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर है। इसके सेवन से मोटापा नहीं होता और शरीर भी स्वस्थ रहता है।  

दूध और दही
डेयरी उत्पादों में प्रोटीन और कैल्शियम काफी मात्रा में होता है। दूध के कैल्शियम से बच्चों की हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती हैं। कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत जो हड्डियों और दांतों को मजबूत करता हैं। इसके साथ ही पेट के बुरे बैक्टीरिया को भी खत्म करता है। मोटापे से बचने के लिए थोड़ा लो फैट दही ले और उसमें तोड़े फल मिला कर खाएं।


पानी
वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप जितना हो सके पानी पियें। यह भूख को कम करता है और शरीर को नम रखता है। भोजन के आधे घंटे बाद गर्म पानी पिएं और आपको अहसास होगा कि हफ्ते भर में आपका वजन कैसे कम होता है।

 

 

 

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