
भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसका प्रमुख कारण है लोगों में इस बीमारी को लेकर जानकारी न होना। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है कि जागरुकता फैलाकर मधुमेह जैसी घातक बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2030 तक देश में मधुमेह रोगियों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है। मधुमेह एक जानलेवा बीमारी है और स्वास्थ्य संबंधी अन्य तमाम बीमारियां भी इससे जुड़ी हैं। एक बार यह हो जाये तो पूरी तरह से ठीक नहीं होती। लेकिन इसके प्रभाव को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कम किया जा सकता है।
भारत में मधुमेह के अध्ययन के लिए रिसर्च सोसायटी (आरएसएसडीआई) के सचिव एसवी मधु के अनुसार, 'मधुमेह से जुड़ा सबसे प्रचलित मिथक यह है कि चीनी ज्यादा खाने की वजह से मधुमेह हो जाता है। लेकिन यदि जरूरत के मुताबिक चीनी खाई जाए तो यह मधुमेह की वजह नहीं बनती।'
मधुमेह पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें खून में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। शर्करा की अधिक मात्रा शरीर में ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से अन्य समस्यायें भी होती हैं, जैसे - दिल की परेशानी, गुर्दे की समस्या और अंधापन। मधुमेह को लेकर दूसरी गलतफहमी लोगों में यह है कि एक बार आप इंसुलीन का सेवन कर लेंगे तो आप इसके आदी हो जाएंगे।
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