जो लोग खुला पानी नहीं पीते हैं उनका बोतल बंद पानी में बहुत विश्वास होता है। लोगों को लगता है कि तमाम नामी कंपनियां जो बोतल पानी पानी बेच रही हैं उनमें 99 प्रतिशत शुद्ध पानी होता है। जबकि ये आपकी गलतफहमी मात्र है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोध में दावा किया गया है कि 90 फीसदी बोतल बंद पानी दूषित होता है।
भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों में बोतल बंद पेयजल बनाने वाली कंपनियों के लगभग 150 अरब डॉलर के वार्षिक व्यापार के बावजूद इनमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और मनुष्य के लिए अन्य हानिकारण तत्व मौजूद रहते हैं। अमेरिका की एक गैर लाभकारी संस्था ओर्ब मीडिया की रपट में खुलासा हुआ है कि इसमें पॉलीप्रोपिलीन, नायलॉन और पॉलीथिलीन टेरेफ्थेलेट जैसे तत्व मौजूद रहते हैं।
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शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है। शोध के दौरान 93 फीसदी नमूनों में प्लास्टिक पाई गई। बाजार में 147 अरब डॉलर प्रति वर्ष के व्यापार के साथ यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पेय उत्पाद उद्योग है।
शोधकर्ता अभी तक हालांकि मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं। पांच महाद्वीपों में भारत, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, थाईलैंड और अमेरिका से 19 स्थानों से नमूने एकत्र किए गए। बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के अदृश्य कणों को देखने के लिए शोध दल ने विशेष डाई और नीली रोशनी का उपयोग किया। शोध में 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई।
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दूषित जल से होने वाली बीमारी
- दूषित पानी पीने से पीलिया रोग होता है। इस रोग में आंख, चेहरा, त्वचा और नाखून पीले हो जाते हैं।
- दूषित जल पीने से या नहाने से पाचन शक्ति कमजोर होती है। जो चलते कब्ज, गैस जैसी बीमारियों को जन्म देती है।
- दूषित जल पीने से या नहाने से भी आंखों की बीमारियां हो सकती है।
- गंदा पानी पीने से गले में गिल्टियां होने लगती है हाथ पैरों में भी सूजन आ जाती है।
- पानी के गंदा होने पर टायफाइड रोग भी होता है।
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