ट्यूबकुलोसिस बहुत ही खतरनाक बीमारी है, हर साल दुनियाभर में इसके कारण लगभग 20 लाख लोग मरते हैं। लेकिन विटामिन ए का अधिक सेवन करने से टीबी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजेलिस के शोधकर्ताओं ने इन खतरनाक इंफेक्शंस से लड़ने में सहायक एंटीबॉयटिक पोषक तत्वों की भूमिका के बारे में पता लगाने के दौरान यह पाया कि विटामिन-ए टीबी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शोधकर्ताओं की मानें तो, विटामिन-ए और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाला खास जीन टीबी ग्रस्त ऊतकों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बहुत हद तक कम कर देता है। दरअसल क्षय रोग के जीवाणु कोलेस्ट्रॉल का उपयोग अपने पोषण और दूसरी जरूरतों के लिए करते हैं।
यूसीएलए के शोधकर्ता डेविड गीफन स्कूल ऑफ मेडिसीन एंड ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में सहायक प्रोफेसर फिलिप लियु ने बताया, 'यदि हम टीबी से संक्रमित ऊतकों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटा सकते हैं, तो हम प्रतिरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने के लिए बेहतर बना सकते हैं।
यूसीएलए के अध्ययनकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश कि विटामिन-ए किस तरह हमारे इम्यून सिस्टम को संक्रमणों से लड़ने और इसके लिए हो रहे उपचार में सहायक हो सकता है। इसके लिए उन्होंने एक ही ऊतक पर विटामिन-ए और विटामिन-डी के प्रभावों पर शोध किया।
इस शोध में यह पता चला कि, मानव शरीर में घुले विटामिन-ए और डी में से सिर्फ विटामिन-ए ही रक्त से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाने में सहायक है। विटामिन-ए की प्रतिक्रिया मानव शरीर में पाए जाने वाले विशेष जीन एनपीसी2 की प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करती है।
source - worldpress.com
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