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Vertigo: वर्टिगो (चक्कर आने) का कारण क्या है? जानें इसके लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

वर्टिगो (चक्कर आना) एक बीमारी है जिसमें मरीज को बार-बार चक्कर आना या सिर घूमने की समस्या होती है, जानें वर्टिगो के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

Prins Bahadur Singh
Written by: Prins Bahadur SinghUpdated at: Feb 08, 2022 18:22 IST
Vertigo: वर्टिगो (चक्कर आने) का कारण क्या है? जानें इसके लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

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बार-बार चक्कर आना या सिर चकराना या फिर अचानक सब कुछ घूमता हुआ महसूस होना वर्टिगो के कारण हो सकता है। वर्टिगो (Vertigo) एक सामान्य बीमारी है जिसमें व्यक्ति को चक्कर आने की समस्या होती है। आसान भाषा में वर्टिगो का मतलब (Vertigo Meaning in Hindi) समझें तो यह एक ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति को भ्रमित महसूस होना, चक्कर आना या सिर चकराने की समस्या होती है। वर्टिगो के कारण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और इसके आधार पर हर व्यक्ति में वर्टिगो के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता रहता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और इसकी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। वर्टिगो क्या है? वर्टिगो के कारण क्या है? और वर्टिगो के लक्षण क्या हैं? आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

वर्टिगो क्या है? (Vertigo in Hindi)

गोंडा स्थित SCPM हॉस्पिटल के ENT विशेषज्ञ डॉ एस के तिवारी बताते हैं कि कई लोगों को ऊंचाई पर जाने से डर लगता है और इसकी वजह से उन्हें चक्कर आना या सिर चकराने की समस्या होती है। लेकिन वर्टिगो इससे अलग है दरअसल यह एक प्रकार की बीमारी है जिसमें मरीज को मानसिक असंतुलन का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से मरीज को सामान्य रूप से चक्कर आने की समस्या हो सकती है या मानसिक असंतुलन होने की वजह से सिर चकराना या सब कुछ घूमता हुआ नजर आ सकता है। यह कान के आंतरिक हिस्से में होने वाली एक बीमारी है। मेडिकल की भाषा में वर्टिगो को वेस्टिबुलर सिस्टम में समस्या आने पर होने वाली बीमारी माना जाता है।

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Vertigo-Causes

वर्टिगो के कारण (Vertigo Causes in Hindi)

वर्टिगो के कारण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कई लोगों में शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से वर्टिगो अटैक आ सकता है वहीं कुछ लोगों में इसके कारण अलग होते हैं। एक्सपर्ट्स यह मानते हैं कि लगातार बिना कुछ खाए-पिए काम करना, बहुत ज्यादा तनाव या टेंशन लेना और कान में संक्रमण की वजह से भी वर्टिगो की समस्या हो सकती है। हर मरीज में वर्टिगो का प्रभाव भी अलग-अलग होता है, कुछ लोगों में वर्टिगो अटैक का असर कुछ ही देर के लिए होता है तो कुछ लोगों में यह काफी समय तक रह सकता है। वर्टिगो के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

  • कान के अंदर किसी प्रकार के संक्रमण की वजह से।
  • वेस्टीब्यूलर माइग्रेन के कारण वर्टिगो अटैक।
  • कान में मौजूद ब्लड वेसेल्स में कैल्शियम कार्बोनेट जमा होने के कारण।
  • लेब्रिथीनाइटिस की समस्या के कारण।
  • बहुत ज्यादा सोचने, टेंशन लेने की वजह से।
  • काफी देर तक बिना कुछ खाए-पिए काम करने के कारण।

इन कारणों के अलावा वर्टिगो के कुछ और कारण भी हो सकते हैं जो इस प्रकार से हैं -

  • प्रेगनेंसी की स्थिति में।
  • डायबिटीज की समस्या के कारण।
  • सिर या गर्दन पर किसी गंभीर चोट के कारण।
  • कान की सर्जरी होने पर।
  • माइग्रेन की वजह से।
  • दवा के साइड इफेक्ट के कारण।
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस।

Vertigo-symptoms

वर्टिगो के लक्षण (Vertigo Symptoms in Hindi)

वर्टिगो के लक्षण भी इसके कारणों के आधार पर हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। वर्टिगो की वजह से मरीज को संतुलन से जुड़ी समस्याएं होती हैं और अचानक सिर चकराने या सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है। हर व्यक्ति में वर्टिगो के लक्षण अलग-अलग होते हैं लेकिन वर्टिगो की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • चक्कर आना।
  • बार-बार संतुलन बिगड़ना।
  • आंखों के सामने अंधेरा छा जाना।
  • कमजोरी का अहसास होना।
  • जी मिचलाना और उल्टी होना।
  • कान सुन्न हो जाना।
  • लगातर सिरदर्द होना।

वर्टिगो का इलाज (Vertigo Treatment in Hindi)

वर्टिगो के लक्षण दिखने पर चिकित्सक सबसे पहले मरीज को जांच की सलाह देते हैं। इसकी जांच के लिए कान के अंदरूनी हिस्से की एमआरआई जांच की जाती है। जांच के बाद मरीज की कंडीशन के आधार पर डॉक्टर उसका इलाज करते हैं। अगर वर्टिगो के शुरुआत में ही मरीज चिकित्सक की सलाह लेता है तो उसका इलाज दवाओं के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है। अगर कान में मौजूद किसी इन्फेक्शन की वजह से मरीज को वर्टिगो अटैक आ रहा है तो इसके निदान के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक का सेवन करने की सलाह देते हैं। अगर मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो ऐसी स्थिति में कान की सर्जरी भी की जा सकती है। 

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वर्टिगो से बचाव के उपाय (Vertigo Prevention Tips In Hindi)

वर्टिगो के मरीजों को अपने कान की अच्छे से सफाई जरूर करनी चाहिए। मरीजों को अपने कान में कोई भी ठोस चीज डालने से बचना चाहिए। इसके अलावा एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस समस्या में सिर के नीचे तकिया रखकर सोना, भारी समान उठाने से बचना, झटके से सिर घुमाने से बचना चाहिए। इसके अलावा खानपान और जीवनशैली में सुधार कर आप इस समस्या से बच सकते हैं। वर्टिगो अटैक को ट्रिगर करने वाले कारणों से भी आपको बचना चाहिए।

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