
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आपको अचानक चक्कर आते हैं या फिर आप जी मिचलाता है, तो आप वर्टिगो से पीडि़त हो सकते हैं। जी हां, वर्टिगो एक ऐसी बीमारी है, जिसमें अचानक चक्कर आना, जी मिचलाना और शरीर का शिथिल पड़ जाना शामिल है। लेकिन अगर आप इस समस्या से पीडि़त हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। हाल में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि विटामिन डी आपको वर्टिगो से दूर रखने में मदद कर सकता है। जी हां, रोजाना विटामिन डी की खुराक लेने से वर्टिगो की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है। विटामिन डी हमारे शरीर के लिए उन आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है, जो हमारे समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है। आइए इस लेख में आगे वर्टिगो और वर्टिगो से निपटने में विटामिन डी की भूमिका के बारे में विस्तार से जानें।
क्या हैं वर्टिगो का कारण?
आप ये तो समझ ही गए हैं कि वर्टिगो क्या है, लेकिन अब यहां इसका कारण भी जान लें। बेनिगिन पेरोक्साइज़मल पोजिशनल वर्टिगो या BPPV, वर्टिगो का सबसे आम कारण है। अचानक सिर घूमना या चकराना और चक्कर आने का एहसास होता है। इन्हें बीपीपीवी के लक्षणों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो सिर में किसी भी अचानक मूवमेंट के साथ शुरू हो जाता है। इसके अलावा, चक्कर आने के कई कारण हैं जैसे कि अंदरूनी रूप से कान में संक्रमण और अवरुद्ध संवेदी तंत्रिका मार्ग आदि। बेनिगिन पेरोक्साइज़मल पोजिशनल वर्टिगो में व्यक्ति को हल्के व तेज चक्कर आ सकते हैं, जिसमें यह आमतौर पर सिर के किसी विशेष पोजिशन में ले जाने पर होता है। जेसे सिर को ऊपर या नीचे की तरफ करना, अचानक उठने या फिर बैठते समय सिर घूमना।
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वर्टिगो को रोकने में कैसे मददगार है विटामिन डी?
हाल में हुए इस नए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया है कि रोजाना विटामिन डी की दो खुराकें रोजाना लेने से चक्कर आने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, विटामिन डी के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट लेने से रिकवरी की संभावना में सुधार होगा। जिन लोगों में विटामिन डी का स्तर कम होता है, उनमें वर्टिगो का अधिक जोखिम होता है। इसलिए, विटामिन डी के स्तर को बढ़ावा देना पहली बात है, जिस पर वर्टिगो से पीडि़त लोगों को विचार करना चाहिए।
जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित शोध में, दक्षिण कोरिया में सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी से जी-सू किम, जिन्होंने इस शोध का संचालन किया, ने कहा: "यह विधि विशेष रूप से प्रभावी है यदि आपके पास लो विटामिन डी का स्तर है, जिसके साथ शुरू करने के लिए हमारा अध्ययन सुझाव देता है कि बेनिगिन पेरोक्साइज़मल पोजिशनल वर्टिगो वाले लोगों के लिए, विटामिन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेना एक आसान और कम जोखिम वाला तरीका है, जो वर्टिगो को बार-बार आने यानि इसकी पुनरावृत्ति को रोकता है। "
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900 से अधिक प्रतिभागियों के साथ किया गया शोध
यह शोध 900 से अधिक प्रतिभागियों के साथ किया गया था, जिनमें से लगभग 350 लोग जिनके विटामिन डी का स्तर कम था, उन्हें विटामिन डी और कैल्शियम की खुराक दी गई थी। जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को वर्टिगो के लिए सप्लीमेंट मिला उन्होंने सकारात्मक परिणाम दिखाए क्योंकि उनकी पुनरावृत्ति दर में 24 प्रतिशत से अधिक की कमी आई।
किम ने कहा, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि विटामिन डी और कैल्शियम की गोलियों की तरह एक सस्ता, कम जोखिम वाला उपचार इस बीमारी को रोकने में प्रभावी हो सकता है, और आमतौर पर आवर्ती, विकार।"
इस प्रकार, जिन लोगों को चक्कर है, उन्हें अपने विटामिन डी के स्तर की निगरानी करनी चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो इसके सप्लीमेंटृस लेनी चाहिए। यह स्थिति को प्रबंधित करने और पुनरावृत्ति दर को कम करने में मदद करता है।
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