What is Vasovagal Syncope: सिंकोप का मतलब होता है, बेहोशी या बार-बार चक्कर आकर गिरना। किसी को भी बेहोश होते देख अक्सर लोग इसे हार्ट से जुड़ी स्थिति के साथ जोड़ देते हैं। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि, बेहोशी सिर्फ हार्ट से जुड़ी बीमारियों के कारण होती है। हार्ट प्रॉब्लम, बेहोशी का एक कारण जरूर हो सकती है। आज के समय में खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी के कारण हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। बेहोशी और हार्ट से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है वसोवागल सिंकोप (Vasovagal Syncope)। इस बीमारी में मरीज को अक्सर को बार-बार चक्कर आने की समस्या होती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं वसोवगल सिंकोप के बारे में।
वसोवागल सिंकोप क्या है?- What is Vasovagal Syncope in Hindi
शरीर में मौजूद बीमारी या परेशानी के कारण होने वाली बेहोशी की स्थिति में मरीज अचानक चक्कर खाकर गिर जाता है। लेकिन वसोवागल सिंकोप के कारण मरीज को कुछ ट्रिगर्स दिखने पर बेहोइशी होती है। वसोवागल सिंकोप को न्यूरोकार्डियोजेनिक या रिफ्लेक्स सिंकोप के रूप में भी देखा जाता है। लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, "वसोवागल सिंकोप में आपका शरीर कुछ ट्रिगर्स दिखने पर प्रतिक्रिया करता है। जैसे अचानक नुकीली चीज, सुई, ब्लड, डरावनी चीज दिखना। इस स्थिति में आपकी हार्टबीट कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर कम होने लगता है, जिसकी वजह से बेहोशी, चक्कर जैसी परेशानी होती है।"
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वसोवागल सिंकोप के कारण- What Causes Vasovagal Syncope in Hindi
वसोवागल सिंकोप आमतौर पर नसों में ब्लड और ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होने के कारण होता है। ट्रिगर दिखने पर शरीर में ब्लड फ्लो अचानक कम हो जाता है, जिसकी वजह से मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और ब्लड नहीं पहुंच सकता है, जिसकी वजह से वसोवागल सिंकोप का खतरा रहता है। ब्लड प्रेशर कम होने के कारण दिल की धड़कन कम होती है और मस्तिष्क तक ब्लड फ्लो ठीक नहीं रहता है। इस स्थिति में वसोवागल सिंकोप का खतरा बढ़ जाता है। वसोवागल सिंकोप के कुछ मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- लंबे समय तक बैठने, झुकने के बाद अचानक खड़ा होना
- बहुत ज्यादा डर लगना
- ब्लड का स्तर कम होना
- बहुत ज्यादा देर तक एक ही जगह खड़े रहना
- बॉडी पॉश्चर में बदलाव
- बहुत ज्यादा देर धूप में रहना
- एक्सरसाइज ज्यादा करना
वसोवागल सिंकोप के लक्षण- Vasovagal Syncope Symptoms in Hindi
वसोवागल सिंकोप आने पर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं-
- धुंधला दिखना
- आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
- चक्कर आना
- कमजोरी महसूस होना
- गर्मी लगना और चिपचिपा महसूस होना
- आंख के सामने पीला या भूरा दिखना
- जी मिचलाना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
वसोवागल सिंकोप का इलाज और बचाव- Vasovagal Syncope Treatment And Prevention in Hindi
वसोवागल सिंकोप आने पर मरीज को कुछ जांच कराने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर मरीज का एलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, ईकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट समेत कुछ अन्य टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। इन टेस्ट के माध्यम से हार्ट एक्टिविटी, ब्लड फ्लो, ब्लड प्रेशर समेत हार्ट फंक्शन की जांच की जाती है। इसके बाद मरीज की स्थिति के आधार पर इलाज किया जाता है। कुछ मरीजों को दवाओं के सेवन की सलाह देकर घर भेज दिया जाता है। गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती किया जा सकता है।
वसोवागल सिंकोप से बचाव के लिए मरीजों को ट्रिगर्स कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है। अगर आपको डरावनी फिल्मों या ऐसे दृश्य से डर लगता है, तो इनसे दूर रहना चाहिए। चिंता, डिप्रेशन समेत मानसिक समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन का अभ्यास करने से मदद मिलती है। हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने से इस तरह की परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।
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