योग शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी होता है। योग से शरीर के कई अंगों की समस्याएं और बीमारियों के लक्षण को भी कम करने में मदद मिलती है। इससे आप पूरे दिन एनर्जेटिक महसूस करते हैं। साथ ही काम के दौरान थकान और सिरदर्द की समस्या भी नहीं होती है। अगर लंबे समय तक एक जगह बैठकर काम करते है, तो आपको उत्तानासन योग जरूर करना चाहिए। इसे करने से आपको कई लाभ मिलते है। उत्तानासन के अभ्यास के दौरान सिर आपके दिल के नीचे होता है। इससे आपके मस्तिष्क की ओर रक्त प्रवाह तेज हो जाता है और यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति अच्छे से होती है। इस योगासन की मदद से पीठ वाले हिस्से में खिंचाव आता है और यह पैर से लेकर पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है। उत्तानासन के अभ्यास से हिप्स, हैमस्ट्रिंग और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जबकि इससे घुटने और कंधे मजबूत होते हैं।
उत्तानासन योग के फायदे (Benefits of Uttanasana)
1. इस आसन की मदद से पीठ, हिप्स और टखनों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर अच्छे से स्ट्रेच भी होता है।
2. इस योगासन की मदद से आप दिमाग को शांत कर सकते हैं और तनाव से दूर रह सकते हैं।
3. सिर दर्द और अनिद्रा की समस्या में भी आप इस आसन को कर सकते है।
4. इससे पाचन संबंधी समस्याओं और एब्स को टोन करने में सहायता मिलती है।
5. इस आसन में आप जब नीचे की ओर झुकते है तो इससे जांघों और घुटनों में भी मजबूती आती है।
6. इस योगासन से हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, साइनोसाइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस में आराम मिलता है।
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उत्तानासन योग करने का तरीका (Uttanasana Steps)
1. योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को हिप्स पर रखें।
2. सांस अंदर खींचते हुए कमर को मोड़ते हुए आगे की झुकें।
3. हिप्स और टेलबोन को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान संतुलन बनाए रखें।
4. अपने हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें।
5. आपके पैर एक-दूसरे की सीधी रेखा में रहेंगे।
6. आपका सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा।
7. सीने की हड्डियों और प्यूबिस के बीच चौड़ा स्पेस रहेगा।
8. इस दौरान जांघों को भीतर की तरफ दबाने का प्रयास करें और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें।
9. सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से झांककर देखें।
10. इस स्थिति में 15-30 तक बने रहें और धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में आएं।
11. अब सांस को भीतर की ओर खींचे और हाथों को हिप्स पर रखें।
12. धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठें और सामान्य होकर खड़े हो जाएं।
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सावधानियां
1. लोअर बैक में चोट लगने पर इस अभ्यास को न करें।
2. हैमस्ट्रिंग में खिंचाव और पैर की मांसपेशियों में दर्द होने पर भी इस अभ्यास को न करें।
3. साइटिका की समस्या में इस आसन से आपका दर्द बढ़ सकता है।
4. रीढ़ की हड्डी में दर्द या असुविधा होने पर इसका अभ्यास न करें।
5. संतुलन बनाने में समस्या होने पर आप दीवार का सहारा ले सकते है।
6. इस योगाभ्यास को शुरुआत में ट्रेनर की देखरेख में करें।