पशुओं से होने वाली बीमारी लैप्टोस्पायरोसिस के बारे में सबकुछ जानें

घर में पलने वाले जानवरों की वजह से लैप्टोस्पायरोसिस नाम की बीमारी फैलती हैं जो इंसान को लंबे समय तक बीमार कर सकती है। ये बीमारी घर में रहने वाले चूहों से भी फैलती है।
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पशुओं से होने वाली बीमारी लैप्टोस्पायरोसिस के बारे में सबकुछ जानें


आजकल की व्यस्त ज़िंदगी में कई प्रकार की बीमारियाँ हम अपने आस-पास देख सकते हैं। इनमें से कुछ बीमारियाँ तो हमारे साथ या हमारे आसपास रहने वाले जानवरों के कारण ही होती हैं। वहीं जानवरों की वजह से होने वाली कुछ बीमारियाँ ऐसी भी हैं जो दूसरे देशों से हमारे देश में आई हैं। इबोला, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू इन कुछ बीमारियों के उदाहरण हैं। खैर इन बीमारियों के बारे में तो आए दिन समाचार पत्रों में छपने और न्यूज चैनल में आने की वजह से लोग इससे सतर्क रहते हैं। लेकिन उन बीमारियों का क्या जो दबे पांव चूहे, गाय, बकरी आदि जानवरों की वजह से आते हैं और इंसान को लंबे समय तक के लिए बीमार करके चले जाते हैं।
भले ही इन बीमारियों का इलाज है लेकिन सही समय पर सही कदम ना उठाने से कई बार ये बीमारियां लोगों की जान भी ले लेती हैं। इन जानलेवा बीमारियों में से एक है लैप्टोस्पायरोसिस, जो घर में रहने वाले चूहों और तिलचट्टों की वजह से भी हो जाते हैं।

इन सामान्य कीटों और जानवरों की वजह से होने वाली जानलेवा बीमारी के बारे में पूरी जानकारी ही इससे बचने का सबसे सरल उपाय है। ये बीमारी लैप्टोस्पायर नाम के बैक्टीरिया की वजह से होती है जो घरेलू पशुओं में पाए जाते हैं।

 

क्यों जरूरी है इस बीमारी के बारे में जानना

इस बीमारी के बारे में भारत के लोगों के लिए बात करना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि देश की लगभग 70% जनसंख्या आज भी गाँव में रहती है। और गांव में हर घर में घरेलू पशुओं का पाला जाना सामान्य बात है। वहीं गाँव के अलावा शहर में भी इस बीमारी के कई केस सामने आए हैं। अब आप समझ सकते हैं कि क्यों हर भारतीय का इस बीमारी के बारे में जानना जरूरी है। तो आइए इस लेख में इस बीमारी के लक्षणों और उपचार के बारे में विस्तार से जानें।

 

इसके लक्षण

  • इस बीमारी के कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन पर ध्यान देकर पता लगा सकते हैं कि ये बीमारी धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसके लक्षण -
  • सर दर्द या शरीर में दर्द
  • तेज बुखार होना
  • खांसी में खून निकलना
  • पीलिया भी इस बीमारी के कारण ही होता है।
  • शरीर का लाल होना
  • शरीर में रैशेज होना

 

इसके कारण

  • घरेलू जानवरों के संपर्क में आना - यदि आपके घर में पालतू कुत्ता या गाय आदि है तो आपको उनसे ये बीमारी फ़ैल सकती है। इस बीमारी से ग्रस्त जानवर को अगर आप छूते हैं या उनके साथ खाते हैं तो बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर जाएंगे। दूसरी ओर अगर आपके घर में चूहों को ये बीमारी है तो भी आपके संक्रमित होने की काफी संभावना है।
  • दूषित पानी - जानवरों के झूठे पानी में भी इस बीमारी के बैक्टीरियां मौजूद रहते हैं जो हवा के द्वारा आपके शरीर में प्रेवश करते हैं।
  • मल-मूत्र के संपर्क में आना - घरेलू जानवरों द्वारा किए जाने वाले मल-मूत्र को छूने या सके संपर्क में आने से भी ये बीमारी आपको हो सकती है।

 

इसके उपचार/बचाव

ये कहना उचित होगा की अभी इस बीमारी के बारे में लोगों को कम ही पता है। एक अध्यन से पता चला है की 100,000 लोगों में से 1 में इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने बताया है की लोग इस बीमारी को काफी कम जानते हैं।

 

बचाव

  • किसी भी बीमारी से बचने का सबसे अच्छा इलाज़ है उससे बचाव।
  • अगर आप पहले से ही उस बीमारी से सतर्क रहते हैं तो आपको किसी भी तरह की बीमारी के होने की संभावना कम होती है।
  • अगर घरेलू जानवर बीमार पड़ गए हैं तो उनका इलाज करवाएं और उनसे दूर रहें।
  • अगर इस बीमारी के कोई भी लक्षण दिखें तो आप अपने नज़दीक के डॉक्टर के पास जाकर इलाज़ करवाएं।  लैप्टोस्पायरोसिस के होने पर आपको एंटीबायटिक से आराम मिल सकता है। दर्द के लिए पेनकिलर(दर्द निरोधक) टेबलेट ली जा सकती है।
  • वैसे कई सालों की रिसर्च से पता चला है की एंटीबायटिक इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं करती हैं।
  • फिर भी 6-7 दिन दवाई लेने के बाद आप इस बीमारी को लगभग ख़त्म कर सकते हैं।

 

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