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पोषक तत्वों की कमी को दूर करती हैं अलग-अलग अनाज से बनी रोटियां, एक्सपर्ट से जानें

अलग-अलग अनाज की रोटियों से आपको कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। आगे जानते हैं किस पोषक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए कौन सी रोटी खानी चाहिए
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पोषक तत्वों की कमी को दूर करती हैं अलग-अलग अनाज से बनी रोटियां, एक्सपर्ट से जानें


उत्तर भारत के क्षेत्र जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में आज भी लोगों की डाइट में रोटियां को मुख्य रूप से शामिल किया जाता है। सुबह और रात की डाइट में रोटी खाई जाती है। करोड़ों लोग रोजाना गेंहू की रोटियां खाना पसंद करते हैं। लेकिन, गेंहू की रोटियों आपकी संपूर्ण आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं करती हैं। ऐसे में आप पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व के लिए अलग-अलग अनाज की रोटियों का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, हर तरह के अनाज की रोटी में उस अनाज के गुण मौजूद होते हैं। जब आप किसी विशेष तरह के आटे का सेवन करते हैं, तो ऐसे में आपको उसके पोषण तत्व मिल सकते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट रुचिता  बत्रा ने इंस्टा अकाउंट पर लोगों के साथ रोटियां और उनके पोषक तत्व से जुड़ी रील को शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि किस तरह के अनाज आप किस पोषक तत्व की कमी को दूर कर सकते हैं। 

पोषक तत्वों की कमी को दूर करती हैं अलग-अलग अनाज की रोटियां - Types Of Roti To Fulfill Nutritional Deficiency in Hindi

रागी (फिंगर मिलेट)

रागी राशन वालों की दुकान में आसानी से उपलब्ध होती है। इसमें कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। 50 से 60 ग्राम रागी के आटे से आपको करीब 30 ग्राम कैल्शियम प्राप्त होता है। कैल्शियम हड्डियों के घनत्व के लिए अच्छा माना जाता है। साथ ही, यह ऑस्टोपोरोसिस के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है। 

roti for nutrients deficiency

जौ

जौ का अनाज आपको फाइबर प्रदान करता है। जौ का आटा आपकी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर, पुरानी से पुरानी कब्ज में आराम पहुंचाता है। इसमें राइबोफ्लेविन (विटामिन बी2), थियामिन (विटामिन बी 1), फोलेट (विटामिन बी 9) और नियासन (विटामिन बी 3) पाया जाता है। 

सत्तू का आटा 

सत्तू का सेवन बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में किया जाता है। गर्मियां आते ही सत्तू के आटा का सेवन कई प्रकार से किया जाता है। कुछ लोग सत्तू के आटे को पानी में मिलाकर पर पीते हैं। इससे गर्मी शांत होती है और आपको लू लगने का जोखिम कम होता है। सत्तू के आटे में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है। 

बाजरा 

बाजरा का उपयोग सर्दियो में अधिक किया जाता है। आयुर्वेद के अुसार व्यक्ति को सात अलग-अलग अनाज के आटे को मिलाकर खाना चाहिए। लेकिन, आप बाजारे के आटे का भी सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को आयरन की कमी है, उन्हेंअपनी  डाइट में बाजरे के रोटियों को शामिल करना चाहिए। 

गेहूं

गेहूं भारत में आसानी से उपलब्ध होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा होती है। गेंहू विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी पाया जाता है। यह शरीर के कार्यों को लिए बेहतर माना जाता है। गेंहू की रोटियों को पचाना आसान होता है। 

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डायटिशिन और एक्सपर्ट आपको अलग-अलग अनाज के आटों को मिलाकर खाने की सलाह देते हैं। लेकिन, यदि आपको किसी पोषण की कमी है, तो ऐसे में आप ऊपर बताई रोटियों को डाइट में शामिल कर सकते हैं। 

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