
ब्रेन ट्यूमर के कई प्रकार होते हैं, जिनके लक्षण गंभीरता के आधार पर बदलते रहते हैं। पर कुछ लक्षण बहुत सामान्य हैं और ट्यूमर के स्पष्ट संकेत भी हैं।
ब्रेन ट्यूमर (brain tumors) की शुरुआत तो एक आम से सिर दर्द से होती है, पर ये वक्त के साथ धीमे-धीमे गंभीर हो जाता है। दरअसल, ब्रेन ट्यूमर तब होता है, जब दिमाग की कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा तेजी से बढ़ने और फैलने लगती हैं। इससे दिमाग में मौजूद आस-पास के टीश्यूज और ऑर्गन डैमेज हो जाते हैं। पर यही इसका एक कारण नहीं है। इसलिए ब्रेन ट्यूमर के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉ. राहुल गुप्ता (Dr.Rahul Gupta)से बात की, जो कि नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में न्यूरो और स्पाइन सर्जरी के डायरेक्टर हैं। ब्रेन ट्यूमर के बारे में डॉ. राहुल गुप्ता बताते हैं कि ब्रेन ट्यूमर में ब्रेन के अंदर एक मास बन जाता है, जिससे ब्रेन पर प्रेशर पड़ने लगता है। इसी प्रेशर के कारण लोगों को सिर दर्द होता है, चक्कर आता है और कमजोरी महसूस होती है।
डॉ. राहुल गुप्ता की मानें, तो ब्रेन ट्यूमर में लोगों को आमतौर पर 5 तरह के सिर दर्द महसूस होते हैं, जिन्हें आप प्राइमरी और सेंकडरी ट्यूमर के कुछ लक्षणों के रूप में देख सकते हैं। इसमें होता ये है कि व्यक्ति को नॉर्मल सिर दर्द रहता है और वो कुछ अन्य लक्षणों के साथ मिल कर गंभीर हो जाता है। ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों (Symptoms of Brain Tumor) पर ध्यान दें, तो इनमें शामिल हैं
- 1. तेज सिर दर्द जिसे नजरअंदाज न किया जा सके
- 2. सिर दर्द के साथ चक्कर आना और उल्टी
- 3.सिर दर्द के साथ आंखों से धुंधला दिखना
- 4.सिर दर्द के साथ कमजोरी
- 5.सिर दर्द के साथ दौरा पड़ना
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार (types of brain tumors)
प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर (Primary Brain Tumor)
ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं, पर मुख्य रूप से इन दो तरीकों से वर्गीकृत किया जाता है। जैसे कि पहला प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर और दूसरा होता है सेंकडरी ब्रेन ट्यूमर (Secondary Brain Tumor)। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर (Primary Brain Tumor) वो ट्यूमर है जो कि ब्रेन के अंदर ही उभरता है और उसी से जुड़ा हो। इसमें आमतौर पर लोगों को मेनिनजियोमा (Meningioma Tumour) और पिट्यूटरी ट्यूमर (Pituitary Tumour) होता है।
1.मेनिनजियोमा (Meningioma Tumour) क्या है?
मेनिनजियोमा एक ट्यूमर है जो खोपड़ी के अंदर 3 झिल्ली के सेट में बढ़ता है, जिसे मेनिंगेस कहा जाता है। इन झिल्लियों का कार्य मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढंकना और उनकी सुरक्षा करना है। मेनिनजियोमा ग्रेड 1, 2 या 3 हो सकते हैं। इसकी वजह से मस्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ता है और सिर में दर्द रहता है। ये धीमे-धीमे बढ़ता है और इस दौरान लोगों के सिर दर्द , दौड़े पड़ना और कमजोरी रहती है। इन ग्रेडों के भीतर, विभिन्न प्रकार के मेनिनजियोमा ट्यूमर होते हैं, जिनका अलग-अलग तरीके से इलाज किया जा सकता है। इसके कुछ खास लक्षणों पर नजर डालें, तो इसमें
- - तो ये कम ग्रेड का ट्यूमर होता है, जिसके लक्षण गंभीर नहीं होते हैं।
- -ये धीमे-धीमे बढ़ता है।
2.पिट्यूटरी ट्यूमर (Pituitary Tumour) क्या है?
पिट्यूटरी ट्यूमर मस्तिष्क के पिट्यूटरी ग्रंथि से जुड़ा हुआ ट्यूमर है , जो टिशूज पर विकसित होता है। पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क के आधार की ओर पाई जाती है। यह शरीर के भीतर अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करता है जो बदले में शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करता है। इस ट्यूमर के कारण पिट्यूटरी ग्लैंड प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन का रिलीज ज्यादा करने लगती है, जिससे आस पास के टिशूज पर जोड़ पड़ता है। इसके लक्षणों में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और सिर दर्द रहता है।
3. ग्लिओमास (Gliomas)
ये ट्यूमर मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में शुरू होते हैं और इसमें एस्ट्रोसाइटोमास, एपेंडिमोमास, ग्लियोब्लास्टोमास, ओलिगोस्ट्रोसाइटोमास और ओलिगोडेंड्रोग्लिओमास शामिल हैं।
4. एकाउटिक न्यूरोमा (Acoustic neuromas)या (schwannomas)
ये सौम्य ट्यूमर हैं जो उन नसों पर विकसित होते हैं जो संतुलन और श्रवण से आपके आंतरिक कान से आपके मस्तिष्क तक पहुंचते हैं।
5.मेडुलोब्लास्टोमास (Medulloblastomas)
ये बच्चों में सबसे आम ब्रेन ट्यूमर हैं। एक मेडुलोब्लास्टोमा मस्तिष्क के निचले हिस्से में शुरू होता है और रीढ़ की हड्डी के माध्यम से फैलता है। ये ट्यूमर वयस्कों में कम और बच्चों में ज्यादा होता है।
6.जर्म सेल ट्यूमर (Germ cell tumors)
जर्म सेल ट्यूमर बचपन के दौरान विकसित हो सकता है जहां अंडकोष या अंडाशय बनेंगे। लेकिन कभी-कभी जर्म सेल ट्यूमर शरीर के अन्य भागों, जैसे मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं।
7.क्रानियोफेरींजिओमास (Craniopharyngiomas)
ये बहुत ही रेयर है और गैर-कैंसर वाले ट्यूमर है जो कि मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथि के पास शुरू होते हैं और शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करने वाले हार्मोन पर असर डालते हैं। जैसा कि क्रानियोफेरीन्जिओमा धीरे-धीरे बढ़ता है, यह मस्तिष्क के पास पिट्यूटरी ग्रंथि और अन्य संरचनाओं को प्रभावित कर सकता है।
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सेंकडरी ब्रेन ट्यूमर (Secondary Brain Tumour)
सेंकडरी ब्रेन ट्यूमर में आमतौर पर मेटास्टैटिक ट्यूमर (Metastatic Tumour) आता है, जिसमें कि शरीर के दूसरे हिस्से में ट्यूमर होता है और वो वहां से आकर ब्रेन तक पहुंच जाता है। ये काफी गंभीर होता है और इसमें व्यक्ति को इलाज की जरूरत होती है। इसमें ज्यादातर लोगों के दिमाग की सर्जरी करके ट्यूमर बाहर निकाला जाता है या फिर रेडियोथेरेपी की मदद से इसे ठीक किया जाता है। सेंकडरी ब्रेन ट्यूमर ज्यादातर उन लोगों में होता है जिनके पास पहले से ही कैंसर का इतिहास रहो हो। लेकिन दुर्लभ मामलों में, एक मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर कैंसर का पहला संकेत हो सकता है जो आपके शरीर में कहीं और शुरू हुआ था। वयस्कों में, प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर की तुलना में सेंकडरी ब्रेन ट्यूमर कहीं अधिक सामान्य हैं। इनमें आमतौर पर ऐसे कैंसर होते हैं, जो कि फैल कर ब्रेन तक पहुंच जाते हैं। जैसे कि
- -स्तन कैंसर
- -पेट का कैंसर
- -गुर्दे का कैंसर
- -फेफड़ों का कैंसर
- -मेलेनोमा
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ब्रेन ट्यूमर का इलाज कैसे किया जाता है?
आपको ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हैं, तो आपका डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने ब्रेन का चेकअप करवाना चाहिए। इस दौरान न्यूरो स्पेशलिस्ट
- -आपके ब्रेन का न्यूरोलॉजिकल टेस्ट करेंगे कि आपके ब्रेन में कहीं कोई परेशानी तो नहीं।
- -इसके लिए डॉक्टर आपके ब्रेन का एमआरआई टेस्ट करवाएंगे या फिर सीटी स्कैन करवाएंगे।
- -अगर रिपोर्ट में कुछ पता चलता है तो डॉक्टर आपको बताएंगे कि क्या और कैसा ट्यूमर आपके मस्तिष्क को प्रभावित कर रहा है।
- -इसके अलावा कई बार मस्तिष्क की बायोप्सी के बाद अन्य औक सही तकनीकों के मदद से आपके ब्रेन से ट्यूमर निकाला जा सकता है।
- -इसके अलावा कई ऐसे तकनीक हैं, जिसमें माइक्रोस्कोपिक लेवल पर ट्यूमर की पहचान कर इसका इलाज किया जाता है।
तो, अगर किसी को भी ब्रेन ट्यूमर है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है बर उसे एक सही इलाज की जरूरत है। इसलिए अपना और अपने शरीर का ख्याल रखें और इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं।
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