
कैंसर हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। शरीर के जिस हिस्से में कैंसर होता है, उसे उसी नाक के कैंसर से जाना जाता है। पेट के हिस्सों में होने वाले कैंसर को पेट का कैंसर या आमाशय का कैंसर (Gatric Cancer) भी कहा जाता है। इसकी वजह से पेट के किसी भी हिस्से में असामान्य रूप से कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। अन्य कैंसर की तुलना में यह कैंसर काफी दुर्लभ होता है। क्योंकि इसका प्रारंभिक स्टेज में निदाज करना मुश्किल होता है। अगर समय से पहले पेट के कैंसर का ज्ञात हो जाए, तो इसका इलाज संभव है। मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल दास का कहना है कि गैस्ट्रिक कैंसर में पेट के भीतरी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है। इस बीमारी के लगभग सभी मामलों में से 90-95% केस एडेनोकार्सिनोमा रूप में उत्पन्न होता है। पेट के कैंसर के मरीजों में म्यूकोसा (mucosa) में पाई जाने वाली कोे कोशिकाओं का विकास तेजी से होने लगता है। आपको बता दें कि म्यूकोसा (mucosa) पेट का अस्तर होता है, जो हमारे शरीर में बलगम का उत्पादन करता है। इस तरह के कैंसर का निदान करना काफी मुश्किल होता है। पुरुषों को महिलाओं की तुलना पेट का कैंसर अधिक होने की संभावना होती है।
पेट में कैंसर की स्टेज ( Stomach Cancer stages )
एडेनोकार्सिनोमा के रूप में आमाशय या पेट का उत्पन्न होता है। पेट में कैंसर कितना फैल चुका है, इसी के आधार पर कैंसर का स्टेज डिसाइड किया जाता है। पेट के एडेनोकार्सिनोमा में कैंसर के स्टेज निम्न हैं।
I स्टेज – इस स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं पेट की आंतरिक परत में मौजूद ऊतकों तक ही सीमित रहते हैं।
II स्टेज – इस स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं पेट की गहरी परतों में फैल चुका होता है।
III स्टेज – पेट के कैंसर के तीसरे स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं पेट या आमाशय की सभी परतों और लिम्फ नोड्स की गहराई तक फैल चुकी होती हैं।
IV स्टेज – यह पेट के कैंसर का लास्ट स्टेज होता है, जिसमें कैंसर की कोशिकाएं पेट की सभी परतों और लिम्फ नो़ड्स के साथ शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है।
इसे भी पढ़ें - लगातार एसिडिटी और सीने में जलन हो सकता है खाने की नली में कैंसर (एसोफैगल कैंसर) का संकेत, जानें कारण, लक्षण
किन कारणो से होता है पेट का कैंसर ( Stomach Cancer Causes )
पेट में कैंसर होने का खतरा तब बढ़ जाता है, जब व्यक्ति को ऊपरी पाचन तंत्र के अंदर सामान्य स्वस्थ कोशिकाएं कैंसरयुक्त हो जाती है। ये कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से वृद्धि होती है, जो ट्यूमर का निर्माण करती हैं। हालांकि ये कोशिकाएं हमारे शरीर में धीरे-धीरे फैलती हैँ।
पेट के कैंसर के जोखिम कारक (Stomach Cancer risk factors)
- पेट में एच पाइलोरी जीवाणु संक्रमण (pylori bacterial infections)
- लिंफोमा (lymphoma) कैंसर
- पाचन तंत्र के अन्य हिस्सों में ट्यूमर
- पेप्टिक अल्सर (peptic ulcers)
- क्रोनिक एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस (chronic atrophic gastritis)
- पेट में पोलिप्स (stomach polyps )
- घातक एनीमिया (pernicious anemia), या विटामिन बी12 की कमी
- आनुवांशिक स्थितियों (genetic conditions) के कारण भी कुछ लोगों आमाशय कैंसर हो सकती है।
- पारिवारिक एडिनोमेटस पॉलीपोसिस (familial adenomatous polyposis)
- ली-फ्रामेनी सिंड्रोम (Li-Fraumeni syndrome)
- रक्त समूह-A (type A blood), इत्यादि।
- लिंच सिंड्रोम (Lynch syndrome)

गैस्ट्रिक कैंसर के अन्य जोखिम कारक
- 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को
- शरीर का वजन अधिक होना।
- धूम्रपान करना
- कैंसर का पारिवारिक इतिहास
- एक्सरसाइज ना करना।
- अभ्रक का एक्सपोजर (Exposure to asbestos)
- लड़की, कोयला, धातु या रबर उद्योगों में काम करना
- मांस-मछली इत्यादि चीजों का अधिक सेवन करना
पेट के कैंसर के लक्षण (Symptoms of stomach cancer)
- भोजन के दौरान पेट काफी ज्यादा भरा-भरा हुआ सा महसूस होना।
- पसलियों और छातियों में दर्द होना।
- पेट में दर्द होना।
- निगलने में कठिनाई होना।
- बार-बार डकार होना। (burping)
- सीने में काफी जलन होना। (heartburn)
- पेट फूला हुआ महसूस करना
- अपच की परेशानी होना, जो इलाज के बाद भी ठीक ना होना।
- उल्टी होना।
- पेट में तीव्र दर्द होना
- खून की कमी (anemia)
- पेट में तरल पदार्थ का निर्माण होना।
- पेट में गांठ जैसा महसूस होना।
- काला या रक्तयुक्त मल
- थकान महसूस होना
- पेट में सूजन
- भूख में कमी आना
- वजन घटना इत्यादि।

पेट के कैंसर की जांच (Stomach Cancer Diagnosis )
डॉक्टर बताते हैं कि अगर आपको पेट में कैंसर होने का खतरा है, तो आप स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिए इसका निदान कर सकते हैं। क्योंकि पेट के कैंसर का प्रारंभिक लक्षण लोगों को नजर नहीं आताहै। इसलिए इस बीमारी का निदान करना कठिन हो जाताग है।
इसके अलावा डॉक्टर पेट के कैंसर की जांच में किसी तरह की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपका पारिवारिक इतिहास जानने की कोशिश करते हैं। इसके साथ ही शारीरिक परीक्षण भी किया जाता है। इनमें से कुछ जांच निम्न है-
- लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy)
- ऊपरी एंडोस्कोपी (Upper endoscopy)
- बायोप्सी (biopsy)
- पूर्ण रक्त गणना (complete blood count)
- आनुवांशिक परीक्षण (genetic tests)
- इमेजिंग टेस्ट (imaging test)
- सीटी स्कैन
- पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी
- एक्स-रे परीक्षण, इत्यादि।
पेट के कैंसर का इलाज ( Stomach Cancer treatment)
डॉक्टर पेट के कैंसर का इलाज निम्न तरीके से कर सकते हैं।
- विकिरण थैरेपी (radiation therapy)
- कीमोथेरेपी (chemotherapy)
- इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy), जैसे टीके और दवा
- सर्जरी (surgery)
- सर्जरी (surgery)
Read More Articles On Cancer In Hindi