
आज के समय में बचपन हजार खतरों से घिरा है। उनमें से एक टीवी विज्ञापनों की भ्रामक दुनिया भी है जो बिन बुलाये मेहमान की तरह बच्चे के जीवन के हर हिस्से पर अधिकार जमाये बैठी है। आजकल टीवी पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों को देखकर बच्चे बिगड रहे हैं। खासतौर पर टीवी पर दिखाये जाने वाले ललचाऊ और भड़काऊ विज्ञापनों ने बच्चों के विकास की रुपरेखा ही बदल दी है। इसलिए अगर आपका बच्चा भी ज्यादा टीवी देखता है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि एक नए शोध से पता चला है कि टीवी पर प्रसारित होने वाले शराब के विज्ञापन बच्चों को इसे पीने के लिए ललचाते हैं।
विज्ञापन का बच्चों पर असर
इस शोध को ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ वैस्टर्न के शोधकर्ताओं ने किया। शोध के दौरान दो माह तक अध्ययन किया गया। अध्ययन में पता चला कि टीवी पर दिखाए जाने वाले शराब के विज्ञापन बच्चों को इसे पीने के लिए ललचाते हैं। बच्चों का दिमाग एक स्पंच की तरह होता है वह जो कुछ देखते हैं वह उनमें बहुत जल्द समा जाता है। नए अध्ययन के नतीजों पर यकीन करें, तो बच्चों को टीवी से दूर रखना ही बेहतर है।
क्या कहते है शोध
शोधकर्ताओं ने पाया कि पांच राजधानियों में दिखाए गए 2,810 शराब के विज्ञापनों में से आधे ऐसे समय में दिखाए गए थे जब ऐसी संभावना थी कि 25 फीसदी बच्चे टीवी देख रहे होंगे। इन लुभावने विज्ञापनों को देखकर बच्चों को इसे पीने की जिज्ञासा पैदा होती है।
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि टीवी विज्ञापनों से बच्चे शराब को मौज-मस्ती, दोस्ती और फिजीकल एक्टिविटी से संबंधित सस्ती चीज मानने को प्रेरित होते हैं और थोक में खरीदने पर यह और भी बेहतर होता है। शोध के लीडर प्रोफेसर सिमोन पेट्टीग्रयु के अनुसार, इस अध्ययन से उन डॉक्टरों के लिए गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं जो शराब के प्रति लोगों की मानसिकता को बदलने की चाह रखते हैं।
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