बच्चे के संपूर्ण विकास हो, इसलिये प्रकृति मां के शरीर में दूध का निर्माण करती है। मां के दूध में कम से कम ऐसे तत्व 100 होते हैं जो गाय के दूध में भी नहीं होते और न ही किसी प्रयोगशाला में इन्हें विकसित किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा दिनों तक स्तनपान कराने से मां से शिशु में होने वाले एचआईवची के प्रसार को कम किया जा सकता है! एक नये अध्ययन में तो ऐसा ही पता चला है। -
स्तनपान का महत्व
स्तनपान कराने से न सिर्फ आपके बच्चे के लिये बेहद दोनों के लिए स्वास्थ्यप्रद होता है। स्तनपान कराने की सबसे अच्छी बात यह है कि स्तनों का दूध आपके शिशु को वह प्रदान करता है, जिसकी जरुरत उसे जिंदगी के पहले छह से बारह महीनों में ठीक विकास के लिये होती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य मंत्रालय भी पहले छह महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराने की सलाह देता है। छः महीने के बाद आप शिशु को स्तनपान के साथ-साथ कुछ ठोस आहार देना शुरू कर सकती हैं। लेकिन लगभग छह महीने पर ठोस आहार देना शुरु करने के बाद भी शिशु को स्तनपान कराना जारी रखा जा सकता है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व उसे लाभ पहुंचाते रहेंगे।
शोध से सामने आए परिणाम
एक नये अध्ययन के अनुसार एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के साथ शिशु को ज्यादा दिनों तक स्तनपान कराने से मां से शिशु में होने वाले एचआईवची के प्रसार को कम किया जा सकता है। साल 2004 से 2010 के बीच मलावी में 2,369 एचआईवी संक्रमित मांओं और उनके बच्चों पर इस संबंध में अध्ययन किया गया, जिसमें यह तथ्य सामने आये। अध्ययन में पाया गया कि ऐसा कर बच्चे के बचने की उम्मीद को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि छः महीने से पहले स्तनपान बंद कर देने से इन बच्चों को एचआईवी संक्रमण से बचा पाना संभव नहीं है। छः महीने से पहले स्तनपान बंद कर देने से उनके बीमार पड़ने, उनमें विकास संबंधी समस्याएं होने और उनकी मृत्यु की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अध्ययन के शुरूआती परिणामों में पाया गया कि छः महीने तक एआरटी दवाईओं का सेवन करने वाले मां और उनके बच्चों के मामलों में एचआईवी का प्रसार बच्चों तक कम हो गया। वहीं दूसरी ओर हर तीन में से एक बच्चा जिन्हें 28 सप्ताह के बाद स्तनपान कराना बंद कर दिया गया था, में एचआईवी संक्रमण हो गए। इससे यह तो पता चगता है कि एचआईवी से संक्रमित मांओं द्वारा अपने बच्चों को जल्द ही स्तनपान बंद करने से उनमें एचआईवी के संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।