समय के साथ पुरुषों और महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में ज्यादातर पुरुषों को प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस दौरान प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) एक आम और अनदेखी की जाने वाली समस्या मानी जाती है। यह प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन या संक्रमण से जुड़ी एक स्थिति है, जो किसी भी उम्र के पुरुषों को हो सकती है, लेकिन इससे 20 से 50 वर्ष की आयु के पुरुष अधिक प्रभावित होते हैं। समय रहते सही इलाज न किया जाए तो यह स्थिति दर्द और पेशाब से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय दहिफले से जानते हैं कि पुरुषों में प्रोस्टेटाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
प्रोस्टेटाइटिस क्या होता है? - What Is Prostatitis In Hindi
प्रोस्टेटाइटिस, प्रोस्टेट ग्लैंड में होने वाली सूजन है। प्रोस्टेट पुरुषों की प्रजनन प्रणाली का एक भाग है, जो वीर्य का तरल पदार्थ बनाती है। जब इसमें संक्रमण या सूजन होती है, तो उसे प्रोस्टेटाइटिस कहा जाता है। प्रोस्टेटाइटिस के कई प्रकार होते हैं। जिनको आगे बताया गया है।
- एक्यूट बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस (Acute Bacterial Prostatitis) - यह बैक्टीरिया से होने वाला अचानक और गंभीर संक्रमण होता है, जो बुखार, पेशाब में जलन और पीठ के निचले हिस्से में दर्द के साथ होता है।
- क्रॉनिक बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस (Chronic Bacterial Prostatitis) - यह लंबे समय तक रहने वाली स्थिति है, जो बार-बार संक्रमण का कारण बनती है।
- क्रॉनिक प्रोस्टेटाइटिस /पेल्विक पेन सिंड्रोम (Chronic Prostatitis/Chronic Pelvic Pain Syndrome – CP/CPPS) - यह सबसे सामान्य प्रकार है जिसमें संक्रमण नहीं होता लेकिन दर्द और पेशाब में तकलीफ बनी रहती है।
प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण - Symptoms Of Prostatitis In Hindi
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब के दौरान जलन या दर्द
- अंडकोष, गुदा या पेल्विक क्षेत्र में दर्द रहना
- इजैकुलेशन के दौरान दर्द
- बुखार और ठंड लगना (तीव्र मामलों में)
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, आदि।
प्रोस्टेटाइटिस का इलाज - Treatment Of Prostatitis In Hindi
एंटीबायोटिक्स
यदि प्रोस्टेटाइटिस का कारण बैक्टीरिया है, तो एंटीबायोटिक दवाएं इलाज का सबसे प्रभावी तरीका मानी जाती हैं। डॉक्टर मरीज के लक्षणों के अनुसार 4 से 6 सप्ताह तक दवा दे सकते हैं।
एल्पा-ब्लॉकर्स (Alpha Blockers)
यह दवाएं ब्लैडर और प्रोस्टेट की मांसपेशियों को आराम देती हैं, जिससे पेशाब करने में आसानी होती है।
गर्म पानी की सिकाई
गर्म पानी की बोतल से पेल्विक एरिया की सिकाई दर्द में राहत देती है। आप इससे दर्द और असहजता से कुछ समय के लिए आराम पा सकते हैं।
पेल्विक फ्लोर फिजियोथेरेपी
कुछ मामलों में मांसपेशियों की जकड़न को कम करने के लिए फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है।
हार्मोनल थैरेपी और अन्य विशेष इलाज
यदि अन्य उपाय असर नहीं करते, तो हार्मोनल थैरेपी या न्यूरोमॉड्यूलेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है।
प्रोस्टेटाइटिस से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Prostatitis In Hindi
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और मूत्र मार्ग को साफ रखता है।
- लंबे समय तक बैठना प्रोस्टेट पर दबाव डालता है। हर 30-40 मिनट में थोड़ा टहलें।
- चाय, कॉफी, शराब और तीखा भोजन प्रोस्टेट को स्टीम्यूलेट कर सकता है, जिससे लक्षण बढ़ सकते हैं।
- अत्यधिक या असुरक्षित यौन क्रियाएं प्रोस्टेट में सूजन का कारण बन सकती हैं।
- ढीले, सूती अंडरवियर पहनें जिससे पेल्विक क्षेत्र में पर्याप्त हवा और आराम मिल सके।
- हल्का-फुल्का व्यायाम, जैसे वॉकिंग या योग, पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह सुधारता है और सूजन कम करता है।
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जब प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण एक या दो सप्ताह तक बने रहते हैं तो ऐसे में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर समय रहते उसका इलाज न किया जाए, तो प्रोस्टेटाइटिस एक आम लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि प्रोस्टाइटिस का इलाज संभव है। उचित दवा, जीवनशैली में बदलाव और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
FAQ
प्रोस्टेट बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?
प्रोस्टेट का बढ़ना, जिसे सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (BPH) भी कहा जाता है, एक सामान्य स्थिति है जो पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि के कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं, जिससे ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है।प्रोस्टेट में क्या परहेज करना चाहिए?
प्रोस्टेट की समस्या (बढ़े हुए प्रोस्टेट या प्रोस्टेटाइटिस) से बचने या इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना जरूरी माना जाता है। इसमें रेड मीट, डेयरी उत्पाद, कैफीन, शराब, मसालेदार भोजन, और उच्च सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हैं।प्रोस्टेट की समस्या के लक्षण क्या होते हैं?
प्रोस्टेट की समस्या के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें बार-बार पेशाब आना, पेशाब में दर्द या जलन, और पेशाब का कम प्रवाह शामिल हैं। प्रोस्टेट की समस्याएं विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जिनमें प्रोस्टेटाइटिस (सूजन या संक्रमण), प्रोस्टेट कैंसर, और बढ़े हुए प्रोस्टेट शामिल हैं। इन समस्याओं के कारण अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं।
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