पिछले दिनों तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य संगठन द्वारा कर बढ़ाने की मांग के बाद द फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर्स एसोसिएशन (एफएआईएफए) ने स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालयों से तंबाकू की फसल पर नए वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत कर की दरों को कम रखने की मांग की है, ताकि किसानों की आर्थिक हालत पर इसका असर न हो।
तंबाकू की फसल पर करीब 4.6 करोड़ किसान आश्रित हैं, जिन पर तंबाकू उत्पादों के कारण स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के कारण पहले से ही काफी ज्यादा कर लगाया गया है। एफएआईएफए के महासचिव मुरली बाबू ने एक बयान में कहा, "सरकार के लिए जीएसटी तंबाकू किसानों के कराधान की विसंगतियों को दूर करने के लिए एक बड़ा अवसर है ताकि तंबाकू किसानों को राहत मिल सके तथा सरकार भी तंबाकू नियंत्रण के अपने लक्ष्य को पूरा कर सके।" उन्होंने आगे कहा, "अंतिम प्रचलित कराधान ढांचा एफसीवी (फ्लू-क्योर्ड वीरजीनीया/पारंपरिक) तंबाकू किसानों की आजीविका को छीन रहा है। वहीं, सिगरेटों की तस्करी को भी बढ़ावा दे रहा है, जो खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।"
स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा और वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा एफएआईएफए ने प्रधानमंत्री कार्यालय, कृषि मंत्रालय और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को भी पत्र भेजा है।
News Source- IANS
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