Healthcare Budget 2024 Detailes: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में स्वास्थ्य और स्वास्थ्य से जुड़े सेक्टर को लेकर भी कुछ घोषणाएं की गईं। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 अहम दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो की जाएगी। सरकार के इस कदम से कैंसर के इलाज में मरीजों को बड़ी छूट मिलेगी। इसके अलावा कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं और मेडिकल उपकरण भी कम दाम पर मिल पाएंगे। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, यूनियन बजट में स्वास्थ्य को क्या कुछ मिला।
कैंसर की 3 दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो
इस साल के बजट में स्वास्थ्य को लेकर सबसे बड़ी घोषणा वित्त मंत्री द्वारा की गई। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो करने की घोषणा की है। सरकार के इस कदम से कैंसर के मरीजों और आम जन को बड़ी राहत मिलने वाली है। कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाएं- Trastuzumab Deruxtecan, Osimertinib, Durvalumab भारत में आयातित होने के बाद महंगे दामों पर मिलती थीं। इस पर कस्टम ड्यूटी जीरो होने के बाद इनके दामों में काफी कमी आएगी। इसके अलावा कैंसर के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ मशीनों के दाम सस्ते करने की भी घोषणा की गई है।
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मेडिकल रिसर्च को लेकर आवंटित होगा फंड
सरकार ने बजट में मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए अलग से फंड देने की बात कही है। इस साल के बजट में सरकार ने 9 प्राथमिकताओं के बारे में बात की है, लेकिन इसमें हेल्थ केयर सेक्टर शामिल नहीं है। हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया है कि फार्मा सेक्टर को बूस्ट करने के लिए भी सरकार अलग से फंड आवंटित करेगी। अब देखना यह होगा कि सरकार के इस कदम से आम जनता को कितनी राहत मिलने वाली है।
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आयुष्मान कार्ड को लेकर कोई एलान नहीं
बजट से पहले यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि सरकार इस साल के बजट में आयुष्मान भारत योजना को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। लोगों का अनुमान था कि सरकार आयुष्मान कार्ड के लिमिट को बढ़ा सकती है। लेकिन आयुष्मान योजना और आयुष्मान कार्ड को लेकर सरकार ने कोई नया कदम नहीं उठाया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो यह कहा जा सकत है कि साल 2024-25 के यूनियन बजट में सरकार ने हेल्थ सेक्टर को लेकर उदासीनता दिखाई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से बजट में इसके उचित स्थान नहीं मिला है। साल 2017 की नेशनल हेल्थ पॉलिसी में साल 2024-25 तक हेल्थ सेक्टर पर GDP का 2.5% खर्च करने टारगेट सेट किया गया था। इस टारगेट के मुताबिक देश का हेल्थ बजट इस साल 3.3 लाख करोड़ रुपए होना चाहिए था, लेकिन इस साल बजट में सिर्फ 91 हजार करोड़ रुपए ही हेल्थ सेक्टर को आवंटित किए गए हैं। यह हेल्थ सेक्टर की जरूरत का सिर्फ 27 प्रतिशत ही है।
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