दशहरे के बाद से हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हवा का आइक्यू (IQ) लेवल भी बढ़ गया है। दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर में और भी ज्यादा इजाफा हो सकता है। इसका मुख्य कारण पटाखों से निकलने वाला धुआं है। दिवाली के मौके पर खूब बम-पटाखे जलाए जाते हैं, जिसकी वजह से इन दिनों में प्रदूषण और आइक्यू का लेवल लगातार बढ़ता रहता है। दिवाली के बाद हर साल प्रदूषण बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है। इसकी वजह से गले में खराश, खांसी-जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, एलर्जी, आंखों से पानी निकलना और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बढ़ते प्रदूषण के बीच सांस से संबंधित रोगों वाले लोगों में समस्याएं बढ़ जाती हैं। वैसे तो बढ़े हुए प्रदूषण के स्तर से सभी लोगों को परेशानियां होने लगती हैं। लेकिन, बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण की वजह से ज्यादा परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोरी होती है। ऐसे में दिवाली के बाद का प्रदूषण उनकी सेहत को जल्दी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में दिवाली के बाद के प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने के लिए आप कुछ टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। आइए, फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं-
दिवाली के बाद कैसे रखें बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल?
1. बच्चों और बुजुर्गों को मास्क जरूर पहनाएं
बच्चों और बुजुर्गों को दिवाली के बाद के जहरीली हवा और प्रदूषण से बचाने के लिए, उन्हें मास्क जरूर पहनने को कहें। प्रदूषण से बचने के लिए बच्चे, बुजुर्गों और युवाओं, सभी को मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। इसलिए दिवाली के बाद आपको मास्क जरूर लगाना चाहिए। इससे प्रदूषण के कण गले, नाक और मुंह में जाने से बचते हैं। इससे बीमारियों से भी बचाव होता है।
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2. बच्चों और बुजुर्गों को बाहर न जाने दें
अक्सर बच्चे खेलने और बुजुर्ग अपना समय बिताने के लिए बाहर पार्क में निकल जाते हैं। लेकिन दिवाली के बाद की जहरीली हवा और प्रदूषण से बचाने के लिए, बच्चों को बुजुर्गों को कुछ दिनों तक घर से बाहर बिलकुल न जाने दें। खासकर, अगर काफी छोटा बच्चा है, तो उसे बिलकुल घर के बाहर न ले जाएं। बीमार बुजुर्गों को भी घर पर ही रहने की कोशिश करनी चाहिए।
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3. बच्चों और बुजुर्गों को हेल्दी डाइट दें
बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। दिवाली के बाद बढ़ते प्रदूषण की वजह से बच्चे और बुजुर्ग जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का ख्याल रखने के लिए उन्हें हेल्दी डाइट जरूर देनी चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों की डाइट में विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। आप उनकी डाइट में पालक, संतरा, केला, सरसों का साग, अनार, आंवला आदि शामिल कर सकते हैं। बढ़ते प्रदूषण में बच्चों और बुजुर्गों की डाइट में शहद, हल्दी और तुलसी भी जरूर शामिल करें।
4. इनडोर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
बच्चों और बुजुर्गों के कमरे में इनडोर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे उन्हें प्रदूषण की चपेट में आने से बचाया जा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों की आंखों का ख्याल रखने के लिए उन्हें घर से बाहर निकलते समय चश्मा जरूर लगाने को कहें।
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5. बच्चों और बुजुर्गों को हाइड्रेट रखें
बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने के लिए आपको उन्हें हाइड्रेट जरूर रखना चाहिए। आपको उन्हें रोजाना 5-6 गिलास पानी पीने के लिए जरूर मोटिवेट करना चाहिए। अगर बच्चा छोटा है तो पानी की मात्रा कम की जा सकती है। इसके अलावा, उन्हें नारियल पानी, नींबू पानी भी जरूर पिलाएं। अगर बच्चा बहुत छोटा है और पानी नहीं पीता है तो उसे समय-समय पर मां का दूध जरूर पिलाएं।