दांतो का स्वस्थ होना भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि शरीर के दूसरे भागों का। स्वस्थ दांत हैं, तो आप अपनी मनपंसदीदा चीजों को बढ़े आंनद के साथ खा सकते हैैं। लेकिन यह तभी संभंव हैैै, जब आप अपने दांतों का ध्यान रखें। अगर हम अपने दांतो का ख्याल रखेंगे तभी वो भी लम्बे समय तक हमारा साथ देंगे। मज़बूत दांत हमें मनचाहा खाना खाने की इजाजत देते है, साफ बोलने में हमारी मदद करते है और अच्छा दिखने में भी हमारी मदद करते है। हमारे मुंह में रहने वाले बैक्टीरिया मीठा देखते ही उसे एसिड में परिवर्तित कर देते है, जिससे कि इनेमल प्रभावित होता है और दांतो में छेद हो जाता है और दांत खराब होने लगते हैं।
दांतों की सड़न से मसूड़े भी प्रभावित होते हैं और इनसे मसूड़ो की बीमारी जिन्जिवाइटिस भी होती है। इसमें मसूड़े लाल हो जाते है और फूल भी जाते है जिससे खाने में परेशनी होती है।
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जरूरी है मुंह की देखभाल
मुंह की देखभाल इसलिए भी ज़रूरी हो जाती है क्योंकि हमारे शरीर का प्रत्येक भाग दूसरे भाग पर निर्भर होता है। दांतों में किसी भी प्रकार की परेशानी होने से हमें खाने, पीने व बात करने में भी परेशानी होती है। दांतों व मसूड़ों की परेशानी से बचने के लिए डेन्टिस्ट के सम्पर्क में रहें। डेन्टिस्ट से ब्रश करने के सही तरीके पूछें और दांतो व मसूड़ो को सही रखने के उपाय जानें।
दांतों को कैसे रखें सुरक्षित
- हर रोज़ कम से कम 2 मिनट तक ब्रश करें।
- सोने से पहले ब्रश ज़रूर करें और ध्यान रखें मीठा खाने के बाद पानी ज़रूर पीयें।
- जब हम मीठा खाते हैं तो हमारे मुंह में एसिड बनते हैं, जिनसे इनेमल को नुकसान पहुंचता है।
- कड़ी टाफी, खांसी की दवाओं में मैजूद शुगर को सलाइवा में घुलने में समय लगता है।
- मीठे पदार्थों को खाने के साथ खाना उतना नुकसान नहीं करता जितना कि उन्हें अकेले खाना नुकसानदेयी होता है। क्योंकि जब हम खाना खाते हैं तो अधिक मात्रा में सलाइवा का रिसाव होता है जो एसिड्स के प्रभाव को कम करते हैं।
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दांतो की सड़न से बचने के कुछ टिप्स
- फलोराइड युक्त टूथपेस्ट से दिन में दो बार ब्रश करें।
- ध्यान रखें कि टूथब्रश का ब्रश मुलायम हो।
- हर 3 से 4 महीने पर ब्रश बदलें और हर 6 महीने पर डेन्टिस्ट से सम्पर्क करें।
- चाकलेट व जंक फूड से दूर रहें।
- टूथब्रश दांतों के बीच में मौजूद छोटी छोटी जगहों पर नहीं पहुंच सकता इसलिए फ्लासिंग का सहारा लें।
- फ्लास को दांतो के बीच में फंसाए और फ्लास दांतो के ऊपर से नीचे की ओर ले जायें।
- ताज़ा फ्लास का इस्तेमाल करें।
- अगर आपको फ्लास का इस्तेमाल करने में परेशानी हो रही है तो वैक्स्ड फ्लास का इस्तेमाल करें।फ्लास को बदलना मुश्किल होता है इसलिए फ्लास होल्डर का इस्तेमाल करें।
- संतुलित आहार भी हमारे दांतो के लिए बहुत ही ज़रूरी है इसलिए संतुलित आहार लें।
इसके अलावा, आप दांतो या मसूड़ों में किसी भी प्रकार की परेशानी हो, तो घरेलू नुस्खों के साथ-साथ डेंटिस्ट के पास जाएं और अपने दांतों की समय से जांच करवाएं। क्योंकि दांतों से हमारा पूरा स्वास्थ्य और हमारी पूरी पर्सनालिटी प्रभावित हो सकती है।
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