World Hypertension Day (वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे) यानी विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हर साल 17 मई को मनाया जाता है। ये दिन लोगों को ब्लड प्रेशर से होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इस समय कोरोनावायरस के डर और सेल्फ-क्वारंटीन के बीच लोग गैर-कोविड बीमारियों या अन्य मेडिकल एमरजेन्सी की अनदेखी कर रहे हैं, जो कि गलत है। इस महामारी के चलते लोग आज अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं, जिसके कारण सोशल इंटरैक्शन और शारीरिक व्यायाम में बेहद कमी आ गई है। इसका नकारात्मक असर लोगों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। गतिहीन जीवनशैली, काम के तनाव के चलते लोग पहले से हाइपरटेंशन का शिकार हैं, जो अब बीपी में उतार-चढ़ाव की समस्याओं की जूझ रहे हैं। लॉकडाउन और क्वारंटाइन के दौरान बीपी के मरीजों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, बता रहे हैं इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी विभाग के सीनियर कन्सलटेन्ट डॉ मुकेश गोयल।
ये लक्षण हो सकते हैं गंभीर
बीपी में उतार-चढाव के कारण होने वाले लक्षण जैसे चेहरे का लाल होना, चक्कर आना, सिरदर्द, सांस फूलना, नाक से खून आना और चिंता आदि जानलेवा हो सकते हैं या कुछ क्रोनिक बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसके बेहद गंभीर और खतरनाक परिणाम हो सकते हैं जैसे स्ट्रोक (पैरालिसिस), हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, अंधापन और किडनी फेलियर।
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क्या हो सकते हैं लापरवाही के खतरे
- बीपी में उतार-चढ़ाव के कारण स्ट्रोक- ब्लड प्रेशर के कम-ज़्यादा होने से शरीर की धमनियों को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते धमनियां/ आर्टरीज़ अचानक फट सकती हैं या उनमें रूकावट आ सकती है। अगर दिमाग की आर्टरीज़ कमज़ोर हो जाएं जो स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए स्ट्रोक की संभावना को कम करने के लिए बीपी पर नियन्त्रण रखना बेहद ज़रूरी है।
- बीपी में उतार-चढ़ाव के कारण हार्ट अटैक- जब दिल के किसी हिस्से को खून का प्रवाह रूक जाए तो हार्ट अटैक हो सकता है। अनियन्त्रित ब्लड प्रेशर के कारण दिल को खून पहुंचाने वाली आर्टरीज़ में रूकावट आ सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- बीपी में उतार-चढ़ाव के कारण किडनी फेलियर- हाइपरटेंशन से किडनी की रक्तवाहिकाओं और फिल्टर्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर से व्यर्थ पदार्थों को निकालना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या किडनी फेलियर का कारण बन सकती है।
बीपी के मरीज इन बातों का रखें ध्यान
- अपने बीपी पर निगरानी रखें। घर में बीपी की नियमित निगरानी रख कर हाइपरटेंशन पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। आप नियमित रूप से अपना बीपी जांच कर डॉक्टर सलाह के आधार दवाएं लेकर बीपी को नियन्त्रित रख सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित रूप से दवाएं लेते रहें।
- शारीरिक फिटनेस या योगा को अपनाएं। उम्र बढ़ने के साथ हाई ब्लड प्रेशर की संभावना बढ़ती है, इसके लिए व्यायाम बेहद फायदेमंद हो सकता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई है, तो व्यायाम के द्वारा आप इस पर नियन्त्रण पा सकते हैं। इसके लिए आपको दौड़ लगाने या जिम की ज़रूरत नहीं। इसके बजाए सैर या सामान्य शारीरिक व्यायाम से ही आप बीपी पर नियन्त्रण पा सकते हैं।
- जंक फूड, कार्बोनेटेड पेय या शराब का सेवन सीमित मात्रा में करें। गैर संचारी रोगों के 30 फीसदी मामलों में गैर-सेहतमंद आहार और व्यायाम की कमी ही मुख्य कारण होते हैं, जिनकी रोकथाम संभव है। बहुत ज़्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैटी एसिड और ट्रांस फैटी एसिड, ज़्यादा नमक या ज़्यादा चीनी का सेवन हाइपरटेंशन सहित दिल की बीमारियों का कारण हो सकता है।
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कोरोना वायरस हो सकता है बीपी के मरीजों के लिए खतरनाक
कई अध्ययनों में चिंता जताई गई है कि बीपी के मरीज़ों को दी जाने वाली दवाओं से शरीर में एक प्रोटीन एसीई2 की मात्रा बढ़ जाती है, ऐसी कोशिकाओं पर कोरोनावायरस ज़्यादा आक्रमक होता है और मरीज़ इन्फेक्शन के लिए ज़्यादा संवेदनशील हो जाता है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इसका कोई प्रमाण नहीं है और मरीज़ों को बीपी के लिए अपनी निर्धारित दवाएं लेते रहना चाहिए।
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