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शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ने पर होता है थ्रोम्बोसाइटोसिस? जानें इसके लक्षण और कारण

आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और इसके कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले रही हैं। यहां जानिए, थ्रोम्बोसाइटोसिस क्या है और इसके क्या लक्षण होते हैं?
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शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ने पर होता है थ्रोम्बोसाइटोसिस? जानें इसके लक्षण और कारण

मॉडर्न लाइफस्टाइल में खान-पान की गलत आदतें, तनाव, बिजी डेली रूटीन और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही हैं। अनियमित खान-पान, जंक फूड का सेवन, मानसिक तनाव और एक्सरसाइज की कमी से शरीर में रक्त कोशिकाओं का असंतुलन बढ़ रहा है। इसके अलावा, लंबे समय तक तनाव और अनहेल्दी डाइट शरीर में सूजन और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। इन्हीं में से एक है थ्रोम्बोसाइटोसिस, जो ब्लड में प्लेटलेट्स की असामान्य बढ़ोतरी से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है। यह समस्या तब होती है जब ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य से ज्यादा हो जाती है, जिससे खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में डॉ. बृज वल्लभ शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार इंटरनल मेडिसिन, नारायणा हॉस्पिटल जयपुर (Dr. Brij Vallabh Sharma, Senior Consultant Internal Medicine, Narayana Hospital Jaipur) से जानिए, थ्रोम्बोसाइटोसिस क्या है और इसके क्या लक्षण और कारण हो सकते हैं?

थ्रोम्बोसाइटोसिस क्या है? - What Is Thrombocytosis

डॉ. बृज वल्लभ शर्मा बताते हैं कि थ्रोम्बोसाइटोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य से ज्यादा हो जाती है। प्लेटलेट्स रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनाने में मदद करते हैं, जिससे रक्तस्राव रोका जा सकता है। हालांकि, जब इनकी संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है, तो यह शरीर में खतरनाक रक्त के थक्के बना सकती है। आमतौर पर, एक हेल्दी व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या 1,50,000 से 4,50,000 प्रति माइक्रोलीटर होती है, लेकिन जब यह इससे ज्यादा (What is a worrying level of platelets) हो जाती है, तो इसे थ्रोम्बोसाइटोसिस कहा जाता है।

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थ्रोम्बोसाइटोसिस के लक्षण - What Are The Symptoms Of A High Platelet Count

थ्रोम्बोसाइटोसिस के अधिकांश मामलों में व्यक्ति को सही तरीके से कुछ खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, ऐसे में यह स्थिति आमतौर पर एक ब्लड टेस्ट के दौरान पता चलती है। हालांकि, जब प्लेटलेट्स की संख्या बहुत बढ़ (What will happen if platelet count is high) जाती है, तो कुछ लक्षण दिख सकते हैं।

1. प्लेटलेट्स की ज्यादा संख्या से रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ सकता है और इससे सिरदर्द की समस्या हो सकती है। यदि सिरदर्द तेज और लगातार हो, तो यह इस स्थिति का संकेत हो सकता है।
2. थ्रोम्बोसाइटोसिस से प्रभावित व्यक्ति की त्वचा पर छोटे-छोटे लाल धब्बे दिखाई दे सकते हैं। ये धब्बे शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ने के कारण होते हैं।
3. प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने के कारण रक्त के थक्के बनने से शरीर में सूजन और दर्द हो सकता है, खासकर जोड़ों में।
4. रक्त का थक्का अगर किसी जरूरी अंग जैसे हार्ट, मस्तिष्क या फेफड़ों में बन जाए, तो इससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक आदि।

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थ्रोम्बोसाइटोसिस का कारण - What Is The Cause Of Thrombocytosis

थ्रोम्बोसाइटोसिस के मुख्य कारणों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है, प्राथमिक और द्वितीयक।

1. प्राथमिक थ्रोम्बोसाइटोसिस - Essential Thrombocythemia

यह एक दुर्लभ और अक्सर अनुवांशिक विकार है, जिसमें बोन मैरो में प्लेटलेट्स का उत्पादन ज्यादा हो जाता है। इस स्थिति के कारण प्लेटलेट्स की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है, और रक्त में थक्के (clots in the blood) बनने का जोखिम बढ़ जाता है। इसे 'एसेन्शियल थ्रोम्बोसाइटोसिस' यानी प्राथमिक थ्रोम्बोसाइटोसिस कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसके कारण का पता स्पष्ट नहीं होता। यह स्थिति बुजुर्गों में ज्यादा पाई जाती है और अक्सर इसका इलाज दवाओं द्वारा किया जाता है।

Thrombocytosis

2. द्वितीयक थ्रॉम्बोसाइटोसिस - Secondary Thrombocytosis

इस स्थिति में थ्रोम्बोसाइटोसिस की समस्या किसी अन्य बीमारी या शारीरिक स्थिति के कारण होती है। बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण संक्रमण होने पर शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ सकती है। साथ ही आयरन की कमी के कारण होने वाली एनीमिया में प्लेटलेट्स का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे लंग कैंसर या ओवेरियन कैंसर, भी प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

थ्रोम्बोसाइटोसिस एक गंभीर स्थिति हो सकती है, यदि इसे समय रहते पहचाना न जाए और उपचार न किया जाए। यदि आपको प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने से संबंधित कोई लक्षण दिखें, तो तुरंत एक डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लड टेस्ट के बाद, उचित इलाज से इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।

All Images Credit- Freepik

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