मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को भूलकर भी न कहें ये बातें, पड़ता है नकारात्मक प्रभाव

मानसिक समस्याओं या बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति से बातचीत करते से कुछ बातों और शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जानें इनके बारे में।
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मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को भूलकर भी न कहें ये बातें, पड़ता है नकारात्मक प्रभाव

मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों की देखभाल में विशेष सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। जब हम किसी मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति से बात कर रहे हों तो उस दौरान हमें सोच समझकर ही बोलना चाहिए। कुछ शब्द और बातें ऐसी होती हैं जो मेंटल डिसऑर्डर यानी मानसिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ट्रिगर का काम करते हैं। इन शब्दों या बातों को बोलने से उनके ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जिससे ऐसे व्यक्तियों की तबियत और खराब हो सकती है। इसलिए डिप्रेशन, तनाव जैसी सभी गंभीर मानसिक समस्याओं में मरीजों से बातचीत करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। सामान्य व्यक्ति के लिए यह जानना बहुत मुश्किल होता है कि मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति के साथ किन बातों को नहीं कहना चाहिए। इसलिए आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे मानसिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों से बातचीत के दौरान ध्यान में जरूर रखना चाहिए।

मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति से बात करते समय इन बातों का रखें ध्यान (How To Talk Someone With a Mental Health Problem?)

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(image source - freepik.com)

काम के प्रेशर, खराब जीवनशैली, आर्थिक असुरक्षा और जीवन में हुई कुछ घटनाओं के कारण आज के समय में मानसिक समस्याओं के शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है। डिप्रेशन, एंग्जायटी, बाईपोलर डिसऑर्डर, बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर जैसी तमाम मानसिक समस्याओं के मरीज आपके आसपास भी हो सकते हैं। ऐसे लोगों से बातचीत करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि वे मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। ऐसे लोगों से बात करते समय कुछ शब्दों या बातों को कहने से बचना चाहिए। आप भले ही अनजाने में मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति से कोई बात कह रहे हों लेकिन हो सकता है कि इसकी वजह से उसे और समस्या हो। कुछ शब्द और बातें मरीजों की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं, आइये जानते हैं इनके बारे में। 

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1. मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को पागल या बेवकूफ न कहें

कई बार ऐसा होता कि हम अनजाने में ही किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के बारे में बात करते हुए इन शब्दों का इस्तेमाल कर लेते हैं। दरअसल ये शब्द अगर आप मरीजों के सामने बोलते हैं तो इसका सीधा असर उन पर पड़ता है। कुछ समस्याओं में तो ये शब्द मरीजों को ट्रिगर भी कर सकते हैं। हमारे समाज में लोग मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति को अलग नजर से देखते हैं। कई बार उन्हें ऐसे शब्दों से चिढ़ाया भी जाता है जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं किया जाना चाहिए। आपके द्वारा उनके सामने ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से उन्हें काफी समस्या हो सकती है।

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2. मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति से 'ये सब सिर्फ तुम्हारे में है' न कहें

ऐसा देखा गया कि जब कोई आपका अपना परिवार का सदस्य या मित्र किसी मानसिक समस्या से ग्रसित होता है तो उसे समझाने के लिए बहुत से लोग सामने आते हैं। किसी भी मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति को समझाते हुए या साहस बढ़ाते हुए उसे यह बात कभी नहीं कहनी चाहिए कि 'यह सब तुम्हारे दिमाग या सिर में है'। ऐसा कहने से न सिर्फ आप उसकी समस्या को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि आप उसे सीधे तौर इन कारणों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मानसिक समस्याएं काल्पनिक नहीं होती हैं यह मस्तिष्क में मौजूद कई तरह के केमिकल के कारण होती हैं। ऐसे में उसे कभी भी यह बात नहीं कहनी चाहिए। 

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3. मानसिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति से सुसाइड, आत्महत्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें

गंभीर रूप से मानसिक बीमारियों या समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति के सामने बातचीत करते हुए कभी भी सुसाइड, आत्महत्या या मौत जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मानसिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति के दिमाग में ऐसे ख्याल आ सकते हैं और ऐसे में उनसे सुसाइड आदि के बारे में बात करना उन्हें ट्रिगर कर सकता है।

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4. इन चीजों से बाहर निकलो जैसी बातों को कहने से बचें

किसी भी मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति से यह कहने से बचना चाहिए कि 'इन चीजों से बाहर निकलो'। ऐसा कहने से सामने वाले व्यक्ति को लगेगा कि वह जानबूझकर उस स्थिति में आया है। मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह आसान नहीं होता है कि वहखुद से ही सामान्य हो सके। इसके लिए तमाम तरह की थेरेपी और इलाज की जरूरत पड़ती है। इसलिए कभी भी ऐसे व्यक्तियों से ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए। 

5. सकारात्मक रहने की कोशिश करो

किसी भी तरह की मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति से जबरदस्ती यह कहना कि सकारात्मक रहने की कोशिश करो बिलकुल गलत है। मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह इतना आसान नहीं होता है। इसलिए हमेशा उसका ख्याल रखना चाहिए और चिकित्सक की सलाह के अनुसार उसकी दवा-पानी का ध्यान रखना चाहिए।

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किसी भी तरह की मानसिक समस्या के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक या एक्सपर्ट मनोवैज्ञानिक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। आज के समय में मानसिक बीमारियों के लिए तमाम तरह के चिकित्सा विकल्प मौजूद हैं। समय रहते लक्षणों को पहचान कर इलाज कराने से मरीज की हालत ठीक हो सकती है।

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