
हर किसी की चाहत होती है स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी। यूं भी कहा जाता है कि एक सेहत हजार नियामत। अगर आप किसी भी कारण से होने वाली मौत के खतरे को अस्सी फीसदी तक कम कर सकें, तो इससे बेहतर भला और क्या हो सकता है। और अगर इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में थोड़ा बहुत बदलाव भी करना पड़े, तो ऐसा करने में कोई नुकसान नहीं। हममें से हर किसी को गंभीर बीमारियों और जीवनदर की चिंता होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह खतरा और बढ़ता जाता है। लेकिन, शोधकर्ताओं ने ऐसी चार आदतों का पता लगाया है, जिनका असर हमारी आयु पर पड़ता है। स्वास्थ्य संबंधी आदतें कई बीमारियों के खतरे को कम कर सकती हैं।

आदतें हैं सेहत के लिए जिम्मेदार
चिकित्सा वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि अस्वास्थ्यकर आदतें ही वास्तव में गंभीर बीमारियों का मूल कारण होती हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने जीवनशैली और हृदय स्वास्थ्य पर गहन अध्ययन किया है। उनका यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ। इस शोध में कसरत, मेडिटेरेनियन आहार और संतुलित वजन की महत्ता को बताया गया है। इस शोध में जिस आदत का हमारी सेहत पर असर पड़ने की बात कही गयी है वह है-धूम्रपान। धूम्रपान की आदत हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गहरा नकारात्मक असर डालती है।
कैसा रहा शोध
शोध के मुताबिक, मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर हैथम अहमद ने कहा, '' हमारी जानकारी के मुताबिक यह पहला सक्रिय शोध है, जिसमें जीवनशैली कारकों और वाहिकीय रोगों, धमनीय हृदय रोग और मृत्यु के शुरुआती लक्षणों के संबंधों पर बात की गई है।'' शोधकर्ताओं ने 6200 महिलाओं और पुरुषों प्रतिभागियों पर शोध किया। इन प्रतिभागियों की उम्र 44 से 84 वर्ष की उम्र के बीच थी। इन सभी पर करीब साढ़े सात वर्ष तक शोध किया गया। शोध की शुरुआत में बेसलाइन कोरोनेरी कैल्शियम स्क्रीनिंग सीटी टेस्ट किया गया।
अधिकतर लोग नहीं अपनाते स्वस्थ आदतें
शोधकर्ताओं ने एक लाइफस्टाल स्कोरिंग सिस्टम तैयार किया। इसमें शून्य से चार तक के अंक दिये गए। शून्य यानी कम सेहतमंद और चार यानी सबसे सेहतमंद। इसका आधार आहार, बीएमआई, शारीरिक गतिविधियों का स्तर और धूम्रपान को बनाया गया। हैरानी की बात यह रही कि सिर्फ 29 यानी दो फीसदी से कम स्वास्थ्य के सभी आधारों पर खरे उतरे। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों ने सभी चार स्वास्थ्य आदतें अपनायीं उनमें मृत्यु दर, अस्वास्थ्यकर आदतें अपनाने वाले लोगों की अपेक्षा, 80 फीसदी कम रही।
धूम्रपान सबसे खतरनाक
हैरानी की कोई बात नहीं कि धूम्रपान कोरोनेरी हार्ट डिजीज का सबसे बड़ा कारण था। अंत में डॉक्टर अहमद कहते हैं, '' बेशक कई ऐसे खतरे और जोखिम कारक हैं, जिन्हें लोग नियंत्रित नहीं कर सकते। इसमें उम्र और पारिवारिक इतिहास मायने रखता है। लेकिन, जीवनशैली से जुड़े ऐसे कई कारक हैं, जिन्हें नियंत्रित कर लोग अपनी सेहत को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। इसलिए हमारा कहना है, '' बीमारियों से होने वाली मौत के खतरे को इन चार आदतों में तब्दीली कर 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है। और ऐसा करना एक समझदारी भरा फैसला होगा। ''
Image Courtesy : Getty
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