आंख की चोट से खुद की रक्षा करने के आसान तरीके

आंखें इंसान की सब से बड़ी जरूरत होती हैं, थोड़ी सी लापरवाही के कारण हमें इनसे हाथ धोने पड़ सकते हैं। इन्हें स्वस्थ रखने व किसी प्रकार की चोट आदि से बचाने के लिए सही जानकारी व सावधानि रखना बेहद जरूरी होता है।
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आंख की चोट से खुद की रक्षा करने के आसान तरीके


आंखें हैं तो जहान है, इसलिए हमें आंखों की देखभाल व सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कई बार थोड़ी सी लापरवाही व जानकारी की कमी के कारण आंख में चोट लग जाती है। जिसके चलते किसी व्यक्ति को जीवनभर के लिए आंखों से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि आंखों की 80 से 90 प्रतिशत चोटें ऐसी होती हैं जिनसे बचा जा सकता है। तो चलिये जानें कैसे आंख की चोट से खुद की रक्षा करने के आसान तरीके क्या हैं।

आंखों की चोटें

आंखे बेहद जरूरी और संवेदनशील अंग हैं, इनको किसी प्रकार की चोट से बचाना बेहद जरूरी है। क्योंकि एक आंख में गंभीर चोट लगने पर दूसरी आंख भी प्रभावित होती है, इसकी देखभाल का विषय और भी गंभीर हो जाता है। गोरतलब है कि देश में लोगों के अंधे होने का एक बड़ा कारण असावधानियों या दुर्घटनावश आंखों में चोट लगना भी है। चोटें कई बार काम करते समय, खेलते वक्त, पटाखे चलाते समय व अन्य दुर्घटनाओं में लग जाती हैं।

 

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चोटों का आंखों पर दुष्प्रभाव  

नेत्रश्लेष्मा की साधारण चोटों में आंख लाल हो जाती है। लेकिन अगर चोट लगने पर आंख में दर्द नहीं है और दृष्टि में कोई फर्क नहीं  है तो फिर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं होती। आंख में कचरा, जहरीला कीट या कोई तिनका आदि गिर जाने पर यदि उसे जोर से मला जाए तो कौर्निया में खरोंच आ सकती है और घाव भी हो सकता है। इसलिए कुछ गिर जाने पर आंख को रगड़े नहीं।

कुछ गंभीर चोटों के कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है। कोई नुकीली या पैनी वस्तु आंख में घुस कर स्वच्छ पटल यानी कौर्निया को फाड़ कर अंदर लैंस को भी उसने स्थान से हटा सकती है, जिस, कारण लैंस और अंदर का जैल बाहर निकल सकता है। ऐसे में अगर आंख का तत्काल और सही इलाज न किया जाए तो दूसरी स्वस्थ आंख में भी सूजन आ जाती है और वह भी खराब हो सकती है।

सावधानियां

 

घर में और खेलते समय


  • रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं जैसे उभरे नुकीले या धारदार खिलौने, चाकू, सुई, कैंची आदि का उपयोग करते समय पूरी सतर्कता और सावधानी बरतें, हो सके तो किसी की उपस्थिति में ही इन चीजों का इस्तेमाल करें करना चाहिए ताकि कोई समस्या होने पर तत्काल मदद दी जा सके।
  • छिड़काव करने वाली वस्तुओं (रसायन या कोई कीटनाशक आदि) का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि उनका मुंह आपकी आंखों की तरफ न हो।
  • डिटर्जेंन्ट या तेज हानिकारक रसायनों का उपयोग करने सो पहले उनसे संबंधित निर्देशों को सावधानी से पढ़ लें और ठीक प्रकार उनका पालन करें और इनके उपयोग के बाद हाथों को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें।
  • तीर-धनुष, खिलौने वाली पिस्तौल जिनसे गोलियां निकलती हों उनका इस्तेमाल बच्चों को न करने दें।

 

 

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त्योहारों के समय


  • दीवाली या नए साल के मौके पर आतिशबाजी करते समय किसी बड़े को साथ में रखें, सावधानी से पटाखे जालाएं और जलते पटाखों के पास खड़ें न रहें।
  • घर के अंदर या किसी बंद जगह में पटाखे न जलाएं।
  • आतिशबाजी के समय पानी या रेत से भरी बाल्टी पास रखें।
  • होली के त्यौहार के अवसर पर रासायनिक रंगों का इस्तेमाल न करें, प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करें।
  • जबरदस्ती रंग न फेंकें और रंग फेंकते या लगाते समय इस बात का ध्यान रखें की रंग आंखों के आस-पास न लगे और न ही आंखों में जाए।
  • यदि आंखों में कोई रसायन चला भी जाए तो अच्छी तरह से ताज़े पानी से आंखों को धोयें और यदि फिर भी परेशानी महसूस हो तो जल्द ही किसी नेत्त्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।

 

आंख में कुछ गिर जाने पर क्या करें

 

  • आंख को रगड़ें बिल्कुल नहीं।
  • आंख को खूब अच्छी तरह साफ पानी से धोएं।
  • आंख में गिरे कण को साफ गीले कपड़े के कोने की मदद से निकालने की कोशिश करें।
  • यदि आंख में पड़ा कण आसानी से न निकले तो तुरंत नेत्त्र चिकित्सक के पास जाएं और उससे मदद लें।



आंख में किसी प्रकार के विकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत किसी कुशल नेत्त्र विशेषज्ञ से सम्पर्क करें। अपने आप किसी प्रकार की दवा आंखों में तकई न डालें। अच्छा खाएं और आंखों की सही देखभाल करें। हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के रोगी आंखों में कोई तकलीफ होने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं। संवेदशील आंखों वाले या किसी बीमारी से ग्रस्थ लोग प्रत्येक वर्ष अपनी आंखों की पूरी जांच करवाएं।

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