'सेल्फी' शब्द का प्रयोग किसी के साथ खुद से ली गयी फोटो के लिय प्रयोग किया जाता है। कमाल की बात है कि कुछ समय पहले तक ऐसे किसी शब्द का कोई वजूद ही नहीं था। लेकिन तेजी से ग्लेमराइज़ और शोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाली पीढ़ी इस नए शब्द को वजूद में लाई। सेल्फी शब्द की महत्ता को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी द्वारा इस शब्द को वर्ड ऑफ़ दी ईयर 2013 घोषित किया गया। खुद से लिया ये फोटोग्राफ (सेल्फी), लोकप्रियता का एक सांस्कृतिक मार्कर बन गया है और शोशल मीडिया पर काफी प्रचलित है। राष्ट्रपति से लेकर एक छात्र तक, सभी इसके मोह और आकर्षण से बंधे नज़र आते हैं।
ऑक्सफोर्ड संपादक के अनुसार खुद अपनी तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड और साझा करने का चलन 'सेल्फी' नाम से जाना जाने लगा है। एक आकलन के मुताबिक अंग्रेजी भाषा का यह सेल्फी शब्द पिछले साल की तुलना में 17,000 प्रतिशत अधिक बार इस्तेमाल में लाया गया। 'सेल्फी' के अलावा ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द इयर 2013 की रेस में ट्वर्क (ट्वर्क माइली साइरस के एक कामुक डांस स्टेप को कहा जाता है) और बिंग-वाच (बहुत टीवी देखना) जैसे शब्द भी शामिल हैं।
सेल्फी की लोकप्रियता का कारण
सेल्फी की यह लोकप्रियता स्वाभाविक है क्योंकि अजीब-अजीब मुद्रा में अपनी तस्वीरें खींचना और ऐसी तस्वीरों को लाइन लगाकर देखना आजकल बहुत ट्रेंडी माना जाता है। बताते हैं कि इस शब्द की शुरुआत 2002 में हुई थी, जब एक ऑस्ट्रेलियाई नौजवान देर रात शराब के नशे में धुत होकर मुंह के बल गिर पड़ा और अपना एक दांत तुड़ा बैठा। इसी मुद्रा में खींची हुई अपनी तस्वीर उसने अपनी पियक्कड़ जुबान में तुरंत अपलोड की (इस क्षमायाचना के साथ कि यह तस्वीर सेल्फी है, लिहाजा इसकी क्वालिटी पर न जाएं) और दो-तीन दिन के लिए दुनिया भर के अपने हमउम्र लड़के-लड़कियों के बीच हीरो बन गया।
अभी तो हाल यह है कि लगभग सारे सिलेब्रिटीज की सेल्फी तस्वीरें या वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं और चित्रकारों से अपना पोर्ट्रेट बनवाने वाले भी उनसे गुजारिश कर रहे हैं कि यह पोर्ट्रेट जरा सेल्फी टच में हो तो अच्छा रहेगा। ऐसी तस्वीरों की क्या खासियत है? एक तो यही कि कैमरे की नजर थोड़ा ऊपर से नीचे की तरफ होने पर ठुड्डी से जाहिर होने वाला मोटापा नजर नहीं आता। साथ में यह भी कि फोटो खींचने वाला अपनी वही शक्ल क्लिक करता है, जो उसे खुद सबसे अच्छी लगती है।
सेल्फी का क्रेज़
बॉलीवुड सेलेब्रिटी हों या फिर टेलीविज़न के सितारे कैमरे के सामने पोज देना सभी को अच्छा लगता है। इसके अलावा खुद के सेलफोन से खुद ही तस्वीर लेने का चलन भी उनमें खूब देखा जाता है, ऐसे पोज को सेल्फी कहा जाता है। सेल्फी ने सारे जमाने को क्रेजी बना दिया है। सेल्फी से लोगों को इस कदर प्यार हो गया वो हर समय इसी के दायरे में रहना पसंद करते हैं. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक, अभिनेता से लेकर नेता तक हर जगह सेल्फी है। सेलफोन या वेबकैम के जरिये खुद ही खुद की खींची गई तस्वीर, जिसे खींचने के तुरंत बाद किसी न किसी सोशल साइट पर डाल दिया जाता है।
सेल्फी के बाद पाउट
सेल्फी के बाद आजकल एक नया ट्रेंड आया है, जो पाउट (pout) के नाम से जाना जाता है। दरअसल पाउट का हिंदी शाब्दिक अर्थ होता है मुह फुलाने की मुद्रा या बाहर निकले हुए होंठ यानी होंठ बाहर की ओर निकालकर सेल्फी लेना या कैमरे के सामने पोज देना। यह ट्रेंड टीवी सेलिब्रिटीज के भी खूब सिर चढ़कर बोल रहा है। हाल ही में कलर्स के डांसिंग रियलटी शो 'झलक दिखला जा' के सेट पर तीनों जजेस माधुरी दीक्षित, करन जौहर और रेमो डिसूजा को कुछ ऐसे पोज देते देखा गया था।
पोप की तस्वीर
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार सेल्फी का साल 2002 में एक आस्ट्रेलियाई फोरम में इस्तेमाल हुआ। यह शब्द आम बोलचाल की भाषा में तब शामिल हुआ जब 2013 में सोशल मीडिया पर 'सेल्फ-पोट्रेट' फोटोग्राफ के शार्टकट् के रूप में इसका इस्तेमाल शुरू किया गया। इस साल यह शब्द तब काफी चर्चा में आया जब किशोर किशोरियों के साथ की पोप की एक तस्वीर सोशल साइट्स पर खूब मशहूर हुई। पोप की यह तस्वीर खूब शेयर की गई और इस पर ढेर सारी टिप्पणियां भी आईं।
'सेल्फी' की लोकप्रीयता का ही प्रभाव है कि अब मोबाइल कंपनियों ने भी ऐसे स्मार्टफोन बनाने शुरू कर दिये हैं जो खास तौर पर सेल्फी लेने वालों के लिए बने हैं।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के संपादकीय प्रमुख जूडी पियरसल के अनुसार फोटो शेयरिंग वेबसाइट्स फ्लिकर्स पर साल 2004 से ही सेल्फी को हैशटैग के साथ इस्तेमाल किया जाता है। मगर साल 2012 तक इसका इस्तेमाल इतना नहीं हुआ करता था। सेल्फी को अगस्त 2013 में ऑनलाइन ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल कर लिया गया था। पर यह अभी भी ऑक्सफोर्ड इंगलिश डिक्शनरी में शामिल नहीं हुआ है और इस पर अभी विचार चल रहा है।