ये 5 संकेत बताते हैं आप पड़ने वाले हैं बीमार, जानें कैसे सुनें अपने शरीर की आवाज

जब भी आपके साथ अचानक कुछ गलत होने वाला होता है तो आपकी बॉडी को उसका पता पहले ही चल जाता है। अगर आपको बात करने, चलने, देखने या फिर किसी के साथ संपर्क करने या सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसा महसूस होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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ये 5 संकेत बताते हैं आप पड़ने वाले हैं बीमार, जानें कैसे सुनें अपने शरीर की आवाज


जब भी आपके साथ अचानक कुछ गलत होने वाला होता है तो आपकी बॉडी को उसका पता पहले ही चल जाता है। अगर आपको बात करने, चलने, देखने या फिर किसी के साथ संपर्क करने या सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसा महसूस होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। आप थोड़ी देर में बेहतर महसूस करेंगे आपको इसका इंतजार नहीं करना चाहिए। अगर आपको स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ा है तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है। अगर आप इस बात से अंजान हैं तो हम आपको इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

 

उम्र बढ़ने पर दर्द आम

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाएगी प्राकृतिक रूप से आपकी बॉडी में कहीं न कहीं दर्द होना शुरू हो जाएगा। क्या आप देखते हैं कि आप उतने फ्लेक्सिबल या ताकतवर नहीं हैं, जितना की आपको होना चाहिए।  आपके जोड़ों में और आपकी रीढ़ की हड्डियों के बीच का कुशन टूटना शुरू हो सकता है। यह आपके चलने या ऊंठने-बैठने में बाधा पैदा कर सकता है या फिर सीमित कर सकता है। यह आपको सक्रिय रहने में मदद करता है, लेकिन जब दर्द दूर नहीं होता तो आपका डॉक्टर इसे प्रबंधित करने के लिए रिहेब व्यायाम दिनचर्या का सुझाव दे सकता है।

धड़कन की गति धीमी या तेज होना

अगर आप कुछ मिनटों तक या अक्सर दिल की गति तेज या धीमी या फिर घबराहट के साथ प्रकाशस्तंभ या चक्कर आने जैसा महसूस करते हैं तो यह एक बीमारी या दिल संबंधी समस्या हो सकता है। सीने में गंभीर दर्द या चलने व बोलने में परेशानी का मतलब दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है। अगर आपको एक आसान सी कसरत अचानक कठिन लगने लगती है तो आपको इस बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

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तनाव का बढ़ना

अगर आप तनाव में होंगे तब आपका किसी काम में मन नहीं लगेगा। तनाव के वक्त आपको ऊर्जा का आभाव, सिरदर्द, पेट में दिक्कत या अन्य लक्षण दिखाई देंगे। छोटी-मोटी चीजों से आपको भी दिक्कत सी महसूस होगी । अगर आपको इस तरह के संकेत दिखें तो समझ लीजिए आपको तनाव प्रंबधन की जरूरत आन पड़ी है। इससे निपटने में एक्सरसाइज, सकरात्मक रिश्ते, ध्यान लगाने, हंसने और जिस चीज से भी तनाव हो रहा है उससे ब्रेक लेने की जरूरत है।

आपका मूड पर निर्भर करती हैं बातें

सभी के साथ ऐसा वक्त आता है जब वह उदास और चिंतित सा महूसस करता है। लेकिन जब आप अवसाद या चिंतित होते हैं तो ये आपको शारीरिक और मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है। आपने देखा होगा कि जब आप बहुत रोते हैं, या अपने आप को दूसरों से अलग कर लेते हैं, जिन चीजों को आप सामान्य रूप से प्यार करते हैं उन्हें करने से बचते हैं, आपकी मांसपेशियों में तनाव होता हैं, ध्यान केंद्रित कर पाना मुश्किल हो जाता है तो आप सामान्य से अधिक (या कम) सोते या खाते हैं। इस स्थिति से निजात पाने के लिए आपको अपने चिकित्सक से बात करनी चाहिए।

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भूख में बदलाव होना

अगर आपको ऐसा पाते हैं कि आप सामान्य से बहुत अधिक, या बहुत कम खाने लगे हैं तो आपका शरीर आपको बता देता है कि कुछ सही नहीं चल रहा है। हो सकता है कि आप तनावग्रस्त हों और भावनात्मक कारणों से खा रहे हों। आपके उदास होने के कारण भी आपकी भूख कम हो जाती है। कुछ स्थितियां भी आपकी भूख को भी प्रभावित कर सकती हैं। आपको सक्रिय करने में  स्वादिष्ट व स्वस्थ भोजन मदद कर सकता है। अगर उससे भी मदद न मिले तो आप अपने डॉक्टर को बताएं।

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