
गर्भ निरोधकों का उपयोग करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित निष्कर्ष के अधार यह दावा किया गया है। इसके अनुसार 10 से अधिक समय तक 15 से 49 साल उम्र की महिलाओं के बीच यह अध्ययन किया गया है। डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ने कहा कि ऐसी महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक है जो वर्तमान में हार्मोनल गर्भ निरोधक का इस्तेमाल कर रही है जबकि इसके पहले उन्होंने कभी हार्मोनल गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल नहीं किया था।
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स्तन कैंसर का खतरा उन महिलाओं में अभी भी अधिक था, जिन्होंने हार्मोनल गर्भ निरोधकों का उपयोग पांच साल या उससे अधिक किया था। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि केवल अंतर्गर्भाशयी प्रणाली का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को अन्य महिलाओं की तुलना में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है। स्तन कैंसर की दर में कुल पूर्ण वृद्धि 1300 प्रति व्यक्ति है।
स्तन कैंसर के लक्षण
- स्तन कैंसर में स्तन पर या बांह के नीचे (बगल में) उभार या मोटापन आ जाता है।
- निप्पल से पानी या खून आने लगता है। स्तन कैंसर में निप्पल पर परत या पपड़ी सी बन जाती है
- निप्पल्स अंदर की ओर धंस जाते हैं।
- स्तन पर लालिमा या सूजन आ सकती है
- स्तन की गोलाई में कोई बदलाव जैसे एक का दूसरे की अपेक्षा ज़्यादा उभर आना
- स्तन की त्वचा पर कोई फोड़ा या अल्सर जो ठीक न होता हो
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