
टीबी एक ऐसा रोग जो संक्रमण के कारण सबसे ज्यादा फैलता है। हाल ही में आए आंकड़ों से साफ हुआ है कि टीबी के सबसे ज्यादा रोगी भारत में हैं। भारत में एमडीआर-टीबी रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है और बिना पहचान वाले टीबी रोगियों की संख्या भी कम नहीं है। मौजूदा समय में टीबी के 27.9 लाख मामले हैं जिसमें से 42.3 लाख लोगों की मौत और प्रति 100,000 लोगों में 211 नए संक्रमणों के चलते, भारत इस रोग में प्रथम स्थान पर है।
टीबी होने पर रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है, उसका वजन कम होने लगता है और रोगी को थकान महसूस होने लगती है। इसके साथ ही रोगी को खांसी व तेज बुखार भी होने लगता है। तपेदिक का प्रभाव रोगी के फेफड़ों, हडि्डयों, ग्रंथियों तथा आंतों में कहीं भी देखने को मिल सकता है। इसके बैक्टीरिया इतने सूक्ष्म होते हैं कि एक्स रे के जरिए ही उनकी पहचान की जा सकती है।
बच्चे भी हैं शिकार
वैश्विक अनुमान बताते हैं कि बच्चों में प्रत्येक वर्ष टीबी से लगभग 15 लाख नए मामले और 130000 मौतें होती हैं। टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होती है। बच्चे वयस्कों के साथ संपर्क में आने से क्षय रोग (टीबी) से संक्रमित हो सकते हैं। संक्रमण की वार्षिक दर 3 प्रतिशत है। हमारे देश में 3.4 मिलियन बच्चों को टीबी है।
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