HIV AIDs Se Kaise Bache: एड्स एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोग आपसे दूरी बनाने लगते हैं, या आपको गलत तरीके से देखते हैं। HIV एक ऐसा वायरस है, जो पीड़ित व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह बिगड़ सकता है। एड्स वायरस एक ऐसा संक्रमण है, जो न छूने से फैलता है, न साथ बैठने से फैलता है, लेकिन इसके बाद भी इसने दुनियाभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित किया हुआ है। एड्स न सिर्फ एक शारीरिक बीमारी है, बल्कि यह सामाजिक, मानसिक और आर्थिक रूप से भी व्यक्ति को तोड़ देता है। लेकिन, अगर आप चाहे तो इस बीमारी को खुद को होने से रोक सकते हैं। अगर हम कुछ खास सावधानी बरतें और अहम बातों का ध्यान रखें, तो इस बीमारी के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जयपुर के दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता (Dr. shikha gupta, Laparoscopic surgeon and IVF specialist, DIVA hospital and IVF centre) से जानते हैं से बाचव के लिए क्या करें? (aids se kaise bache)
एड्स से बचाव के उपाय - Tips To prevent AIDs in Hindi
लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता का कहना है कि, एड्स जैसी बीमारी से बचने के लिए न सिर्फ सुरक्षित यौन संबंध बनाना जरूरी है, बल्कि आपको अन्य कई बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, जिसमें-
1. ब्लड या ऑर्गन डोनेट करने से पहले सावधानी
अगर किसी व्यक्ति को एड्स है तो उसका ब्लड या अंग दूसरे व्यक्ति को डोनेट करना खतरनाक हो सकता है। इससे इंफेक्शन फैलने का पूरा खतरा होता है। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति HIV पॉजिटिव है तो उसे कभी भी ब्लड या ऑर्गन डोनेट नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति को नया ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया जा रहा है या ब्लड चढ़ाया जा रहा है तो उसकी भी पहले HIV जांच होना जरूरी है, ताकि स्वस्थ व्यक्ति को एड्स ट्रांसफर न हो। साथ ही, किसी भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन से पहले ब्लड का HIV टेस्ट करवाना जरूरी है।
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2. इंजेक्शन लेते समय सीरिंज और सुई की जांच
एड्स का इंफेक्शन एक इंफेक्टेड सुई या सीरिंज के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। खासकर ड्रग्स लेने वाले व्यक्तियों में HIV फैलने का यह एक बड़ा कारण होता है। इसलिए, किसी भी इंजेक्शन को लेने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि सुई और सीरिंज पूरी तरह नई और सील-पैक हो। अगर आप किसी क्लिनिक या अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं, तो डॉक्टर से खुलकर पूछें कि इस्तेमाल की जाने वाली सुई नई है या नहीं। एक बार इस्तेमाल की गई सुई या सीरिंज को फिर से किसी और पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
3. HIV पॉजिटिव महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग न कराएं
अगर किसी महिला को HIV है तो उसके दूध के जरिए बच्चे को इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे मामलों में हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही बच्चे को दूध देना चाहिए। कुछ खास स्थितियों में डॉक्टर की निगरानी में दवा के साथ ब्रेस्टफीडिंग कराया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह डॉक्टरर की सलाह पर निर्भर करता है। माता को समय-समय पर HIV की स्थिति पर निगरानी रखनी चाहिए ताकि बच्चे को HIV से सुरक्षित रखा जा सके।
4. ब्लड चढ़ाने से पहले ब्लड का HIV टेस्ट कराएं
कई बार एक्सिडेंट, सर्जरी या अन्य कारणों से किसी व्यक्ति को ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन, इस प्रक्रिया को सुरक्षित रखना जरूरी है। इसलिए, अगर HIV से सुरक्षित रहना है तो जरूरी है कि ब्लड हमेशा ऐसे बैंक से लेना चाहिए, जहां ब्लड में HIV सहित अन्य इंफेक्शन की जांत की जा चुकी हो। गलत स्थानों से ब्लड लेने से बचें और ब्लड खुद या अपने किसी को ब्लड चढ़ने से पहले HIV की जांच सुनिश्चित जरूर करें।
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5. सुरक्षित यौन संबंध बनाए
HIV इंफेक्शन फैलने का सबसे आम कारण असुरक्षित यौन संबंध है। यदि एक व्यक्ति HIV पॉजिटिव है और वह बिना किसी सुरक्षा के किसी दूसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है, तो यह इंफेक्शन सीधे दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकता है। इसलिए, हर बार सेक्स करने के दौरान कंडोम का उपयोग करें।कई मामलों में लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें HIV है, इसलिए शारीरिक संबंध हमेशा सुरक्षित तरीके से बनाना चाहिए।
निष्कर्ष
HIV कोई ऐसी बीमारी नहीं है जो छुने से फैलती है, बल्कि ये खून या गलत तरीके से यौन संबंध बनाने के कारण फैलती है। इसलिए, अगर आपको HIV जैसी बीमारी से बचना है तो जरूरी है कि आप इन बातों का ध्यान रखें और इंजेक्शन लगवाने के दौरान नए सीरिंज का इस्तेमाल करें और ब्लड लेने से पहले भी खून की HIV जांच करवाएं।
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FAQ
पुरुषों में एड्स के लक्षण क्या हैं?
पुरुषों में एड्स के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे हो सकते हैं, जिसमें बुखार, थकान, और मांसपेशियों में दर्द शामिल है। इसके अलावा, पुरुषों में एड्स के लक्षणों में सूजी हुई लिम्फ नोड्स, गले में खराश, रात को पसीना आना और वजन कम होना शामिल है।एड्स से शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?
एड्स के कारण आमतौर पर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है। HIV वायरस, जो एड्स का कारण बनता है, इम्यून सिस्टम के सेल्स को खत्म कर देता है, जिससे शरीर के इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।महिलाओं में एड्स के क्या लक्षण हैं?
महिलाओं में एड्स के लक्षणों में तेजी से वजन बढ़ना, लगातार दस्त या उल्टी, रात में पसीना आना आदि लक्षण शामिल हैं। इसके अलावा, बुखार, चकत्ते, मुंह में छाले और मांसपेशियां में दर्द की समस्या होना भी काफी आम है।