एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation), जोकि हृदय की अतालता (Cardiac arrhythmias) का एक प्रकार है। एट्रियल फिब्रिलेशन एक हृदय स्थिति है जहां व्यक्ति की दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। वैश्विक स्तर पर इस हृदय रोग से लगभग 33 मिलियन लोग प्रभावित हैं। यह स्थिति किसी भी दिल से जुड़ी बीमारी जैसे हाई बीपी या मोटापे, मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उत्पन्न हो सकती है। एट्रियल फिब्रिलेशन से स्ट्रोक और यहां तक कि दिल की विफलता (Heart Failure) हो सकती है।
एक अध्ययन से पता चलता है कि लम्बे लोगों को एट्रियल फिब्रिलेशन का खतरा हो सकत है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हर अतिरिक्त इंच के साथ, एट्रियल के कंपन का खतरा तीन प्रतिशत बढ़ जाता है। यह इंगित करता है कि ऊंचाई एट्रियल फिब्रिलेशन के लिए एक जोखिम कारक हो सकती है।
शोधकर्ता माइकल लेविन, एमडी, कार्डियोवस्कुलर मेडिसिन, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय ने कहा "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि एट्रियल फिब्रिलेशन के लिए जोखिम-पूर्वानुमान उपकरणों में ऊंचाई को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है,"
उन्होंने कहा, ''वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार एट्रियल फिब्रिलेशन के लिए व्यापक स्क्रीनिंग के खिलाफ सलाह है, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि मरीजों का एक निश्चित समूह, विशेष रूप से, बहुत लंबे रोगियों को स्क्रीनिंग से लाभ हो सकता है।''
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम ने एंथ्रोपोमेट्रिक ट्रायल्स (GIANT) और एट्रियल फ़िब्रिलेशन जेनेटिक्स (AFGen) संगठनों की आनुवांशिक जांच से लगभग 700,000 लोगों का डेटा लिया, जो एट्रियल फिब्रिलेशन और ऊंचाई के बीच संबंध का अध्ययन करते हैं। शोधकर्ताओं ने उनके बीच एक कड़ी स्थापित करने के लिए एक सांख्यिकीय पद्धति का उपयोग किया जहां उन्होंने पाया कि किसी व्यक्ति की ऊंचाई एट्रियल फिब्रिलेशन से निकटता से जुड़ी हुई है।
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वरिष्ठ शोधकर्ता स्कॉट डैमराउर ने बताया "ये विश्लेषण दिखाते हैं कि कैसे हम मानव आनुवंशिकी का उपयोग कर सकते हैं ताकि हमें आम बीमारी के लिए कारण जोखिम वाले कारकों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सके"।
"वे यह भी बताते हैं कि हम संस्थागत बायोबैंक से व्यक्तिगत स्तर के डेटा के साथ बड़े स्तर के अध्ययन से सारांश-स्तर के आंकड़ों को कैसे जोड़ सकते हैं ताकि मानव रोग की हमारी समझ को आगे बढ़ाया जा सके"।
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